जयपुर. प्रदेश की इंदिरा रसोई योजना की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा निर्णय लिया है. सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि सभी विधायक अपने क्षेत्र में चलने वाली इंदिरा रसोई में जाकर महीने में एक बार भोजन (MLAs will eat food in Indira Rasoi) करेंगे. इससे इंदिरा रसोई भोजन की गुणवत्ता बनी रहेगी.
गुणवत्ता में सुधार- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज इंदिरा रसोई योजना की रिव्यू मीटिंग ली है. मीटिंग में ये तय किया है कि हर महीने एक विधायक किसी भी दिन जाकर इंदिरा रसोई में खाना खाएंगे. इससे भोजन की गुणवत्ता भी बनी रहेगी और निरीक्षण भी हो जाएगा. यह महत्वपूर्ण निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि आम जन को यह भरोसा हो कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण और पौष्टिक भोजन मिलता रहेगा.
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गुणवत्ता पर उठते रहे सवाल- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने राज्य में 'कोई भी भूखा नहीं सोए' के संकल्प को साकार करने और लोगों को दो वक्त का खाना खिलाने के लिए राजस्थान इंदिरा रसोई योजना को शुरू किया है. कोरोना वायरस संक्रमण के समय लोगों को आने वाली दैनिक खाने-पीने की समस्या को देखते हुए 20 अगस्त को इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की गई थी.
इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गरीब लोगों को 8 रुपए में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना सम्मान पूर्वक एक जगह बैठाकर खिलाया जाता है. एक वक्त की थाली में ₹25 का खर्च आता है जिसमें ₹17 राज्य सरकार की ओर से वहन किए जाते हैं और ₹8 लाभार्थी से लिए जाते हैं. लेकिन इंदिरा रसोई भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं. खास तौर से विपक्ष इस योजना को लेकर सरकार को निशाने पर लेती रही है. यही वजह है कि भोजन की गुणवत्ता में कोई गिरावट नहीं आए, इसके लिए सीएम गहलोत ने सभी विधायकों को महीने में 1 दिन इंदिरा रसोई में जाकर भोजन करने के निर्देश दिए हैं.