जयपुर . राजधानी के एक निजी होटल राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला .कार्यक्रम में गौरीकांत शर्मा ने चर्चा-परिचर्चा में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर संवाद किया.
संवाद में साहित्यकार कुंदन माली ने कहा कि मेरी कविताओं का आलोचक मैं खुद ही हूं, हालांकि बिना आलोचक साहित्य में नयापन बनाना संभव अब नहीं है. क्योंकि राजस्थानी साहित्य शब्द रूप से सभी अंचलों का मिलाजुला संगम है. प्रभा खेतान और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस संवाद में बड़ी संख्या में साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे.