नई दिल्ली. लोकसभा के शीतकालीन सत्र के 11 वें दिन प्रदेश के कई सांसदों ने विभिन्न मुद्दे उठाए. सत्र के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल, पी.पी चौधरी, सुभाष चंद्र बहेरिया, दुष्यंत सिंह समेत कई नेताओं ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो: हनुमान बेनीवाल
रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि विदेशों में पढ़ रहे देश के विभिन्न राज्यों के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और विधेयक मंत्री का ध्यान आकर्षित किया.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस मुद्दे में उनकी मूल भावना है कि विदेशों में यहां के जो छात्र पढ़ रहे है. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश को कदम उठाने की जरुरत है. जिससे विदेश में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा
सांसद पी. पी. चौधरी ने उठाया पानी का मुद्दा
सांसद पी. पी. चौधरी ने सदन में पानी से जुड़े हुए मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि हम पानी की समस्या से हमेशा जूझते रहते हैं, चाहे पीने का पानी हो या सिंचाई का. देश में पानी की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है. लेकिन उसे टैप और मैनेज करना बड़ा विषय है.
सांसद ने कहा कि पानी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण विषय है. जिसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है. 2024 तक हर घर को टेप वाटर मिले, ये तभी संभव होगा जब हम नदियों को आपस में जोड़ने का काम करें.
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उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सोच थी कि जब तक हम नदियों को जोड़ने का काम नहीं करेंगे, तब तक किसानों को सिंचाई या पीने का पानी नहीं पहुंचा सकते. पूर्व पीएम वाजपेयी के इस सोच के तहत काम आगे बढ़ाने का काम हमारे वर्तमान पीएम मोदी ने.
सांसद ने कहा कि राजस्थान में जिस हिसाब से सूखा पड़ता है, पानी की समस्या इतनी जबरदस्त है कि कई बार पानी बड़े-बड़े शहरों को ट्रेन से सप्लाई किया जाता है. लेकिन, इस पर आज तक किसी ने नहीं सोचा, इस पर पीएम मोदी ने सोचा कि इस तरह से ट्रेन से नहीं बल्कि नल से पानी घर-घर पहुंचना चाहिए.
भीलवाड़ा सांसद सुभाष बेहड़िया ने उठाया डीएमएफ फंड का मुद्दा
भीलवाड़ा सांसद सुभाष बेहड़िया ने डीएमएफ फंड का मुद्दा उठाते हुए इस संबंध में निर्देशित करने तथा इस फंड में जमा राशि को एक निश्चित समय में खर्च करने को लेकर प्रावधान करने की मांग की. उन्होंने सदन में बोलते हुए कहा कि जिस जिले में जो खनन कार्य हो रहा है, खनिज निकाला जा रहा है, उसका कुछ प्रतिशत वहां के विकास के लिए ट्रस्ट के माध्यम से सरकारी फंड बना हुआ है.
भीलवाड़ा में बड़ा खनन क्षेत्र है, वहां के डीएमएफ फंड में करीब 400 करोड़ रुपए जमा है, लेकिन वहां की राज्य सरकार उसे खर्च नहीं कर रही है. वह राशि ऐसे ही पड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि डीएमएफ फंड की राशि जमा होने के बाद एक से दो साल के भीतर खर्च किया जाए, इसके लिए निर्देशित करने के साथ ही, फंड में इस तरह का प्रावधान किया जाए.