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जयपुर में फल-सब्जी विक्रेताओं की 'NO-ENTRY'...सिर्फ 910 को इजाजत, 10 हजार से ज्यादा परिवार प्रभावित

शहर की सड़कों पर घूम-घूम कर 19 फल और सब्जी विक्रेताओं के 19 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद पिंकसिटी में फल-सब्जी बिक्रेताओं की नो-एंट्री कर दी गई है. निगम ने सिर्फ 910 फल सब्जी बिक्रेताओं को इजाजत दी है. इन हालातों में अब करीब 10 हजार परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है.

vegetable vendors, सब्जी विक्रेता
जयपुर में फल-सब्जी विक्रेताओं की 'NO-ENTRY'
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Published : May 20, 2020, 3:04 PM IST

जयपुर. राजधानी में कोरोना वायरस के आंकड़े हर दिन बढ़ रहे हैं. लेकिन चिंता की बात अब यह है कि, शहर की सड़कों पर घूम रहे फल सब्जी विक्रेताओं में 19 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. ऐसे में जिला प्रशासन के निर्देश पर निगम-प्रशासन ने 910 सब्जी फल विक्रेताओं की जांच कर उन्हें पुराने 91 वार्डों के लिए अनुमति दी गई है, और अनाधिकृत फल-सब्जी विक्रेताओं पर कार्रवाई की बात की जा रही है. ऐसे में प्रशासन के इस फैसले से उन हजारों परिवारों को धक्का लगा है, जिनका गुजारा फल-सब्जी बेचकर चल रहा है.

जयपुर में फल-सब्जी विक्रेताओं की 'NO-ENTRY'

इसके अलावा राजधानी में ठेला और चाट-पकौड़ी संचालक इसके अलावा आइसक्रीम-फालूदा बेचने या रद्दी का काम करने वाले इसकी चपेट में हैं. इनमें से ज्यादा लोगों ने गुजर-बसर करने के लिए फल और सब्जी बेचना शुरू किया था लेकिन अचानक सब्जी-फल विक्रेताओं की संख्या बढ़ने और उनके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से प्रशासन भी सख्त हो गया. पुराने 91 वार्डों को मद्देनजर रखते हुए 910 सब्जी फल विक्रेताओं को पास आवंटित किए, साथ ही चेतावनी दी गई है कि अब अनाधिकृत रूप से संचालित सब्जी फल विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी.

अब नगर निगम की विजिलेंस टीम अनाधिकृत फल-सब्जी विक्रेताओं के ठेले भी जप्त कर रही है. प्रशासन के इस कदम से उन परिवारों में मायूसी छा गई है जिनका गुजर-बसर इन्हीं सब्जी फल बेचकर चल रहा है. सब्जी-फल विक्रेताओं ने बताया कि, सालों से वो यही काम कर रहे हैं लेकिन निगम कार्यालय पर जाने के बावजूद भी उनका पास नहीं बनाया गया.

क्योंकि घर भी चलाना है, ऐसे में बिना पास के वो सब्जी-फल बेचने को मजबूर हैं. यही दर्द उन लोगों का भी है जो सब्जी बेचने से पहले दूसरा काम किया करते थे. इस सभी के सामने अब अपने परिवार को पालने का संकट है. अगर घर से बाहर निकलते हैं तो पुलिस के डंडे खाने का डर भी ऐसे में सवाल यह है अब इन परिवारों का गुजरा कैसे होगा या फिर सराकर की तरह से इनके लिए कुछ व्यवस्था की जाएगी.

