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सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाई जाएगी: मुख्यमंत्री गहलोत

राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून लाने जा रही है. मूक बधिरों की व्यथा समझने के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण मिलेगा, इसी के साथ जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस भी लगेंगे.

सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाई जाएगी
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Published : Jun 18, 2019, 8:42 AM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून लाने जा रही है, साथ ही मूक बधिरों की व्यथा समझने के लिए कार्मिकों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में अलग-अलग संगठनों के लोगों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को समझा, साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए. सामाजिक संगठनों के दबाव के बीच अब राजस्थान की सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाने जा रही है. सरकार ने सभी स्तर पर सुझाव को कथित करके अब इसे कानूनी रूप के साथ लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी है.

सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाई जाएगी: मुख्यमंत्री गहलोत

अब केबिनेट सर्कुलेशन के जरिये सिलिकोसिस पीड़ितों के नई नीति लागू करेगी. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएमओं में दिव्यांग जनों मूक बधिर सहित समाज के विभिन्न जरूरतमंद तबकों की समस्याओं से रूबरू हुए. सीएम ने मूक बधिरों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगाने की मांग के संदर्भ में उपस्थित अधिकारियों को परीक्षण करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री से प्रदेशभर के आए दिव्यांग जनों, मुख बधिरों, घुमंतू अर्ध घुमंतू और विमुक्त जातियों, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उद्यमियों, अल्पसंख्यक, निजी विद्यालयों, नॉन टीएसपी क्षेत्र की महिलाओं आदि ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रखी.

मूक बधिरों को थाना और अस्पताल में मिलेगा इंटरप्रेटर -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल और थाना जैसी जगहों पर संवेदनशीलता के साथ अधिकारी मुकदमों की सुनवाई कर सके इसके लिए इंटरप्रेटर उपलब्ध कराने के लिए कहा, साथ ही आमजन से जुड़े सरकारी कार्यालयों कार्मिकों को सांकेतिक भाषा के विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए, मोबद्रो की दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया अधिक प्रमाणिक बनाने के लिए जिला अस्पताल में बेरा डिवाइस लगाने के निर्देश देते हुए गहलोत ने कहा कि इससे बोगस प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगेगी. मूक बधिरों की सांकेतिक भाषा समझने वाले विशेषज्ञों और अध्यापकों को उनके लिए स्थापित शिक्षण संस्थाओं में पद स्थापित किया जाए.

मदरसा बोर्ड को मिलेगा वैधानिक दर्जा -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार राज्य मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देगी और इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा, उन्होंने ऑल इंडिया मिल्ली काउंसलिंग राजस्थान के प्रतिनिधि मंडलों से कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आधुनिक शिक्षा से महरूम न रहे इसके लिए मदरसों को स्मार्ट मदरसों के रूप में विकसित किया जाए.

टीएसपी, नॉन टीएसपी और अनुकम्पा का निकलेगा समाधान-

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विवाह कर नॉन टीएसपी क्षेत्र से टीएसपी क्षेत्र में आई महिलाओं की नियुक्तियों में आ रही परेशानियों का परीक्षण कराकर समाधान निकाला जाएगा. बांसवाड़ा से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी थी कि विशेष निवास पत्र जारी नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं को चयनित होने के बावजूद सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है.

वहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने वाले ऐसे कार्मिक जो कंप्यूटर दक्षता रखते हैं उन्हें टंकण परीक्षा पास करने के बाद शीतलता देने पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून बनाने की हरी झंडी देने के साथ ही प्रदेश के हजारों सिलिकोसिस पीड़ितों और उनके परिवारों को आर्थिक लाभ मिल पाएगा.

जयपुर. राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून लाने जा रही है, साथ ही मूक बधिरों की व्यथा समझने के लिए कार्मिकों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में अलग-अलग संगठनों के लोगों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को समझा, साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए. सामाजिक संगठनों के दबाव के बीच अब राजस्थान की सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाने जा रही है. सरकार ने सभी स्तर पर सुझाव को कथित करके अब इसे कानूनी रूप के साथ लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी है.

सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाई जाएगी: मुख्यमंत्री गहलोत

अब केबिनेट सर्कुलेशन के जरिये सिलिकोसिस पीड़ितों के नई नीति लागू करेगी. सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएमओं में दिव्यांग जनों मूक बधिर सहित समाज के विभिन्न जरूरतमंद तबकों की समस्याओं से रूबरू हुए. सीएम ने मूक बधिरों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगाने की मांग के संदर्भ में उपस्थित अधिकारियों को परीक्षण करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री से प्रदेशभर के आए दिव्यांग जनों, मुख बधिरों, घुमंतू अर्ध घुमंतू और विमुक्त जातियों, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उद्यमियों, अल्पसंख्यक, निजी विद्यालयों, नॉन टीएसपी क्षेत्र की महिलाओं आदि ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रखी.

मूक बधिरों को थाना और अस्पताल में मिलेगा इंटरप्रेटर -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल और थाना जैसी जगहों पर संवेदनशीलता के साथ अधिकारी मुकदमों की सुनवाई कर सके इसके लिए इंटरप्रेटर उपलब्ध कराने के लिए कहा, साथ ही आमजन से जुड़े सरकारी कार्यालयों कार्मिकों को सांकेतिक भाषा के विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए, मोबद्रो की दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया अधिक प्रमाणिक बनाने के लिए जिला अस्पताल में बेरा डिवाइस लगाने के निर्देश देते हुए गहलोत ने कहा कि इससे बोगस प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगेगी. मूक बधिरों की सांकेतिक भाषा समझने वाले विशेषज्ञों और अध्यापकों को उनके लिए स्थापित शिक्षण संस्थाओं में पद स्थापित किया जाए.

