जयपुर. प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को आरजीएचएस और आम जनता को चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा. हालांकि, प्रदेश का चिकित्सा महकमा इन दोनों योजनाओं के इतर फिलहाल केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर फोकस किए हुए हैं. ऐसे में कर्मचारी वर्ग असमंजस में है कि उन्हें पुरानी योजनाओं का लाभ मिलेगा या नहीं. इसी को लेकर शनिवार को प्रदेश के नर्सेज नेता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिले और उन्हें बीते छह महीने से आमजन, पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के इलाज में आ रही परेशानियों से अवगत कराया.
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्यारे लाल चौधरी और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों के वेतन से काटे जाने वाली करीब 450 करोड़ की राशि भी उनके इलाज की बजाय अन्य मद में काम ली जा रही है. इससे राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स का कैशलैस इलाज भी बंद हो गया है.
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ऐसे में मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में उनकी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात हो चुकी है और फैसला लिया जा चुका है कि राज्य में 25 लाख तक का इलाज निशुल्क किया जाएगा. अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स का बकाया भुगतान करने का फैसला भी लिया जा चुका है और उनकी बकाया राशि का भुगतान भी जल्द कर किया जाएगा. ताकि आरजीएचएस और दूसरी सरकारी योजनाओं के तहत निशुल्क इलाज को सुनिश्चित किया जा सके.
हालांकि, फिलहाल पूर्ववर्ती सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना लगभग बंद हो चुकी है और उसका पोर्टल भी नहीं खुल रहा है. वहीं, चिकित्सा महकमे का पूरा जोर आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.42 करोड़ परिवारों के कार्ड बनाने पर है. चर्चा यह भी है कि ये कार्ड आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से बनाए जाएंगे.