जयपुर. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को साल की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. लोक अदालत का आयोजन हाईकोर्ट सहित प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में किया जाएगा.
प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत को डिजिटल मोड पर भी आयोजित किया जाएगा. इसके लिए रालसा-23 डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है. इसके जरिए पक्षकार घर बैठे अपने मामलों को लोक अदालत में रेफर कर प्रि-काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं और बेंच के समक्ष वीसी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं. लोक अदालत में अब तक राजीनामा हो सकने वाले दस लाख से अधिक मुकदमों को सूचीबद्ध किया गया है.
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इन मुकदमों में आपराधिक प्रकरण, चैक अनादरण, एमएसीटी, श्रम, भूमि विवाद और राजस्व प्रकरणों को रखा गया है. लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण के लिए हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में चार बेंच और जोधपुर पीठ में पांच बेंच का गठन किया गया है. जिसमें वर्तमान और पूर्व न्यायाधीश पक्षकारों की आपसी सहमति से मुकदमों का निस्तारण करेंगे. वहीं अधीनस्थ अदालतों में कुल 494 बेंच का गठन किया गया है. सदस्य सचिव माथुर ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमा तय होने पर उसका अंतिम रूप से निस्तारण हो जाता है. दोनों पक्षों की सहमति होने से न तो किसी की जीत होती है और न ही किसी की हार मानी जाती है. इसलिए प्रकरण की अपील भी नहीं होती है.