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जयपुर में राजस्थानी साहित्य संवाद 'आखर' का किया गया आयोजन

जयपुर में राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ. जिसमे साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला.कार्यक्रम में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर गौरीकांत शर्मा ने संवाद किया.

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Published : Jun 9, 2019, 3:59 PM IST

जयपुर में राजस्थानी साहित्य संवाद 'आखर' का आयोजन

जयपुर . राजधानी के एक निजी होटल राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला .कार्यक्रम में गौरीकांत शर्मा ने चर्चा-परिचर्चा में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर संवाद किया.

जयपुर में राजस्थानी साहित्य संवाद 'आखर' का किया गया आयोजन

संवाद में साहित्यकार कुंदन माली ने कहा कि मेरी कविताओं का आलोचक मैं खुद ही हूं, हालांकि बिना आलोचक साहित्य में नयापन बनाना संभव अब नहीं है. क्योंकि राजस्थानी साहित्य शब्द रूप से सभी अंचलों का मिलाजुला संगम है. प्रभा खेतान और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस संवाद में बड़ी संख्या में साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे.

जयपुर . राजधानी के एक निजी होटल राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला .कार्यक्रम में गौरीकांत शर्मा ने चर्चा-परिचर्चा में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर संवाद किया.

जयपुर में राजस्थानी साहित्य संवाद 'आखर' का किया गया आयोजन

संवाद में साहित्यकार कुंदन माली ने कहा कि मेरी कविताओं का आलोचक मैं खुद ही हूं, हालांकि बिना आलोचक साहित्य में नयापन बनाना संभव अब नहीं है. क्योंकि राजस्थानी साहित्य शब्द रूप से सभी अंचलों का मिलाजुला संगम है. प्रभा खेतान और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस संवाद में बड़ी संख्या में साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे.

Intro:जयपुर में राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ । जिसमे साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला । कार्यक्रम में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर गौरीकांत शर्मा ने संवाद किया...एक रिपोर्ट !




Body:एंकर : राजधानी के एक निजी होटल राजस्थानी साहित्य के सृजन में संवाद की कड़ी 'आखर' का आयोजन हुआ । जिसमें प्रसिद्ध साहित्यकार कुंदन माली से साहित्य प्रेमियों को रूबरू होने का अवसर मिला । कार्यक्रम में गौरीकांत शर्मा ने चर्चा परिचर्चा में साहित्यकार कुंदन माली की रचनाओं पर संवाद किया... संवाद में साहित्यकार कुंदन माली ने कहा, कि मेरी कविताओं का आलोचक में खुद ही हूं । हालांकि बिना आलोचक साहित्य में नयापन बनाना संभव अब नहीं है । क्योंकि राजस्थानी साहित्य शब्द रूप से सभी अंचलों का मिलाजुला संगम है । प्रभा खेतान और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस संवाद में बड़ी संख्या में साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे

बाईट- प्रमोद शर्मा, ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन


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