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Millets Cafe in Jaipur : अब जी भरकर खा सकेंगे फास्ट-फूड, स्टार्टर से लेकर सूप भी बाजरे का - ETV Bharat Rajasthan News

यूनाइटेड नेशन्स (UN) की ओर से वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित करने के बाद से ही इसे बढ़ावा देने (Food Items of Millets in Jaipur) के लिए कवायद तेज हो गई है. इसी क्रम में जयपुर में पहला मिलेट्स कैफे खुलने जा रहा है. इसमें मिलेट्स से बने कई प्रकार के फूड आइटम्स मिलेंगे.

Millets Cafe in Jaipur
जयपुर में जल्द शुरू होगा मिलेट्स कैफे
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Published : Feb 3, 2023, 3:21 AM IST

जयपुर में शुरू होगा मिलेट्स कैफे

जयपुर. अब पिज्जा, बर्गर, पास्ता जैसे फास्ट फूड खाना फायदेमंद होगा. साथ ही इन्हें न्यूट्रिशन डाइट के रूप में भी देखा जाएगा. क्योंकि ये फास्ट फूड मैदे से नहीं बल्कि मिलेट्स यानी बाजरे से बनाए जाएंगे. मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने के लिए राजधानी जयपुर के दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में 'मिलेट्स कैफे' खोला जा रहा है. इसका काम अगले महीने से शुरू किया जाएगा.

मिलेट्स से जोड़ा जाएगा युवाओं को : दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बालोदा ने बताया कि अगले महीने से मिलेट्स कैफेटेरिया जयपुर में शुरू हो जाएगा. इस कैफे में मोटे अनाज में मुख्य रूप से बाजरा और ज्वार से बने उत्पाद के साथ ही रागी और कोडो से बने बाई प्रोडक्ट्स भी डिस्प्ले करेंगे. उन्होंने बताया कि फास्ट फूड पसंद करने वाले बच्चों और युवाओं तक इस पोषण युक्त खाने को पहुंचाया जाएगा. स्मॉल मिलेट्स में फाइबर और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ऐसे में सात दिन में से दो दिन ही रूटीन डाइट में इसे शामिल किया जाए, तो लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारियां नहीं होंगी.

पढ़ें. Millet Products in Jodhpur: बाजरे के ऐसे प्रोडक्ट्स जिन्हें खाकर दिल मांगे मोर

बाजरे का नूडल्स, पोहा से लेकर इडली-डोसा : उन्होंने बताया कि भारत सरकार के इंडिया मिलेट्स इनिशिएटिव के तहत ही जल्द कैफे को शुरू किया जाएगा. इसमें बाजरे से बना पास्ता, पोहा, नूडल्स के अलावा अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स और साउथ इंडियन डिशेज को सर्व किया जाएगा. मैगी की तर्ज पर रेडी टू मेक मिक्चर भी तैयार किया जा रहा है. वहीं सूप के रूप में बाजरे की राबड़ी और स्टार्टर के रूप में खिचड़ी भी दी जाएगी. उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे मिड डे मिल में मोटे अनाज को शामिल करें, ताकी कुपोषण से लड़ाई आसान हो जाए.

पढ़ें. Rajasthan Millet Program: जानिए मिलेट्स ईयर के पीछे की सोच, आखिर क्यों है बाजरे पर जोर

गांवों के बाद शहरों में लोकप्रिय बनेंगे मिलेट्स : जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज सिंह ने बताया कि मिलेट्स को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए ब्रांडिंग की जरूरत है. प्रचार के जरिए ही युवाओं के रोजमर्रा के इस्तेमाल में मिलेट्स को लाया जा सकता है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि प्लेट में मोटे अनाज को शामिल किया जाए.

बजट में मोटे अनाज को श्री अनाज की उपाधि : बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 पेश किया. इस दौरान मोटे अनाज को श्री अनाज की उपाधि देकर, आने वाले सालों में इसे लोकप्रिय बनाने का रोडमैप रखा. इसके साथ ही राज्यों में भी मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने की कवायद जारी है. राजस्थान में कृषि विभाग कैफेटेरिया के जरिए युवाओं तक मोटे अनाज से बने खाद्यान्नों को लोकप्रिय बनाने में जुटा है. जल्द इसके लिए काम शुरू हो जाएगा. किचन से लेकर मेन्यू तक तैयार कर लिया गया है.

जयपुर में शुरू होगा मिलेट्स कैफे

जयपुर. अब पिज्जा, बर्गर, पास्ता जैसे फास्ट फूड खाना फायदेमंद होगा. साथ ही इन्हें न्यूट्रिशन डाइट के रूप में भी देखा जाएगा. क्योंकि ये फास्ट फूड मैदे से नहीं बल्कि मिलेट्स यानी बाजरे से बनाए जाएंगे. मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने के लिए राजधानी जयपुर के दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में 'मिलेट्स कैफे' खोला जा रहा है. इसका काम अगले महीने से शुरू किया जाएगा.

मिलेट्स से जोड़ा जाएगा युवाओं को : दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बालोदा ने बताया कि अगले महीने से मिलेट्स कैफेटेरिया जयपुर में शुरू हो जाएगा. इस कैफे में मोटे अनाज में मुख्य रूप से बाजरा और ज्वार से बने उत्पाद के साथ ही रागी और कोडो से बने बाई प्रोडक्ट्स भी डिस्प्ले करेंगे. उन्होंने बताया कि फास्ट फूड पसंद करने वाले बच्चों और युवाओं तक इस पोषण युक्त खाने को पहुंचाया जाएगा. स्मॉल मिलेट्स में फाइबर और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ऐसे में सात दिन में से दो दिन ही रूटीन डाइट में इसे शामिल किया जाए, तो लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारियां नहीं होंगी.

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बाजरे का नूडल्स, पोहा से लेकर इडली-डोसा : उन्होंने बताया कि भारत सरकार के इंडिया मिलेट्स इनिशिएटिव के तहत ही जल्द कैफे को शुरू किया जाएगा. इसमें बाजरे से बना पास्ता, पोहा, नूडल्स के अलावा अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स और साउथ इंडियन डिशेज को सर्व किया जाएगा. मैगी की तर्ज पर रेडी टू मेक मिक्चर भी तैयार किया जा रहा है. वहीं सूप के रूप में बाजरे की राबड़ी और स्टार्टर के रूप में खिचड़ी भी दी जाएगी. उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे मिड डे मिल में मोटे अनाज को शामिल करें, ताकी कुपोषण से लड़ाई आसान हो जाए.

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गांवों के बाद शहरों में लोकप्रिय बनेंगे मिलेट्स : जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज सिंह ने बताया कि मिलेट्स को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए ब्रांडिंग की जरूरत है. प्रचार के जरिए ही युवाओं के रोजमर्रा के इस्तेमाल में मिलेट्स को लाया जा सकता है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि प्लेट में मोटे अनाज को शामिल किया जाए.

बजट में मोटे अनाज को श्री अनाज की उपाधि : बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 पेश किया. इस दौरान मोटे अनाज को श्री अनाज की उपाधि देकर, आने वाले सालों में इसे लोकप्रिय बनाने का रोडमैप रखा. इसके साथ ही राज्यों में भी मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने की कवायद जारी है. राजस्थान में कृषि विभाग कैफेटेरिया के जरिए युवाओं तक मोटे अनाज से बने खाद्यान्नों को लोकप्रिय बनाने में जुटा है. जल्द इसके लिए काम शुरू हो जाएगा. किचन से लेकर मेन्यू तक तैयार कर लिया गया है.

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