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जल शक्ति अभियान की बैठक में उखड़े विधायक, DFO से पूछा- बताओ, मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाए गए कितने पौधे जीवित हैं

आप तो बाकी सब छोड़िए...बस मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाए गए पौधों का हिसाब दे दो कि आज तक जितने मुख्यमंत्रियों ने पौधे लगाए हैं, उनमें से कितने पौधे आज तक जीवित है. यह बात कलेक्टर सभागार में हुई जल शक्ति अभियान बैठक में विधायक रामलाल शर्मा और दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने वन विभाग के डीएफओ से पूछा.

जल शक्ति अभियान की बैठक
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Published : Jul 1, 2019, 11:40 PM IST

जयपुर. कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जल शक्ति अभियान की बैठक में जयपुर जिले के विधायकों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला. सबने अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर नाराजगी जताई. वन विभाग के डीएफओ जनप्रतिनिधियों के सवालों में घिर गए. उनको जवाब देते भी नहीं बना. जनप्रतिनिधि यहां तक कह दिया कि आप सब छोड़िए, आज तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं, आपने सबको बुलाकर पौधे लगवाए हैं आज तक उन पौधों में से कितने पौधे जीवित हैं. उसका हिसाब दे दो. इस पर डीएफओ ने चुप्पी साध ली और कोई जवाब उनके पास नहीं था.

जल शक्ति अभियान की बैठक

जल शक्ति अभियान की बैठक में जल संरक्षण, वर्षा के पानी के संचरण और बड़े पैमाने पर पौधारोपण को लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन बैठक में अधिकतर समय विधायकों द्वारा अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर शिकायतों में ही गुजर गया. जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर थोड़ी बहुत चर्चा ही हुई. दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने अपने दूदू विधानसभा क्षेत्र में अब तक किए गए जल संरक्षण कार्य के बारे में अधिकारियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अट्ठारह-उन्नीस साल में जल संरक्षण के तहत करीब दो सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए उनके इलाके में खर्च कर दिए गए. लेकिन उसका कोई हिसाब नहीं है आज तक कोई भी जलाशय वहां नहीं बना है. उन्होंने अधिकारियों को चैलेंज किया कि वे एक भी ऐसा कोई स्त्रोत मेरे इलाके में बता दें. वहीं, कलेक्ट ने 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाकर इसकी ऑडिट कराने के निर्देश दिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. बाबूलाल नागर ने पौधारोपण खुद लेकर भी वन विभाग को कठघरे में खड़ा किया और अपने क्षेत्र में पौधारोपण का हिसाब मांगा

वहीं, चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि उनके इलाकों में कई ट्यूबवेल नकारा पड़े हैं, जिसमें से सामान चोरी हो रहे हैं. उन सामान को कहीं दूसरी जगह काम में लिया जा सकता है. रामलाल शर्मा ने छत को वर्षा के पानी से जोड़ने और सरकारी बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का सुझाव दिया और अब जो नई बिल्डिंग मिलेगी उसमें भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को आवश्यक करने का सुझाव दिया, ताकि बरसात का पानी काम में लिया जा सके. शर्मा ने सुझाव दिया कि पौधारोपण के लिए जन सहभागिता बढ़ाई जाए और स्कूल के बच्चों को एक पौधा लगाने के लिए पाबंद करें. उसका संरक्षण भी वही बच्चा करेगा. विधायक रामलाल शर्मा ने पौधा लगाने के बदले प्रोत्साहन राशि देने का सुझाव दिया और कहा कि लालच में व्यक्ति पौधे का ध्यान भी रखेगा और यह प्रोत्साहन राशि उसे पेड़ों की अलग-अलग स्टेज पे दिए जाएं.

