जयपुर. वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के बलिदान को सम्मान देने के लिए 11 सितंबर को राष्ट्रीय वनकर्मी शहीद दिवस मनाया जाता है. सोमवार को वन शहीद दिवस के अवसर पर राजधानी में जल महल के सामने स्थित शहीद स्मारक पर बलिदान स्मृति और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. वन मंत्री हेमाराम चौधरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहीद वनकर्मियों को पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने पौधारोपण भी किया.
वन मंत्री हेमाराम चौधरी, एसीएस फारेस्ट शिखर अग्रवाल, वन विभाग के मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) मुनीश गर्ग, डीएफओ जयपुर चिड़ियाघर संग्राम सिंह समेत वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहीद वनकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मानव प्रजाति का अस्तित्व वनों के अस्तित्व पर निर्भर है. वन और वन्यजीवों की सुरक्षा करते हुए वन विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारी शहीद हो गए. शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों की शहादत को याद किया गया. इस दौरान शहीदों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया. प्रदेश में वनों की सुरक्षा करते हुए करीब 22 वनकर्मी प्राणों का बलिदान दे चुके हैं.
वन अधिकारियों के अनुसार जवानों के बलिदान से हमें शिक्षा मिलती है कि पूरी सत्य निष्ठा से हम काम करें. वनकर्मियों के काम के बिना एक-एक सांस दूभर हो जाएगी. 92 से 93 प्रतिशत ऑक्सीजन जंगलों से मिलती है और बाकी ऑक्सीजन समुद्रों से आती है. वनकर्मियों का काम हमारी सांस को सुरक्षित रखना है. पानी की एक-एक बूंद जब वनों में गिरती है, जिसके बाद ग्राउंडवाटर रिचार्ज होता है. उस पानी से हमारी प्यास बुझती है. इसलिए सभी को वनों की रक्षा करनी चाहिए.