ये भी पढ़े: विष्णु गुर्जर...उन शवों का अंतिम संस्कार करते हैं, जिसे लेने से परिजन मना कर देते हैं

निगम द्वारा कहां कितने फल-सब्जी विक्रेताओं को अनुमति:
सिविल लाइन्स - 180
मोती डूंगरी - 93
विद्याधर नगर - 210
सांगानेर - 121
मानसरोवर - 113
हवामहल ईस्ट - 135
हवामहल वेस्ट - 48
आमेर - 10
कुल - 910

ये भी पढ़ें: भरतपुर: 15 जून से 2 लाख हेक्टेयर में शुरू होगी खरीफ की बुवाई, कृषि विभाग के पास 567 मीट्रिक टन बीज तैयार

निगम की इस कार्रवाई से 10 हजार से भी ज्यादा गरीब परिवार प्रभावित हुए हैं. ये सभी परिवार परेशान हैं लेकिन इस उम्मीद के साथ है कि शायद सरकार हमारी सुन ले या फिर हमारा दर्द उसे दिख आए ताकि हमारे बच्चे और हम भूखे ना साएं.

जयपुर. राजधानी में कोरोना वायरस के आंकड़े हर दिन बढ़ रहे हैं. लेकिन चिंता की बात अब यह है कि, शहर की सड़कों पर घूम रहे फल सब्जी विक्रेताओं में 19 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. ऐसे में जिला प्रशासन के निर्देश पर निगम-प्रशासन ने 910 सब्जी फल विक्रेताओं की जांच कर उन्हें पुराने 91 वार्डों के लिए अनुमति दी गई है, और अनाधिकृत फल-सब्जी विक्रेताओं पर कार्रवाई की बात की जा रही है. ऐसे में प्रशासन के इस फैसले से उन हजारों परिवारों को धक्का लगा है, जिनका गुजारा फल-सब्जी बेचकर चल रहा है.

जयपुर में फल-सब्जी विक्रेताओं की 'NO-ENTRY'

इसके अलावा राजधानी में ठेला और चाट-पकौड़ी संचालक इसके अलावा आइसक्रीम-फालूदा बेचने या रद्दी का काम करने वाले इसकी चपेट में हैं. इनमें से ज्यादा लोगों ने गुजर-बसर करने के लिए फल और सब्जी बेचना शुरू किया था लेकिन अचानक सब्जी-फल विक्रेताओं की संख्या बढ़ने और उनके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से प्रशासन भी सख्त हो गया. पुराने 91 वार्डों को मद्देनजर रखते हुए 910 सब्जी फल विक्रेताओं को पास आवंटित किए, साथ ही चेतावनी दी गई है कि अब अनाधिकृत रूप से संचालित सब्जी फल विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी.

अब नगर निगम की विजिलेंस टीम अनाधिकृत फल-सब्जी विक्रेताओं के ठेले भी जप्त कर रही है. प्रशासन के इस कदम से उन परिवारों में मायूसी छा गई है जिनका गुजर-बसर इन्हीं सब्जी फल बेचकर चल रहा है. सब्जी-फल विक्रेताओं ने बताया कि, सालों से वो यही काम कर रहे हैं लेकिन निगम कार्यालय पर जाने के बावजूद भी उनका पास नहीं बनाया गया.

क्योंकि घर भी चलाना है, ऐसे में बिना पास के वो सब्जी-फल बेचने को मजबूर हैं. यही दर्द उन लोगों का भी है जो सब्जी बेचने से पहले दूसरा काम किया करते थे. इस सभी के सामने अब अपने परिवार को पालने का संकट है. अगर घर से बाहर निकलते हैं तो पुलिस के डंडे खाने का डर भी ऐसे में सवाल यह है अब इन परिवारों का गुजरा कैसे होगा या फिर सराकर की तरह से इनके लिए कुछ व्यवस्था की जाएगी.

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निगम द्वारा कहां कितने फल-सब्जी विक्रेताओं को अनुमति:
सिविल लाइन्स - 180
मोती डूंगरी - 93
विद्याधर नगर - 210
सांगानेर - 121
मानसरोवर - 113
हवामहल ईस्ट - 135
हवामहल वेस्ट - 48
आमेर - 10
कुल - 910

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निगम की इस कार्रवाई से 10 हजार से भी ज्यादा गरीब परिवार प्रभावित हुए हैं. ये सभी परिवार परेशान हैं लेकिन इस उम्मीद के साथ है कि शायद सरकार हमारी सुन ले या फिर हमारा दर्द उसे दिख आए ताकि हमारे बच्चे और हम भूखे ना साएं.

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