जयपुर. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच आटा और गेहूं के दाम भी बढ़ रहे हैं. इन दामों को कम करने के लिए भारत सरकार ने खुले बाजार में बिक्री की योजना शुरू की है. इस योजना के तहत राजस्थान में फरवरी और मार्च महीने में करीब 20,25,580 मैट्रिक टन गेहूं खुले बाजार में बेचा गया. इसके साथ ही एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार और NAFAD को भी 21.50 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं लेकर भारत आटा के नाम से आटा अधिकतम 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से आमजन को मुहैया करवाने के लिए अधिकृत किया गया है.
भारतीय खाद्य निगम के राजस्थान क्षेत्र महाप्रबंधक सौरभ कुमार चौरसिया ने आज मंगलवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इस योजना से खाद्यान्न की व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है और गेहूं व आटे की बढ़ती कीमतों को कम करने में मदद मिली है. इससे आमजन को राहत मिल रही है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की इसी योजना के तहत बाजार भाव को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में दिसंबर 2023 तक 15 लाख मैट्रिक टन गेहूं और अक्टूबर 2023 तक 5 लाख मैट्रिक टन चावल की बिक्री की जाएगी. इसके तहत राजस्थान में 15,010 मैट्रिक टन गेहूं बेचा जा चुका है.
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इस योजना के तहत गेहूं खरीदने वाले आटा चक्की संचालकों को M-Junction वेबसाइट या एप पर पंजीयन करवाना अनिवार्य है और हर बुधवार को इसके लिए खरीद प्रक्रिया की जा रही है. उन्होंने सभी आटा चक्की संचालकों को इस खरीद प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की है ताकि योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके. उन्होंने बताया कि खुली बोली में न्यूनतम 10 मैट्रिक टन से लेकर अधिकतम 100 मैट्रिक टन तक खाद्यान्न खरीदने के लिए बोली लगाई जा सकती है. इसके लिए हर बुधवार को निविदा आमंत्रित की जा रही है.
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प्रदेश में खाद्य सुरक्षा के 4.33 करोड़ लाभार्थीः उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वर्तमान में 4.33 करोड़ लाभार्थी हैं. जिन्हें खाद्यान्न का वितरण 27,036 दुकानों के माध्यम से किया जा रहा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में भारत सरकार द्वारा 2,30,882 मैट्रिक टन गेहूं का आवंटन हर महीने निर्धारित किया गया है. इसके अलावा पीएम पोषण, बाल वाटिका और समेकित बाल विकास योजना (ICDS) योजना में भी लाभार्थियों को गेहूं और फोर्टिफाइड चावल का आवंटन किया जा रहा है.
योजनाओं के लाभार्थियों के लिए है पर्याप्त गेहूंः उन्होंने बताया कि प्रदेश में अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक 43.77 लाख मैट्रिक टन गेहूं और 0.75 लाख मैट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण लाभार्थियों को किया गया है. भारत सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से कोई भी राशनकार्डधारी देश में कहीं से भी राशन ले सकता है. इससे प्रवासी कामगार सबसे ज्यादा लाभान्वित हुए हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों को निशुल्क खाद्यान्न जनवरी 2023 से राज्य सरकार को मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एफसीआई के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य खाद्य योजनाओं के अंतर्गत जारी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है.
एफसीआई का चावल बेचने पर कर्नाटक-केंद्र आमने-सामनेः एफसीआई का चावल बेचने के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार आमने-सामने हो गई थी. कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया कि सभी राज्यों ने केंद्र के बफर स्टॉक से चावल लेना शुरू कर दिया तो उनकी मांग पूरी करने के लिए एफसीआई के पास पर्याप्त चावल नहीं बचेगा. यह फैसला चावल की खुदरा कीमतों की जांच करने के लिए लिया गया है ताकि बाजार में यह संदेश जाए कि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त चावल है, हालांकि, गैर भाजपा शासित 16 राज्यों ने सरकार के इस फैसले से सहमति जताई है.