जयपुर. एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने अवैध मादक पदार्थ कोडीन फॉस्फेट की नशीली दवाइयों की तस्करी से जुड़े मामले में तीन तस्करों मोहन शर्मा, चेतन प्रकाश नानकानी व नारायण दास त्रिलोकानी को दस-दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर नौ लाख साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जबकि मामले में एक आरोपी सुशील करनानी जमानत मिलने के बाद से ही फरार चल रहा है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने आपराधिक षडयंत्र रचकर अवैध मादक पदार्थ व नशीली दवाइयों को रखने व परिवहन करने का काम किया है, जबकि उन्हें इस अपराध का पूरा ज्ञान था. ऐसे में उनके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक उमाशंकर खंडेलवाल ने बताया कि औषधि नियंत्रण विभाग ने 10 नवंबर 2017 को एसओजी में मामला दर्ज कराया था. इसमें कहा था कि वीकेआई एरिया में आरोपी नारायण दास, मोहन शर्मा, चेतन प्रकाश व सुशील करनानी ने अवैध तरीके से नकली दवाइयों का स्टोर कर रखा है. इन दवाइयों में एक कोडीन फॉस्फेट साल्ट भी मिला हुआ है. यह सॉल्ट नारकोटिक्स ड्रग्स की श्रेणी में आता है.
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सूचना पर एसओजी ने गोदाम पर दबिश दी. यहां एसओजी को 38,720 शीशियां नशीली दवाइयों की मिली और यह मात्रा वाणिज्यिक मात्रा से ज्यादा थी. एसओजी ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 22 गवाहों के बयान दर्ज कराए. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्हें प्रकरण में फंसाया गया है. उनके पास मादक पदार्थ नहीं मिले हैं, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दस-दस साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई.