जयपुर. राजस्थान सहकारी उपभोक्ता संघ से जुड़े उपभोक्ता भंडारों पर मिलने वाली दवाईयां यथावत मिलती रहेंगी. उपभोक्ता भंडार की दुकानों में गड़बड़ी की शिकायत के बाद ड्रग विभाग की ओर से 30 दिन के लिए निलंबित किए गए लाइसेंस की कार्रवाई पर स्टे मिल गया है. जिसके बाद अब उपभोक्ता भंडारों पर आम मरीज को सस्ते दामों पर दवाएं उपलब्ध हो सकेगी.
उपभोक्ता भंडार पर दवा सप्लाई करने वाली मेडिकल कंपनियों के बकाया भुगतान को लेकर भी सरकार द्वारा सहकारिता विभाग को 50 करोड़ की राशि जारी की गई है. रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन के अनुसार 100 करोड़ की राशि की मदद भी जल्द ही सरकार की ओर से विभाग को मिल जाएगी.
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गौरतलब है कि पिछले 1 साल से उपभोक्ता भंडार पर कई कंपनियों की उधारी हो गई थी. भंडार कंपनियों को दिलासा दे रहा था कि सरकार से पैसे आते ही उन्हें पैसा लौटा दिया जाएगा. साल 2018 से हर महीने की उधार इतनी बढ़ गई थी कि सरकार उपभोक्ता भंडार को डेढ़ सौ करोड़ रुपए दे, तो पेंशनर्स को पूरी दवाईया मिलना शुरू हो जाएगा. हालांकि विभाग की ओर से पिछले 8 महीने में कई बार वित्त विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन मामले का समाधान नहीं हुआ. जिसके चलते ड्रग विभाग ने 1 माह के लिए कॉनफेड का लाइसेंस निलंबित किया था.