जयपुर. पूर्वी राजस्थान के दो कद्दावर मीणा नेताओं की मुलाकात सोमवार सुबह से ही प्रदेश के सियासी हलकों में चर्चा का मुद्दा बन गई (MP kirodi Advices CM Gehlot). राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नमो नारायण मीणा के बीच हुई मुलाकात का सियासी पैगाम भी तलाशने की कोशिश तेज हो गई. दोनों नेताओं के बीच हुई इस लंबी मुलाकात का जिक्र डॉ किरोड़ी लाल ने अपने ट्विटर पर किया.
गंगापुर सिटी का वायरल वीडियो- किरोड़ी ने वायरल वीडियो का जिक्र किया है. इसमें उन्होंने बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गंगापुर सिटी के दौरे के दौरान नमो नारायण मीणा को नजरअंदाज करने वाले वाकए को बयां किया (Kirodi meets Namonarayan Meena). दरअसल, वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखा था कि कैसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा और अन्य विधायक अपनी गाड़ियों में नमो नारायण मीणा को जगह नहीं देते हुए आगे बढ़ जाते हैं. मीणा इन गाड़ियों के इर्द-गिर्द सीट पाने की तलाश में भटकते हुए देखे जा सकते हैं.
किरोड़ी का मैसेज- नमो नारायण मीणा से मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल ने एक वीडियो मैसेज जारी किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के लिए खास संदेश है. कहा है कि नमो नारायण अपने अपमान का बदला ले न लें लेकिन मीणा समाज इसका बदला जरूर लेगा. ट्वीट भी पोस्ट किया है. जिसमें लिखा है- सरकार में बैठे मंत्री-विधायक जनता के लिए आदर्श होते हैं और जब वे ही शिष्टाचार का उल्लंघन करते हैं, तो वेदना होती है. वरिष्ठ राजनेता नमो नारायण मीणा जी का अपमान मंत्री-विधायकों के अहंकार का द्योतक है, जो निंदनीय है. आशा है कि मंत्री-विधायक कुछ संस्कार सीखने का प्रयास अवश्य करेंगे.
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मुलाकात के मायने- माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा की नमोनारायण मीणा के साथ हुई मुलाकात का जल्द पूर्वी राजस्थान में कोई बड़ा सियासी असर देखने को मिल सकता है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का रूट पूर्वी राजस्थान में टोंक-सवाई माधोपुर से गुजरेगा. नमो नारायण मीणा दो बार इसी क्षेत्र से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे और डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. इस मेल मिलाप को आने वाले वक्त में मीणा बाहुल्य पूर्वी राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
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सरकार में बैठे मंत्री-विधायक जनता के लिए आदर्श होते हैं और जब वे ही शिष्टाचार का उल्लंघन करते हैं तो वेदना होती है। वरिष्ठ राजनेता नमो नारायण मीणा जी का अपमान मंत्री-विधायकों के अहंकार का द्योतक है, जो निंदनीय है। आशा है कि मंत्री-विधायक कुछ संस्कार सीखने का प्रयास अवश्य करेंगे। pic.twitter.com/PzZpISSngM
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— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) November 28, 2022
किरोड़ी का इशारा- किरोड़ी लाल मीणा ने नाम लिए बिना समाज के नेताओं को इशारों इशारों में चेतावनी दी है. कहा है कि आने वाले वक्त में इस अपमान का बदला मीणा समाज जरूर लेगा. जिस तरह से नमो नारायण मीणा के साथ व्यवहार किया गया, उसका क्षेत्र में मैसेज ठीक नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डोटासरा से अपने विधायकों को अनुशासन सिखाने की अपील की है. चेताया है कि नहीं तो परिणाम भाजपा के अनुकूल होंगे.
किरोड़ी टटोल रहे कल की राजनीति की नब्ज- राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का जितना मीणा समाज की राजनीति में ऊंचा कद है, उतना ही दबदबा उनका पूर्वी राजस्थान में भी है. लिहाजा किरोड़ी लाल मीणा अब दौसा में कमजोर हुई अपनी राजनीतिक जमीन को एक बार फिर से मजबूत करने की कवायद में दिख रहे हैं. जाहिर है कि रविवार को दौसा विधायक और मंत्री मुरारी लाल मीणा के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मीणा हाईकोर्ट का दौरा किया था. पूरे राजस्थान में मीणा हाईकोर्ट यानी नांगल राजावतान गांव को ही मीणा समाज की राजनीति का केंद्र समझा जाता है.
मीणा हाईकोर्ट से किरोड़ी लाल मीणा की जड़े जुड़ी हुई है, ऐसे में दौसा में राहुल गांधी का आना और मीणा हाईकोर्ट में संभावित रात्रि विश्राम को देखते हुए माना जा रहा है कि नमो नारायण मीणा के जरिए वे समाज में कांग्रेस के खिलाफ एक मैसेज देने जा रहे हैं, जो राहुल गांधी के प्रस्तावित रात्रि विश्राम वाले स्थान को लेकर भी सियासी पैगाम दे सकता है. किसी दौर में पूर्वी राजस्थान की भाजपा प्रत्याशियों की टिकट तय करने वाले किरोड़ी लाल मीणा बीते चुनाव में बीजेपी से अलग होकर करारी शिकस्त का सामना कर चुके थे. उनकी सिफारिश पर दिए गए टिकट वाले सभी प्रत्याशियों ने पराजय का सामना किया था. ऐसे में दौसा में किसी और मीणा नेता का वर्चस्व किरोड़ी लाल मीणा के लिए भी राजनीतिक अस्तित्व का सवाल है.