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पार्षदों के झगड़े पर जयपुर मेयर का अजीबो-गरीब तर्क, बोले- अप्रैल फूल बनाया

इस पूरे मामले में पार्षद और चेयरमैन के गरिमामय पदों का तो अपमान हुआ ही साथ ही निगम की मर्यादा भी तार-तार हुई.

दो पार्षदों के बीच बवाल पर मेयर का अजीबो गरीब तर्क
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Published : Apr 6, 2019, 7:09 PM IST

जयपुर. जयपुर नगर निगम मुख्यालय पर चाय-पानी की बात पर कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी और सफाई चेयरमैन राजेश बिवाल के बीच 2 अप्रैल को तनातनी हो गई थी. निगम के कई कर्मचारी इस विवाद के चश्मदीद तक बन गए थे.

इस पूरे मामले में पार्षद और चेयरमैन के गरिमामय पदों का तो अपमान हुआ ही साथ ही निगम की मर्यादा भी तार-तार हुई. बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई करने के महापौर विष्णु लाटा इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं. लाटा ने कहा कि हिंदू संस्कृति में चाय पी और पिलाई जाती है लेकिन पार्षद इस मजाक को समझ नहीं पाए और गुस्से में आ गए.

वीडियोः दो पार्षदों के बीच बवाल पर मेयर का अजीबो गरीब तर्क

उधर, सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो भी पार्षद....मैं भी पार्षद...इसी दोस्ती की वजह से उन्हें चाय की बात कही गई थी... लेकिन पार्षद सैनी इसे दूसरे संबंध में ले गए. अब तक इस मामले में किसी तरह का सॉल्यूशन नहीं निकल पाया और अब मेयर इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं.

आपको बता दें की वार्ड 90 से कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी अपने वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां नहीं पहुंचने की शिकायत लेकर नगर निगम मुख्यालय पहुंचे थे और यहां सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने उनसे चाय पानी का खर्च मांग लिया गया था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. दोनों ही एक दूसरे पर इतना गरमा गए थे कि देखने वालों की भीड़ लग गई थी.

जयपुर. जयपुर नगर निगम मुख्यालय पर चाय-पानी की बात पर कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी और सफाई चेयरमैन राजेश बिवाल के बीच 2 अप्रैल को तनातनी हो गई थी. निगम के कई कर्मचारी इस विवाद के चश्मदीद तक बन गए थे.

इस पूरे मामले में पार्षद और चेयरमैन के गरिमामय पदों का तो अपमान हुआ ही साथ ही निगम की मर्यादा भी तार-तार हुई. बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई करने के महापौर विष्णु लाटा इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं. लाटा ने कहा कि हिंदू संस्कृति में चाय पी और पिलाई जाती है लेकिन पार्षद इस मजाक को समझ नहीं पाए और गुस्से में आ गए.

वीडियोः दो पार्षदों के बीच बवाल पर मेयर का अजीबो गरीब तर्क

उधर, सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो भी पार्षद....मैं भी पार्षद...इसी दोस्ती की वजह से उन्हें चाय की बात कही गई थी... लेकिन पार्षद सैनी इसे दूसरे संबंध में ले गए. अब तक इस मामले में किसी तरह का सॉल्यूशन नहीं निकल पाया और अब मेयर इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं.

आपको बता दें की वार्ड 90 से कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी अपने वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां नहीं पहुंचने की शिकायत लेकर नगर निगम मुख्यालय पहुंचे थे और यहां सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने उनसे चाय पानी का खर्च मांग लिया गया था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. दोनों ही एक दूसरे पर इतना गरमा गए थे कि देखने वालों की भीड़ लग गई थी.

Intro:बीते 2 अप्रैल को जयपुर नगर निगम में पार्षद और सफाई चेयरमैन के बीच हुए विवाद को अप्रैल फूल का नाम दिया जा रहा है... ये बात भी वो कह रहे हैं जिन्हें करनी चाहिए थी कार्रवाई...


Body:2 अप्रैल को निगम मुख्यालय पर चाय-पानी की बात पर कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी और सफाई चेयरमैन राजेश बिवाल के बीच तनातनी हो गई थी... मामला इतना बढ़ गया था कि निगम के कई कर्मचारी इस विवाद के चश्मदीद तक बन गए थे... इस पूरे मामले में पार्षद और चेयरमैन के गरिमामय पदों का तो अपमान हुआ ही,,, साथ ही निगम की मर्यादा भी तार-तार हुई... बावजूद इसके पार्षद और चेयरमैन पर किसी तरह की कार्रवाई करने के महापौर विष्णु लाटा इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं... लाटा ने कहा कि हिंदू संस्कृति में चाय पी और पिलाई जाती है,,, लेकिन पार्षद इस मजाक को समझ नहीं पाए और गुस्से में आ गए... उधर, सफाई चेयरमैन राजेश बिवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो भी पार्षद,,, मैं भी पार्षद... इसी दोस्ती की वजह से उन्हें चाय की बात कही गई थी,,, लेकिन पार्षद सैनी इसे दूसरे संबंध में ले गए...


Conclusion:आपको बता दें की वार्ड 90 से कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी अपने वार्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां नहीं पहुंचने की शिकायत लेकर,,, नगर निगम मुख्यालय पहुंचे थे... और यहां सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने उनसे चाय पानी का खर्च मांग लिया गया था... जिस पर काफी विवाद भी हुआ.... लेकिन अब तक किसी तरह का सॉल्यूशन नहीं निकल पाया और अब मेयर इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे है,,, अब ये मसला अप्रैल फूल का था या नहीं,,, ये कहा नहीं जा सकता लेकिन सफाई व्यवस्थाओं को लेकर शहर की जनता जरूर फूल बन रही है...
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