जयपुर. प्रदेश में जिन दो संगीन वारदातों को पुलिस और एसओजी नहीं सुलझा पा रही है, उसमें पहली वारदात चूरू जिले में वर्ष 2013 में हुई थी. जहां 7 वर्षीय बालिका रेणुका का अपहरण कर लिया गया था. हालांकि चूरू पुलिस ने काफी प्रयास किया, लेकिन वह अपहरणकर्ताओं का कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा पाई थी. जिसके बाद इस केस को एसओजी/एटीएस को ट्रांसफर किया गया था. एसओजी और एटीएस की टीम ने भी काफी प्रयास किए लेकिन वह अपहरणकर्ताओं का आज तक कोई भी सुराग नहीं जुटा पाई है. जिसके बाद अपहरणकर्ताओं का सुराग देने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है.
इसी तरह दूसरी वारदात हनुमानगढ़ जिले के नोहर थाना इलाके की है. जहां पर एक ई-मित्र संचालक पवन कुमार व्यास की निर्मम हत्या कर दी गई थी और यह घटनाक्रम वर्ष 2017 में घटित हुआ था. यह केस भी एसओजी को ट्रांसफर किया गया था और इसमें भी हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिलने पर हत्यारों का पता बताने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है. हालांकि जो आदेश जारी किए गए हैं, उसमें आरोपियों की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाने का हवाला भी दिया गया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इनाम राशि बढ़ाए जाने के बाद क्या कोई व्यक्ति सामने आता है जो इन अनसुलझी वारदातों को सुलझाने में पुलिस की मदद कर पाता है.