जयपुर. पहली विधानसभा में विधायक रहे तेजसिंह बाघावास का सोमवार को 98 वर्ष की उम्र में निधन हो (MLA of First assembly of Rajasthan) गया. उनके बेटे अमर सिंह नाथावत ने मंगलवार को मुखाग्नि देकर पिता का अंतिम संस्कार किया. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर (Last rites of Tej Singh Baghawas) शोक व्यक्ति किया है.
पहला चुनाव जीते, बाद में नामांकन रद्द : रामराज परिषद के बैनर तले चुनाव लड़े बाघावास 1952 में आमेर-ए विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे. नामांकन पत्र में तकनीकी गलती के कारण बाघावास के चुनाव को चुनौती दी गई. संभवतः यह चुनाव याचिका के जरिए किसी विधायक के निर्वाचन को चुनौती देने का पहला मामला रहा होगा. इस चुनाव याचिका को मंजूर कर न्यायाधिकरण ने 1953 में उनका नामांकन रद्द मानते हुए चुनाव को अवैध घोषित कर दिया.
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इस आदेश को बाघावास ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने 2 फरवरी 1954 को (MLA of First assembly of Rajasthan passes away) उनकी याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया. उनका चुनाव अवैध घोषित होने के कारण आमेर-ए विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें कमला बेनीवाल ने चुनाव जीता और वे पहली महिला मंत्री बनीं.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने जताया दुख : तेजसिंह बाघावास के निधन के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी शोक जताया. शेखावत ने ट्वीट करते हुए तेज सिंह बाघावास के देहावसान पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि बाघावास शिक्षा के विकास में सक्रिय रहे दानवीर व्यक्ति थे, उनका जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है.