जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल पर भार कम करने के लिए चिकित्सा विभाग अब आरयूएचएस अस्पताल का विस्तार करने (26 New Units in RUHS ) की तैयारी कर कर रहा है. दरअसल कोविड-19 काल के दौरान आरयूएचएस अस्पताल में बड़ी संख्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया गया था. लेकिन अब यह इन्फ्रास्ट्रक्चर मरीजों के काम नहीं आ पा रहा. अब आरयूएचएस अस्पताल प्रशासन की ओर से एक पत्र चिकित्सा विभाग को लिखा गया है, जिसमें अस्पताल से जुड़े विभिन्न विभाग शुरू करने की बात कही गई है.
कोविड-19 संक्रमण के दौरान आरयूएचएस अस्पताल में बड़ी संख्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलप किया गया था, जिसमें अत्याधुनिक आईसीयू से लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक अस्पताल में लगाया गया. लेकिन अब कोरोना के मामले काफी कम हो चुके हैं, और आरयूएचएस अस्पताल में तैयार किया गया. यह इन्फ्रास्ट्रक्चर मरीजों के काम नहीं आ रहा. इसका प्रमुख कारण है अस्पताल में चिकित्सकों की कमी और इस कारण तमाम तरह के इलाज अस्पताल में उपलब्ध नहीं होना.
मामले को लेकर आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ अजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में (Medical Department to start 26 New Units in RUHS) आरयूएचएस अस्पताल में 300 बेड के आईसीयू, मॉड्यूलर ओटी, 700 बेड के वार्ड, लेबर रूम आदि मौजूद हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन की ओर से एक पत्र चिकित्सा विभाग को लिखा गया है. जिसके बाद अब अस्पताल में 26 नई यूनिट शुरू की जा रही है. जिसमें जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, गायनिक, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, ईएनटी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, फॉरेंसिक मेडिसिन, पल्मोनरी आदि शामिल हैं.
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बच्चों के इलाज की विशेष व्यवस्थाः डॉ अजीत सिंह का कहना है कि राजधानी जयपुर में बच्चों के इलाज (Expansion of RUHS Hospital) से जुड़ा एकमात्र जेके लोन अस्पताल मौजूद है. लेकिन अब धीरे-धीरे इस अस्पताल में भी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में बच्चों के इलाज के लिए एक अलग से डिपार्टमेंट भी खोला जाएगा, ताकि जेके लोन अस्पताल से भार कम हो सके. मौजूदा समय में जेके लोन अस्पताल में लगभग 1000 से अधिक की ओपीडी चल रही है. जबकि आईपीडी में भी लगभग 200 से 300 बच्चे हर दिन अस्पताल में भर्ती होते हैं. ऐसे में अब जेके लोन अस्पताल इलाज के लिए छोटा पड़ने लगा है. जिसे देखते हुए आरयूएचएस अस्पताल में एक अलग से विंग शुरू करने की मांग रखी गई है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोगः डॉ अजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा समय में आरयूएचएस अस्पताल में बड़ी संख्या में इलाज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं. लेकिन चिकित्सकों की कमी और विशेषज्ञ नहीं होने के कारण लोग काफी कम संख्या में इलाज करवाने आरयूएचएस अस्पताल में पहुंच रहे हैं. मौजूदा समय में आरयूएचएस अस्पताल में औसतन 700 से 800 मरीजों की ही ओपीडी चल रही है, जो काफी कम है. हालांकि चिकित्सकों की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है और हमारी ओर से चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की भी मांग रखी गई है.
आसपास के क्षेत्रों को फायदाः आमतौर पर आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के कारण आसपास क्षेत्र के लोगों को इस अस्पताल का फायदा नहीं मिल पा रहा है. मजबूरन प्रताप नगर, सीतापुरा, सांगानेर इलाके के लोग अपना इलाज करवाने एसएमएस अस्पताल पहुंच रहे हैं. ऐसे में यदि आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हो तो आसपास के क्षेत्र ही नहीं बल्कि दौसा, टोंक, कोटा, झालावाड़, बूंदी आदि क्षेत्र से आने वाले मरीजों का इलाज भी आसानी से हो सकेगा. साथ ही एसएमएस अस्पताल पर भार कम होगा. मौजूदा समय में तकरीबन आरयूएचएस अस्पताल में 150 से 200 चिकित्सकों की आवश्यकता है.