उन्होंने सामोद की पहाड़ियों में छोटे-छोटे एनीकट भी बनाने का सुझाव दिया ताकि वर्षा जल को बचाया जा सके. रामलाल शर्मा ने अपने इलाकों में नरेगा का काम नहीं होने की शिकायत भी की. वहां नरेगाकर्मी बैठे रहते है. इस दौरान शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल ने भी पौधारोपण को लेकर वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में संजय वन था जिसमें सैकड़ों पौधे थे लेकिन आज उसका अस्तित्व खत्म हो गया. विधायक इंद्राज गुर्जर ने भी वन विभाग पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में एक गांव है जहां 70 साल से लाइट नहीं है और वन विभाग वहां लाइन बिछाने की परमिशन नहीं दे रहा है.

बैठक में कुकस बांध का मामला भी उठा. उन्होंने कहा कि कुकस बांध आज खाली है उसके बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो रखा है, जिससे पानी बांध तक नहीं पहुंच रहा. ऐसे कई मामले बैठक में उठाए गए जहां बहाव के रास्ते में अतिक्रमण हो रखे हैं. इसके लिए जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर अतिक्रमण हटाने में किसी भी तरह की अगर कोई मदद चाहिए तो जिला प्रशासन उनके साथ में खड़ा है, लेकिन पानी के रास्ते में यदि अतिक्रमण है तो उसे सख्ती से हटाया जाए. इस दौरान बैठक में कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जल शक्ति अभियान की बैठक में जयपुर जिले के विधायकों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला. सबने अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर नाराजगी जताई. वन विभाग के डीएफओ जनप्रतिनिधियों के सवालों में घिर गए. उनको जवाब देते भी नहीं बना. जनप्रतिनिधि यहां तक कह दिया कि आप सब छोड़िए, आज तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं, आपने सबको बुलाकर पौधे लगवाए हैं आज तक उन पौधों में से कितने पौधे जीवित हैं. उसका हिसाब दे दो. इस पर डीएफओ ने चुप्पी साध ली और कोई जवाब उनके पास नहीं था.

जल शक्ति अभियान की बैठक

जल शक्ति अभियान की बैठक में जल संरक्षण, वर्षा के पानी के संचरण और बड़े पैमाने पर पौधारोपण को लेकर चर्चा होनी थी, लेकिन बैठक में अधिकतर समय विधायकों द्वारा अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर शिकायतों में ही गुजर गया. जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर थोड़ी बहुत चर्चा ही हुई. दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने अपने दूदू विधानसभा क्षेत्र में अब तक किए गए जल संरक्षण कार्य के बारे में अधिकारियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अट्ठारह-उन्नीस साल में जल संरक्षण के तहत करीब दो सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए उनके इलाके में खर्च कर दिए गए. लेकिन उसका कोई हिसाब नहीं है आज तक कोई भी जलाशय वहां नहीं बना है. उन्होंने अधिकारियों को चैलेंज किया कि वे एक भी ऐसा कोई स्त्रोत मेरे इलाके में बता दें. वहीं, कलेक्ट ने 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाकर इसकी ऑडिट कराने के निर्देश दिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. बाबूलाल नागर ने पौधारोपण खुद लेकर भी वन विभाग को कठघरे में खड़ा किया और अपने क्षेत्र में पौधारोपण का हिसाब मांगा

वहीं, चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि उनके इलाकों में कई ट्यूबवेल नकारा पड़े हैं, जिसमें से सामान चोरी हो रहे हैं. उन सामान को कहीं दूसरी जगह काम में लिया जा सकता है. रामलाल शर्मा ने छत को वर्षा के पानी से जोड़ने और सरकारी बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का सुझाव दिया और अब जो नई बिल्डिंग मिलेगी उसमें भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को आवश्यक करने का सुझाव दिया, ताकि बरसात का पानी काम में लिया जा सके. शर्मा ने सुझाव दिया कि पौधारोपण के लिए जन सहभागिता बढ़ाई जाए और स्कूल के बच्चों को एक पौधा लगाने के लिए पाबंद करें. उसका संरक्षण भी वही बच्चा करेगा. विधायक रामलाल शर्मा ने पौधा लगाने के बदले प्रोत्साहन राशि देने का सुझाव दिया और कहा कि लालच में व्यक्ति पौधे का ध्यान भी रखेगा और यह प्रोत्साहन राशि उसे पेड़ों की अलग-अलग स्टेज पे दिए जाएं.

