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सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत पर NGT ने लिया प्रसंज्ञान

सांभर झील में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में राज्य सरकार चारों तरफ से घिर गई है. राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से मामले में स्वयं प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेने के बाद जहां रिपोर्ट तलब की गई.

सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत पर NGT ने लिया प्रसंज्ञान, NGT takes over the death of migratory birds in Sambhar lake
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Published : Nov 21, 2019, 11:00 PM IST

जयपुर. सांभर झील में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में राज्य सरकार चारों तरफ से घिर गई है. राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से मामले में स्वयं प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेने के बाद जहां रिपोर्ट तलब की गई.

वहीं, अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान ले लिया है. एनजीटी ने सांभर झील में 18 हजार से अधिक देशी-विदेशी पक्षियों की मौत पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब किया है. एनजीटी ने नेशनल वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया है.

पढ़ें- 'एवीएन बोटोलिज्म वायरस' से हुई है पक्षियों की मौत, IVRI बरेली की रिपोर्ट में हुई पुष्टि: सीएम गहलोत

ट्रिब्यूनल ने पूछा है कि झील में इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई और उनके बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. गौरतलब है की सांभर झील खारे पानी के लिए प्रसिद्ध है. यहां नमक का उत्पादन होता है.

सांभर झील में प्रतिवर्ष 85 प्रजातियों के हजारों पक्षी आते हैं और इस बार भी ये आए. लेकिन 32 प्रजातियों के 18 हजार पक्षियों की मौत हो गई. वहीं, मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से वास्तविक कारणों की रिपोर्ट तलब करने के बाद अब शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी याचिका पर सुनवाई होनी है.

जयपुर. सांभर झील में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में राज्य सरकार चारों तरफ से घिर गई है. राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से मामले में स्वयं प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेने के बाद जहां रिपोर्ट तलब की गई.

वहीं, अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान ले लिया है. एनजीटी ने सांभर झील में 18 हजार से अधिक देशी-विदेशी पक्षियों की मौत पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब किया है. एनजीटी ने नेशनल वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया है.

पढ़ें- 'एवीएन बोटोलिज्म वायरस' से हुई है पक्षियों की मौत, IVRI बरेली की रिपोर्ट में हुई पुष्टि: सीएम गहलोत

ट्रिब्यूनल ने पूछा है कि झील में इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई और उनके बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. गौरतलब है की सांभर झील खारे पानी के लिए प्रसिद्ध है. यहां नमक का उत्पादन होता है.

सांभर झील में प्रतिवर्ष 85 प्रजातियों के हजारों पक्षी आते हैं और इस बार भी ये आए. लेकिन 32 प्रजातियों के 18 हजार पक्षियों की मौत हो गई. वहीं, मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से वास्तविक कारणों की रिपोर्ट तलब करने के बाद अब शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी याचिका पर सुनवाई होनी है.

Intro:जयपुर। सांभर झील में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में राज्य सरकार चारों तरफ से घिर गई है।राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से मामले में स्वयं प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेने के बाद जहां रिपोर्ट तलब की गई, वहीं अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान ले लिया है।Body:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सांभर झील में 18 हजार से अधिक देशी-विदेशी पक्षियों की मौत पर संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब किया है। एनजीटी ने नेशनल वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया है। ट्रिब्यूनल ने पूछा है कि जेल में इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई और उनके बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है की सांभर झील खारे पानी के लिए प्रसिद्ध है। यहां नमक का उत्पादन होता है। सांभर झील में प्रतिवर्ष 85 प्रजातियों के हजारों पक्षी आते हैं। इस बार भी ये आए, लेकिन 32 प्रजातियों के 18 हजार पक्षियों की मौत हो गई। वही मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से वास्तविक कारणों की रिपोर्ट तलब करने के बाद अब शुक्रवार को हाईकोर्ट में भी याचिका पर सुनवाई होनी है।

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