जयपुर. कोरोना के नए वैरिएंट से JN.1 के संक्रमण से बचाने के लिए मंगलावर को प्रदेश के अस्पतालों में इंतजामों को ग्राउंड जीरो पर परखा गया. प्रदेश में कोरोना के 25 एक्टिव केस हो गए हैं, ऐसे में सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल की गई. जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के अधीक्षक डॉ अचल शर्मा, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा सहित डॉक्टर्स की टीम विभागीय अधिकारियों और सीएमएचओ टीम की ओर से निरीक्षण किया गया.
अस्पताल की मेडिकल टीम ने यहां ऑक्सीजन प्लांट, दवाइयों, टेस्टिंग काउंटर और एंबुलेंस की व्यवस्था देखी गई. इस दौरान डॉ अचल शर्मा ने बताया कि कोविड के लिए अस्पताल में अलग से एडवांस क्रिटिकल केयर एंबुलेंस तैयार की गई है, जो केवल कोविड पॉजिटिव मरीजों को लाने या रेफर करने के काम आएगी. वहीं अस्पताल के सभी ऑक्सीजन प्लांट भी एक्टिव हैं. यहां करीब 900 मीट्रिक टन के प्लांट वर्किंग हैं.
दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक: उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक बड़ा प्लांट लगाया गया है जो आईपीडी टावर के शुरू होने के बाद संचालित होगा. उन्होंने कहा कि अस्पताल के पास दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है. साथ ही कोविड पॉजिटिव मरीजों क लिए एक डेडिकेटेड वार्ड भी बनाया गया है और एक आईएलआई ओपीडी भी तैयार किया गया है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि राजस्थान में कोविड के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट जेएन.1 का एक भी केस अब तक सामने नहीं आया है. कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं, उनके सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी भेजा जा रहा है, हालांकि किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
पढ़ें: भारत में कोविड के 412 नए मामले, तीन मरीजों की मौत
स्वास्थ्य विभाग ने किया मॉक ड्रिल: अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बाद राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी की थी. इसमें सभी संदिग्ध मरीजों के सैम्पल लेने और पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीज की जिनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की सुनिश्चितता को लेकर मॉकड्रिल करने के निर्देश दिए थे ऐसे में अस्पताल में मॉकड्रिल की गई. उन्होंने बताया कि साथ ही एक वार्ड, एक सेमी आईसीयू और एक आईसीयू कोरोना के मद्देनजर सेपरेट किए गए हैं. दवाइयां के स्टॉक में बेसिक दवाएं एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, एंटीवायरल ड्रग और कफ सिरप की जांच की गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपीडी में जो मरीज से भर्ती हैं, उनके सिमटम्स आने पर उनकी भी जांच की जा रही है.