उन्होंने सामोद की पहाड़ियों में छोटे-छोटे एनीकट भी बनाने का सुझाव दिया ताकि वर्षा जल को बचाया जा सके. रामलाल शर्मा ने अपने इलाकों में नरेगा का काम नहीं होने की शिकायत भी की. वहां नरेगाकर्मी बैठे रहते है. इस दौरान शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल ने भी पौधारोपण को लेकर वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में संजय वन था जिसमें सैकड़ों पौधे थे लेकिन आज उसका अस्तित्व खत्म हो गया. विधायक इंद्राज गुर्जर ने भी वन विभाग पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में एक गांव है जहां 70 साल से लाइट नहीं है और वन विभाग वहां लाइन बिछाने की परमिशन नहीं दे रहा है.

बैठक में कुकस बांध का मामला भी उठा. उन्होंने कहा कि कुकस बांध आज खाली है उसके बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो रखा है, जिससे पानी बांध तक नहीं पहुंच रहा. ऐसे कई मामले बैठक में उठाए गए जहां बहाव के रास्ते में अतिक्रमण हो रखे हैं. इसके लिए जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर अतिक्रमण हटाने में किसी भी तरह की अगर कोई मदद चाहिए तो जिला प्रशासन उनके साथ में खड़ा है, लेकिन पानी के रास्ते में यदि अतिक्रमण है तो उसे सख्ती से हटाया जाए. इस दौरान बैठक में कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

Intro:जयपुर। आप तो बाकी सब छोड़िए बस मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाए गए पौधों का हिसाब दे दो कि आज तक जितने मुख्यमंत्रियों ने पौधे लगाए है, उनमें से कितने मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाए गए पौधे आज तक जीवित है। यह बात कलेक्टर सभागार में हुई जल शक्ति अभियान बैठक में विधायक रामलाल शर्मा और दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने वन विभाग के डीएफओ से पूछा। जल शक्ति अभियान की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पौधारोपण को लेकर वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताई और अपने अपने इलाकों में आज तक हुए पौधारोपण का हिसाब मांगा। उन्होंने पूछा कि वन विभाग में हमारे इलाकों में कितने पौधे लगाए और उनमें से कितने आज तक जीवित है।


Body:जयपुर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जल शक्ति अभियान की बैठक मैं जयपुर जिले के विधायकों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। सबने अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर नाराजगी जताई। वन विभाग के डीएफओ जनप्रतिनिधियो के सवालों में घिर गए उनको जवाब देते भी नहीं बना। जनप्रतिनिधि यहां तक कह दिया कि आप सब छोड़िए आज तक जितने मुख्यमंत्री हुए हैं आपने सबको बुलाकर पौधे लगवाए हैं आज तक उन पौधों में से कितने पौधे जीवित हैं उसका हिसाब दे दो इस पर डीएफओ ने चुप्पी साध ली और कोई जवाब उनके पास नहीं था। रामलाल शर्मा बाबूलाल नागर ने कहा ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाया गया पौधा जीवित है और ना ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा लगाया गया पौधा।
जल शक्ति अभियान की बैठक में जल संरक्षण, वर्षा के पानी के संचरण और बड़े पैमाने पर पौधारोपण को लेकर चर्चा होनी थी लेकिन बैठक में अधिकतर समय विधायकों द्वारा अपने-अपने इलाकों में पौधारोपण को लेकर शिकायतों में ही गुजर गया । जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर थोड़ी बहुत सच्चा चर्चा ही हुई।
दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने अपने दूदू विधानसभा क्षेत्र में अब तक किए गए जल संरक्षण कार्य के बारे में अधिकारियों पर सवाल उठाए उन्होंने कहा की अट्ठारह उन्नीस साल में जल संरक्षण के तहत करीब दो सौ से डेढ़ सौ करोड रुपए उनके इलाके में खर्च कर दिए गए लेकिन उसका कोई हिसाब नहीं है आज तक कोई भी जलाशय वहां नहीं बना है उन्होंने अधिकारियों को चैलेंज किया कि वे एक भी ऐसा कोई स्त्रोत मेरे इलाके में बता दें कलेक्ट एनी 3 सदस्यों की एक कमेटी बनाकर इसकी ऑडिट कराने के निर्देश दिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके बाबूलाल नागर ने पौधारोपण खुद लेकर भी वन विभाग को कटघरे में खड़ा किया और अपने क्षेत्र में पौधारोपण का हिसाब मांगा


