जयपुर. आबकारी विभाग और पुलिस विभाग ने सांसी समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए पिंक सिटी प्रेस क्लब में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. आबकारी विभाग और राजस्थान युवा महापंचायत के तत्वाधान में आयोजित 'मेरा काम मेरा स्वाभिमान' संवाद कार्यक्रम में सांसी समाज के कई लोग शामिल हुए. इस दैरान आबकारी विभाग के अधिकारियों ने सांसी समाज को आबकारी अधिनियम की जानकारी देकर जागरूक किया.
सांसी समाज के लोगों का कहना है कि समाज देश की आजादी के बाद से ही मुख्यधारा में नहीं जुड़ पाया. प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री के मामलों में अधिकतर सांसी समाज के लोगों को ही अपराधी बनाया जाता है. जबकि शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती. इस बीच सांसी समाज के लोगों का आरोप है कि समाज के लोग अगर शराब बेचते हुए पकड़े भी जाते हैं तो उन लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन इसके पीछे जिन लोगों का हाथ होता है उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती. सांसी समाज के लोग शराब ठेकेदारों से ही लेकर बेचते हैं, लेकिन आबकारी विभाग उन शराब ठेकेदारों पर कार्रवाई ना करके गरीब सांसी समाज के लोगों पर जुल्म करता है. आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अवैध रूप से शराब सप्लाई करने वाला शराब का ठेकेदार भी अपराध का भागीदार बनता है.
सांसी समाज के लोगों ने आबकारी नीति में सांसी समाज को स्वरोजगार देने के लिए अंग्रेजी और देसी शराब में 15 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है. सांसी समाज के अध्यक्ष गोपाल कैसावत ने बताया कि सांसी समाज को भी आबकारी नीति से जोड़ा जाना चाहिए. सांसी समाज को स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस नीति से जोड़ा जाए. राजस्थान में 30 लाख से भी अधिक की आबादी सांसी समाज की है. समाज को उनके अधिकार दिए जाने की मांग की गई है. समाज के लोगों ने पुलिस और आबकारी विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि आबकारी विभाग सांसी समाज के अधिक आंकड़े तैयार कर यह बता देता है कि समाज इसमें लिप्त है, लेकिन पूरा समाज अवैध शराब से लिप्त नहीं है. 15 प्रतिशत आरक्षण के लिए सांसी समाज मांग कर रहा है. यदि मांग पूरी नहीं हुई तो इस हक के लिए वे लड़ाई भी लड़ने को तैयार हैं.
सांसी समाज की मुख्य मांगे हैं -
- आबकारी नीति में समाज को स्वरोजगार के लिए 15 प्रतिशत अंग्रेजी और देसी मदिरा समूह में आरक्षण दिया जाए.
- आबकारी अधिनियम में संशोधन कर शराब ठेकेदारों की ओर से दलित आदिवासी और सांसी समाज की बस्तियों में अवैध शराब की पूर्ति करने पर ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त किया जाए.
- एकमुश्त योजना अंतर्गत आबकारी अधिनियम में दर्ज मामले राज्य सरकार वापस ले, जो व्यक्ति अवैध शराब का कारोबार छोड़ चुका है और नवजीवन योजना से लाभान्वित हो उस लाभार्थी के मामले खत्म किए जाएं.
- गुंडा एक्ट में आबकारी में दर्ज मामलों को नहीं जोड़ा जाए. जिससे जाति विशेष जो गुंडा एक्ट में तड़ीपार किया जाता है उन पर रोक लगाई जाए.
- नवजीवन योजना का बजट सालाना 500 करोड़ सांसी समुदाय को विशेष पैकेज दिया जाए.
- स्वरोजगार के लिए युवाओं को कौशल आजीविका मिशन से जोड़ा जाए.
- पुलिस और समाज के मध्य एक सिविल सोसाइटी का गठन करें.
- निजी क्षेत्र में सभी उपकरणों में विशेष कोटे में आरक्षण दिया जाए.
- जयपुर में सामुदायिक भवन और युवा छात्रावास के लिए निशुल्क भूमि आवंटन की जाए.
- राज्य सरकार गजट नोटिफिकेशन कर सांसी नाम मेंशन किया जाए.
- साहसी समुदाय की भूमिहीन किसानों को सिंचित और नगरी सेक्टर में 25 बीघा भूमि निशुल्क आवंटित की जाए.
सहायक आबकारी अधिकारी प्रद्युमन सिंह चुंडावत ने बताया कि सांसी समाज को जागरूक करने के लिए बुधवार को संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. आबकारी विभाग की ओर से इसकी पहल की जा रही है ताकि सांसी समाज जागरूक हो सके और अवैध शराब के मामलों से बच सके. संवाद कार्यक्रम के जरिए सांसी समाज के लोगों को आबकारी अधिनियमों की जानकारी दी गई है. जिससे सांसी समाज के लोग भी लीगल रूप से शराब बिक्री कर सकते हैं. साथ ही शराब ठेके के लिए आवेदन प्रक्रिया और नियमों की भी जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को जागरूक कर मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. शराब के व्यापार में जुड़ने वाले सांसी समाज के लोगों को मुख्यधारा में आकर कार्य करने की अपील की गई है. सांसी समाज के लोगों ने आबकारी पॉलिसी से संतुष्ट होकर मुख्यधारा में जुड़ने का आह्वान किया है.