जयपुर. प्रदेश वासियों को पशुओं से होने वाले जूनोटिक संक्रमण से बचाने के लिए स्टेट वन-हेल्थ एक्शन प्लान बनाया जाएगा. इसके तहत जूनोटिक बीमारियों का नियंत्रण और रोकथाम किया जाएगा. इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के एनसीडी, सीडीसी जैसे संस्थानों का भी सहयोग लिया जाएगा.
कोविड जैसी महामारी का सामना कर चुके प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे ने जूनोटिक संक्रमण वाली बीमारियों पर रोकथाम के लिए पहले ही तैयार रहने की प्लानिंग की है. इसे लेकर एसीएस हेल्थ शुभ्रा सिंह ने शुक्रवार को जयपुर में मल्टी सेक्टरल कंसल्टेशन की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन संस्थान के संयुक्त रूप से मंथन कर देश में पहले राजस्थान स्टेट वन-हेल्थ एक्शन प्लान की रूपरेखा तैयार करेंगे.
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वन-हेल्थ एक्शन प्लान लागू किया जाएगा : उन्होंने बताया कि मनुष्य में 60 प्रतिशत बीमारियों के संक्रमण के कारण प्राकृतिक और जूनोटिक होते हैं, जिसमें वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, पैरासाइट्स और प्रोटोजोआ से फैलने वाला संक्रमण शामिल है. इसे लेकर अब नगरीय निकायों और वर्किंग एरिया में प्राकृतिक स्थितियों के आधार पर वन-हेल्थ एक्शन प्लान लागू किया जाएगा.
बीते दिनों राजस्थान में रेबीज उन्मूलन के लिए भी इसी तरह का स्टेट एक्शन प्लान लागू किया गया था. अब जूनोटिक डिजीज कंट्रोल के लिए तैयार किए जाने वाले वन-हेल्थ एक्शन प्लान बनाया जा रहा है. एसीएस ने बताया कि प्लान से जुड़े अधिकतर संसाधन उपलब्ध हैं और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा. इस दौरान स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के साथ-साथ एनसीडीसी, पशुपालन विभाग और सीडीसी के अधिकारी और विशेषज्ञ भी मौजूद रहे.