Conclusion:चोमू विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि उनके इलाकों में कई ट्यूबवेल नकारा पड़े हैं जिसमें से सामान चोरी हो रहा हैं। उन समान को कहीं दूसरी जगह काम में लिया जा सकता है। रामलाल शर्मा ने छत को वर्षा के पानी से जोड़ने और सरकारी बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का सुझाव दिया और अब जो नई बिल्डिंग मिलेगी उसमें भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को आवश्यक करने का सुझाव दिया ताकि बरसात का पानी काम में लिया जा सके। शर्मा ने सुझाव दिया कि पौधारोपण के लिए जन सहभागिता बढ़ाई जाए और स्कूल के बच्चों को एक पौधा लगाने के लिए पाबंद करें। उसका संरक्षण भी वही बच्चा करेगा। विधायक रामलाल शर्मा ने पौधा लगाने के बदले प्रोतसाहन राशि देने का सुझाव दिया और कहा कि लालच में व्यक्ति पौधे का ध्यान भी रखेगा और यह प्रोतसाहन राशि उसे पेड़ो की अलग अलग स्टेज पे दिए जाएं। उन्होंने सामोद की पहाड़ियों में छोटे-छोटे एनीकट भी बनाने का सुझाव दिया ताकि वर्षा जल को बचाया जा सके। रामलाल शर्मा ने अपने इलाकों में नरेगा का काम नहीं होने की शिकायत भी की। वहाँ नरेगाकर्मी बैठे रहते है।
शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल ने भी पौधारोपण को लेकर वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में संजय वन था जिसमें सैकड़ों पौधे थे लेकिन आज उसका अस्तित्व खत्म हो गया। विधायक इंद्राज गुर्जर ने भी वन विभाग पर नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि मेरे इलाके में एक गांव है जहां 70 साल से लाइट नहीं है और वन विभाग वहां लाइन बिछाने का की परमिशन नहीं दे रहा है। बैठक में कुकस बांध का मामला भी उठा उन्होंने कहा कि कुकस बांध आज खाली है उसके बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो रखा है जिससे पानी बांध तक नहीं पहुंच रहा ऐसे कई मामले बैठक में उठाए गए जहां बहाव के रास्ते में अतिक्रमण हो रखे हैं इसके लिए जिला कलेक्टर ने कहा कि अगर अतिक्रमण हटाने में किसी भी तरह की अगर कोई मदद चाहिए तो जिला प्रशासन उनके साथ में खड़ा है लेकिन पानी के रास्ते में यदि अतिक्रमण है तो उसे सख्ती से हटाया जाए।

बैठक में यह रहे मौजूद-
कलेक्ट्रेट सभागार में जल शक्ति अभियान की बैठक में जिला प्रमुख मूलचंद मीण, विधायक रफीक खान, निर्मल कुमावत, गोपाल मीणा, बाबूलाल नागर, आलोक बेनीवाल, रामलाल शर्मा, लक्ष्मण मीणा, इंद्राज गुर्जर, पंचायत समितियों के प्रधान, जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव, जिला परिषद सीईओ भारती दीक्षित, अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ अशोक कुमार शर्मा सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

बाईट 1. विधायक बाबूलाल नागर
2.जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव
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