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स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन 48.12 फीसदी अभ्यर्थी ही रहे शामिल

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Published : Jan 4, 2020, 7:19 PM IST

राजधानी में 288 परीक्षा केंद्रों पर दूसरे दिन हुई स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में लगभग 48 प्रतिशत ही परीक्षार्थी शामिल रहे. इसका मुख्य कारण था कि परीक्षा केन्द्रों का दूर पड़ जाना. इसके साथ ही इस परीक्षा के लिए कुछ शिक्षकों ने भी आवेदन दिए थे, लेकिन पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगने के कारण वे भी नहीं आ पाए.

Jaipur news, जयपुर की खबर
स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी रहा फेल

जयपुर. बड़े आंदोलन के बाद शुरू हुई स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी फेल रहा. राजधानी में 288 परीक्षा केंद्रों पर दूसरे दिन पहली पारी में हुई संस्कृत की परीक्षा में परिक्षार्थियों की 48.12 प्रतिशत ही उपस्थिति रही. यानी कि 21051 पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 10129 परीक्षार्थी ही परीक्षा देने पहुंचे. बाकी 10922 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं गए.

स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी रहा फेल

वहीं, दूसरी पारी में हुई राजस्थानी की परीक्षा में तो परीक्षार्थियों के 44.15 प्रतिशत ही उपस्थिति रही. इसमें 1008 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 438 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी. बाकी के 554 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे. आरपीएससी ने 5 हजार रिक्त पदों के लिए भर्ती निकाली थी, जिसमें 6 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन परीक्षा के पहले दिन ही एक लाख अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हो गए. क्योंकि दूरदराज परीक्षा केंद्र होने से ये परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे. जयपुर सहित प्रदेशभर में परीक्षा की स्थिति ऐसी ही रही.

पढ़ें- Special: संघ की तर्ज पर कांग्रेस भी तैयार करेगी प्रेरक, 14 जनवरी को होंगे इंटरव्यू

अभ्यर्थियों की संख्या परीक्षा में कम रहने का प्रमुख कारण दूसरे संभागों में परीक्षा केंद्र का आना रहा. इस कारण कई महिला अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं गई, जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर रोष भी जताया. वहीं दूसरा कारण इस परीक्षा में बड़ी संख्या में शिक्षक भी रजिस्टर्ड थे, लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा दी गई, इस कारण वे परीक्षा देने नहीं आ पाए.

जयपुर. बड़े आंदोलन के बाद शुरू हुई स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी फेल रहा. राजधानी में 288 परीक्षा केंद्रों पर दूसरे दिन पहली पारी में हुई संस्कृत की परीक्षा में परिक्षार्थियों की 48.12 प्रतिशत ही उपस्थिति रही. यानी कि 21051 पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 10129 परीक्षार्थी ही परीक्षा देने पहुंचे. बाकी 10922 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं गए.

स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी रहा फेल

वहीं, दूसरी पारी में हुई राजस्थानी की परीक्षा में तो परीक्षार्थियों के 44.15 प्रतिशत ही उपस्थिति रही. इसमें 1008 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 438 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी. बाकी के 554 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे. आरपीएससी ने 5 हजार रिक्त पदों के लिए भर्ती निकाली थी, जिसमें 6 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन परीक्षा के पहले दिन ही एक लाख अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हो गए. क्योंकि दूरदराज परीक्षा केंद्र होने से ये परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे. जयपुर सहित प्रदेशभर में परीक्षा की स्थिति ऐसी ही रही.

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अभ्यर्थियों की संख्या परीक्षा में कम रहने का प्रमुख कारण दूसरे संभागों में परीक्षा केंद्र का आना रहा. इस कारण कई महिला अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं गई, जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर रोष भी जताया. वहीं दूसरा कारण इस परीक्षा में बड़ी संख्या में शिक्षक भी रजिस्टर्ड थे, लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा दी गई, इस कारण वे परीक्षा देने नहीं आ पाए.

Intro:जयपुर- बड़े आंदोलन के बाद शुरू हुई स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा का दूसरा दिन भी फेल रहा। जयपुर जिले में 288 परीक्षा केंद्रों पर दूसरे दिन पहली पारी में हुई संस्कृत की परीक्षा में 48.12 प्रतिशत ही उपस्थिति रही। यानी कि 21051 पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 10129 परीक्षार्थी ही परीक्षा देने पहुँचे बाकी 10922 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं गए। वही दूसरी पारी में हुई राजस्थानी में तो 44.15 प्रतिशत ही उपस्थिति रही। इसमें 1008 परीक्षार्थी पंजीकृत थे जिसमें से 438 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा दी बाकी 554 परीक्षा देने ही नहीं पहुँचे। आरपीएससी ने 5 हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी जिसमें 6 लाख लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन परीक्षा के पहले दिन ही एक लाख अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हो गए। क्योंकि दूरदराज परीक्षा केंद्र होने से ये परीक्षार्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुँचे।


Body:जयपुर सहित प्रदेशभर में परीक्षा की स्थिति ऐसी ही रही। अभ्यर्थियों की संख्या परीक्षा में कम रहने का प्रमुख कारण दूसरे संभागों में परीक्षा केंद्र आना रहा। इस कारण कई महिला अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं गई जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर रोष जताया। वही दूसरा कारण इस परीक्षा में बड़ी संख्या में शिक्षक भी रजिस्टर्ड थे लेकिन शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा दी गई इस कारण वे परीक्षा देने नहीं आ पाए।


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