जयपुर. ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग की लत युवाओं को बर्बाद कर रही है. तकनीक का इस्तेमाल कर सट्टेबाजों ने मोबाइल को जुए और सट्टे के अड्डे में बदल दिया है. जिसकी जद में शहर के साथ साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों के युवा भी फंस रहे हैं. खास बात यह है कि इस पूरे खेल में फर्जी आईडी के जरिए जारी किए गए सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेजों से खुलवाए गए बैंक खातों का भी धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है. हालांकि, जानकारी मिलने पर पुलिस ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ कार्रवाई करती है. लेकिन फिलहाल कोई बड़ा अभियान इसको लेकर अभी तक देखने को नहीं मिला है. ऐसे में ऑनलाइन सट्टेबाजों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं.
ऑनलाइन सट्टेबाजी की दुनिया में इन दिनों महादेव बुक एप सबसे चर्चित है. जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय तफ्तीश में जुटा है और कई सेलिब्रिटिज को भी जांच के दायरे में लिया गया है. लेकिन ऐसे कई ऑनलाइन मोबाइल एप हैं. जो हजारों युवाओं को बर्बादी के दलदल में धकेल रहे हैं और खुद ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं. ऐसे ही एक मामले का पिछले दिनों सवाई माधोपुर पुलिस ने खुलासा किया था.
34 हजार लोग जुड़े एप से, 29 लाख का हिसाब : ऑनलाइन एप बनाकर अवैध रूप से सट्टा लगवाने के आरोप में विजयदीप नाम के 27 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया. सवाई माधोपुर एसपी हर्षवर्धन सिंह अग्रवाला का कहना है कि मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की गई. आरोपी के पास दो मोबाइल, कई बैंकों की पासबुक, 15 एटीएम कार्ड और एक थार गाड़ी जब्त की है. इस एप पर 29 लाख रुपए का हिसाब मिला है. जबकि करीब 34 हजार लोग इस एप से जुड़े थे.
सात लोगों को पकड़ा तो मिला 62 लाख का हिसाब : नागौर पुलिस ने 23 नवंबर 2022 को बड़ी कार्रवाई करते हुए तोषीणा गांव से सात युवकों को ऑनलाइन सट्टा लगवाते गिरफ्तार किया था. इनके पास एप में 62 लाख रुपए का हिसाब मिला था. इस सट्टेबाजी एप के जरिए ही ग्रामीणों के खाते में भी ट्रांजेक्शन होने की जानकारी मिली थी. हालांकि, बताया जा रहा है कि इस सट्टा गिरोह के तार दुबई से जुड़े हुए थे.
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ईडी की जांच में महादेव एप में 800 करोड़ का ट्रांजेक्शन : मध्य प्रदेश में महादेव बुक एप से सट्टे की ऑनलाइन खाईवाली का खुलासा हुआ तो प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी जांच शुरू की. इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि महादेव बुक एप से सट्टे की खाईवाली दुबई से की जा रही है. इस एप से राजस्थान में करीब 800 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन के सबूत भी ईडी के हाथ लगे हैं. खास बात यह है कि इसमें से 70 फीसदी का ट्रांजेक्शन नागौर जिले के खातों में हुआ है. अब ईडी इन बैंक खाताधारकों की जानकारी जुटाकर जांच पड़ताल में लगी है.
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कर्ज के दलदल में फंसकर अपराध की राह : ऑनलाइन एप के जरिए सट्टेबाजी में लिप्त युवा कर्ज के दलदल में फंस रहे हैं. कई बार ऐसे युवाओं की ओर से खुदकुशी किए जाने के मामले सामने आते रहते हैं. इसके साथ ही कर्ज के जाल में फंसकर युवा अपराध की राह भी पकड़ रहे हैं. वाहन चोरी, नकबजनी, ठगी और अपहरण कर फिरौती वसूलने के कई मामलों में पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के कर्ज में फंसे युवा इन आपराधिक वारदात में लिप्त पाए गए हैं.