जयपुर. प्रदेश के करीब 49 हजार 23 निजी स्कूलों में विशेष शिक्षकों को नियुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं. विशेष योग्यजन राज्य आयुक्त ने शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों को 21 दिन में विशेष शिक्षक की नियुक्त किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इससे जहां विशेष योग्यजन छात्रों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा. साथ ही विशेष शिक्षकों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.
विशेष योग्यजन राज्य आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने बताया कि राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के तहत विशेष योग्यजन बच्चों के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रावधान किए गए हैं. साथ ही 2012 में एक संशोधन किया गया जिसके तहत विशेष बच्चों की इंक्लूसिव एजुकेशन की ओर ध्यान आकर्षित किया गया. इसके बाद दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016) के सेक्शन 2 और सेक्शन 16 के तहत ऐसे स्कूल जो सरकार से मान्यता प्राप्त हो या सरकार से सहायता प्राप्त करते हैं उनमें विशेष योग्यजन बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया गया है.
इन प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए और वर्तमान में विशेष योग्यजन बच्चों की स्थिति को देखते हुए, विशेष योग्यजन राज्य आयुक्त ने सुओ-मोटो आदेश जारी करते हुए सभी निजी स्कूलों में विशेष शिक्षक नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि सीडब्ल्यूएसएन (विशेष आवश्यकता वाले बच्चे) यदि सरकारी स्कूलों में अध्ययन के लिए जाते हैं तो सालाना 8 हजार से 10 हजार रुपए राजस्थान सरकार की ओर से यात्रा भत्ता और स्टाईपेंड के रूप में दिया जाता है. इसके अलावा हाल ही में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा कराई गई, जिसके जरिए विशेष शिक्षकों की भी भर्ती की जा रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र का भी विशेष योग्यजन बच्चों के लिए उतना ही दायित्व है. नियमों के तहत भी निजी विद्यालयों को विशेष शिक्षक नियुक्त करने की पालना करनी चाहिए. जिन स्कूलों में विशेष शिक्षक नहीं हैं, वहां विशेष योग्यजन छात्रों के एडमिशन नहीं होना भी तय है. विशेष शिक्षक नियुक्त करने से विशेष योग्यजन छात्रों को निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग को आगामी 21 दिनों में सभी निजी स्कूलों में विशेष शिक्षक नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य में करीब 49 हजार 23 निजी स्कूल हैं. प्राइवेट स्कूल सबसे ज्यादा जयपुर में 6 हजार 941, इसके बाद अलवर में 3 हजार 14 और सीएम के गृह जिले जोधपुर में 2 हजार 996 हैं. विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा, शिक्षा के समान अवसर प्रदान कराने के उद्देश्य से ये बड़ा फैसला लिया गया है. इससे विशेष शिक्षकों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.