जयपुर. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन सीमित संसाधनों में लगभग हर दिन 8 से 10 हजार मरीजों का इलाज कर रहा है. ऐसे में सबसे अधिक मरीजों की भीड़ ओपीडी में देखने को मिलती है और ओपीडी में क्राउड मैनेजमेंट अस्पताल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. अब अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों की भीड़ को मैनेज करने की कवायद शुरू कर दी गई (New OPD system in SMS Jaipur) है.
सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि शुरुआत में ज्यादा मरीजों वाली चार ओपीडी को पृथक किया जाएगा. खास बात यह है कि इन ओपीडी को अलग-अलग करने के बाद सैम्पल कलेक्शन और ड्रग डिस्ट्रीब्यूट सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे. ताकि चिकित्सक से परामर्श के बाद मरीज की जांच भी समय पर हो पाए और दवा काउंटर पर भीड़ भी ना उमड़े.
अस्पताल में राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, यूपी और मध्यप्रदेश से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि हर रोज करीब 10 से 13 हजार मरीजों की ओपीडी रहती है. तमाम कोशिशों के बाद भी क्राउड मैनेजमेंट अस्पताल प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. ऐसे में अब मरीजों की भीड़ को मैनेज करने की कवायद शुरु हो गई है. अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि अस्पताल की ओपीडी में सामान्यतः न्यूरो, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक और मेडिसन विभाग में सबसे अधिक मरीज पहुंचते हैं.
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ऐसे में शुरुआती तौर पर इन विभाग की ओपीडी को पृथक करने का काम शुरू किया जाएगा. इन ओपीडी में सैम्पल कलेक्शन सेंटर, ड्रग डिस्ट्रीब्युट सेंटर भी बनाए जा रहे हैं. ताकि परामर्श के बाद मरीज को सैम्पल के लिए कतारों में इंतजार ना करने पड़े और दवाएं भी जल्द मिल जाएं. इस नई व्यवस्था के तहत मेडिसिन की दो यूनिट्स को दो अलग-अलग ओपीडी दी गई है. इसके अलावा ऑर्थोपेडिक और हैंड सर्जरी को अलग-अलग ओपीडी दी जा रही है. साथ ही सीटी सर्जरी और कार्डियोलॉजी को भी अलग किया जा रहा है. साथ ही न्यूरोलॉजी ओपीडी को भी रोगों के अनुसार पृथक किया जाएगा.