मदरसा बोर्ड को मिलेगा वैधानिक दर्जा -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार राज्य मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देगी और इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा, उन्होंने ऑल इंडिया मिल्ली काउंसलिंग राजस्थान के प्रतिनिधि मंडलों से कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आधुनिक शिक्षा से महरूम न रहे इसके लिए मदरसों को स्मार्ट मदरसों के रूप में विकसित किया जाए.

टीएसपी, नॉन टीएसपी और अनुकम्पा का निकलेगा समाधान-

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विवाह कर नॉन टीएसपी क्षेत्र से टीएसपी क्षेत्र में आई महिलाओं की नियुक्तियों में आ रही परेशानियों का परीक्षण कराकर समाधान निकाला जाएगा. बांसवाड़ा से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी थी कि विशेष निवास पत्र जारी नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं को चयनित होने के बावजूद सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है.

वहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने वाले ऐसे कार्मिक जो कंप्यूटर दक्षता रखते हैं उन्हें टंकण परीक्षा पास करने के बाद शीतलता देने पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून बनाने की हरी झंडी देने के साथ ही प्रदेश के हजारों सिलिकोसिस पीड़ितों और उनके परिवारों को आर्थिक लाभ मिल पाएगा.

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जयपुर

सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाई जाएगी - मुख्यमंत्री गहलोत
मूक बधिररो की व्यथा समझने के लिए कार्मिकों को मिलेगा प्रशिक्षण , जिला अस्पतालों में लगेंगे बेरा डिवाइस

एंकर:- राजस्थान सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून लाने जा रही है , साथ ही मूक बधिरों की व्यथा समझने के लिए कार्मिकों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा , इसके अलावा जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगेंगे , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज से सीएमओ में अलग-अलग संगठनों के लोगों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को समझा , साथ ही कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।


Body:VO:- सामाजिक संगठनों के दबाव के बीच अप राजस्थान की सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए नई नीति लाने जा रही है , सरकार ने सभी स्तर पर सुझाव के कथित करके अभिषेक कानूनी रूप के साथ लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी है , अब केबिनेट सर्कुलेशन के जरिये सिलिकोसिस पीड़ितों के नई नीति लागू करेगी , सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएमओं में दिव्यांग जनों मूक बधिर सहित समाज के विभिन्न जरूरतमंद तबकों की समस्याओं से रूबरू हुए , सीएम ने मूक बधिरों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिला अस्पतालों में बेरा डिवाइस लगाने की मांग के संदर्भ में उपस्थित अधिकारियों को परीक्षण करने के निर्देश प्रदान किए । मुख्यमंत्री से प्रदेशभर के आए दिव्यांग जनों मुख बधिर ओं घुमंतू अर्ध घुमंतू तथा विमुक्त जातियों अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के उद्यमियों अल्पसंख्यक निजी विद्यालयों नॉन टीएसपी क्षेत्र की महिलाओं आदि ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या रखी

मूक बधिरों को थाना और अस्पताल में मिलेगा इंटरप्रेटर -

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल और थाना जैसी जगहों पर संवेदनशीलता के साथ अधिकारी मुकदमों की सुनवाई कर सके इसके लिए इंटरप्रेटर उपलब्ध कराने के लिए कहा , साथ ही आमजन से जुड़े सरकारी कार्यालयों कार्मिकों को सांकेतिक भाषा के विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए । मोबद्रो की दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया अधिक प्रमाणिक बनाने के लिए जिला अस्पताल में मेरा डिवाइस लगाने के निर्देश देते हुए गहलोत ने कहा कि इससे बोगस प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगेगी मूक बधिर ओं की संकेतिक भाषा समझने वाले विशेषज्ञों और अध्यापकों को उनके लिए स्थापित शिक्षण संस्थाओं पद स्थापित किया जाए।

मदरसा बोर्ड को मिलेगा वैधानिक दर्जा -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार राज्य मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा देगी और इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा उन्होंने ऑल इंडिया मिली काउंसलिंग राजस्थान के प्रतिनिधि मंडलों से कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे आधुनिक शिक्षा से महरूम न रहे इसके लिए मदरसों को स्मार्ट मदरसों के रूप में विकसित किया जाए

टीएसपी, नॉन टीएसपी और अनुकम्पा का निकलेगा समाधान -

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विवाह कर नॉन टीएसपी क्षेत्र से टीएसपी क्षेत्र में आई महिलाओं की राज की नियुक्तियों में आ रही परेशानियों का परीक्षण कराकर समाधान निकाला जाएगा , बांसवाड़ा से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी थी कि विशेष निवास पत्र जारी नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसी महिलाओं को चयनित होने के बावजूद सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है , वहीं मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने वाले ऐसे कार्मिक जो कंप्यूटर दक्षता रखते हैं उन्हें टंकण परीक्षा पास करने के बाद देने में शीतलता देने पर विचार किया जाएगा ।


Conclusion:vo:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए कानून बनाने की हरी झंडी देने के साथ ही प्रदेश के हजारों सिलिकोसिस पीड़ितों और उनके परिवारों को आर्थिक लाभ मिल पाएगा
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