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किताबों और फीस के नाम पर अभिभावकों को लूट रहे स्कूल

निजी स्कूलों में मनमानी रोकने के लिए लागू राजस्थान फीस विनियमन एक्ट 2016 भी बढ़ती फीस से राहत नहीं दिला पाया है.

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Published : Apr 20, 2019, 9:34 PM IST

स्कूल के बाहर विरोध करते अभिभावक

जयपुर. सत्र शुरू होते ही अभिभावकों का फीस और अन्य सामग्री को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है. निजी स्कूल नियम के विरुद्ध मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के साथ ही किताब के नाम पर भी अभिभावकों की जेब काट रहे हैं. इतना ही नहीं निजी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. निजी स्कूलों की मनमानी देखिए, पहली-दूसरी जैसी छोटी कक्षाओं की किताबों के दस हजार रुपये से भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं. जैसे जैसे कक्षा बढ़ती है वैसे वैसे किताबों के दाम बढ़ा दिए जाते हैं.

किताबों और फीस के नाम पर अभिभावकों को लूट रहे स्कूल

वही स्कूलों में मैगज़ीन, जूते, यूनिफार्म, डायरी और फ़ोटो कॉपी तक के बाजार के मुकाबले तीन से चार गुना तक पैसे वसूले जा रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई नियमों के अनुसार तीन साल में फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए. लेकिन स्कूलों में हर साल 10 से भी ज्यादा फीस को बढ़ाया जा रहा है. बच्चों से आये दिन कभी स्पोर्ट्स के नाम, कभी मैगजीन के नाम पर तो कभी कोई गतिविधि के नाम पर पैसे लिए जाते है. निजी स्कूलों में अनियमित तरीके से हो रही फीस व्रद्धि के खिलाफ अब परिजनों ने भी मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को वैशाली नगर स्थित जयश्री पेरीवाल स्कूल में फीस व्रद्धि को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.

जयपुर. सत्र शुरू होते ही अभिभावकों का फीस और अन्य सामग्री को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है. निजी स्कूल नियम के विरुद्ध मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के साथ ही किताब के नाम पर भी अभिभावकों की जेब काट रहे हैं. इतना ही नहीं निजी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. निजी स्कूलों की मनमानी देखिए, पहली-दूसरी जैसी छोटी कक्षाओं की किताबों के दस हजार रुपये से भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं. जैसे जैसे कक्षा बढ़ती है वैसे वैसे किताबों के दाम बढ़ा दिए जाते हैं.

किताबों और फीस के नाम पर अभिभावकों को लूट रहे स्कूल

वही स्कूलों में मैगज़ीन, जूते, यूनिफार्म, डायरी और फ़ोटो कॉपी तक के बाजार के मुकाबले तीन से चार गुना तक पैसे वसूले जा रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई नियमों के अनुसार तीन साल में फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए. लेकिन स्कूलों में हर साल 10 से भी ज्यादा फीस को बढ़ाया जा रहा है. बच्चों से आये दिन कभी स्पोर्ट्स के नाम, कभी मैगजीन के नाम पर तो कभी कोई गतिविधि के नाम पर पैसे लिए जाते है. निजी स्कूलों में अनियमित तरीके से हो रही फीस व्रद्धि के खिलाफ अब परिजनों ने भी मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को वैशाली नगर स्थित जयश्री पेरीवाल स्कूल में फीस व्रद्धि को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.

Intro:जयपुर- निजी स्कूलों में मनमानी रोकने के लिए लागू राजस्थान फीस विनियनम एक्ट 2016 भी बढ़ती फीस से राहत नही दिला पाया है। सत्र प्रारंभ होते ही अभिभावकों का फीस और अन्य सामग्री को लेकर आंदोलन शुरू हो गया है। निजी स्कूल नियम विरुद्ध मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के साथ ही किताबे के नाम पर भी अभिभावकों की जेब काट रहे है। इतना ही नहीं निजी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाईडलाइन का उलंघन कर रहे है।


Body:निजी स्कूलों की मनमानी देखिए, पहली, दूसरी जैसी छोटी कक्षाओं की किताबों के दस हजार रुपये से भी ज्यादा वसूले जा रहे है, जैसे जैसे कक्षा बढ़ती है वैसे वैसे किताबों के दाम बढ़ा दिए जाते है। वही स्कूलों में मैगज़ीन, जूते, यूनिफार्म, डायरी और फ़ोटो कॉपी तक के बाजार के मुकाबले तीन से चार गुना तक पैसे वसूले जा रहे है।

अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई नियमों के अनुसार तीन साल में फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए लेकिन स्कूलों में हर साल 10 से भी ज्यादा फीस को बढ़ाया जा रहा है। बच्चों से आये दिन कभी स्पोर्ट्स के नाम, कभी मैगजीन के नाम पर तो कभी कोई गतिविधि के नाम पर पैसे लिए जाते है। निजी स्कूलों में अनियमिता तरीके से हो रही फीस व्रद्धि के खिलाफ अब परिजनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को वैशाली नगर स्थित जयश्री पेड़ीवाल स्कूल में फीस व्रद्धि को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।


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