जयपुर. राजस्थान में जयपुर हेरिटेज नगर निगम में पट्टे जारी करवाने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी के हत्थे चढ़े मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की रिमांड अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी है. अब एसीबी उनसे इस मामले से जुड़े कई और पहलुओं को लेकर पूछ्ताछा करेगी. सुशील गुर्जर के साथ गिरफ्तार दलाल नारायण और अनिल को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, जयपुर हेरिटेज नगर निगम में पट्टे बनवाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दो लाख रुपए की रिश्वत लेते शुक्रवार रात को सुशील गुर्जर, नारायण और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया था. इन तीनों को दो दिन के रिमांड पर एसीबी को सौंपा गया था. इनकी रिमांड अवधि पूरी होने पर एसीबी ने आज कोर्ट के समक्ष पेश किया. कोर्ट ने सुशील गुर्जर की रिमांड अवधि एक दिन बढ़ाते हुए एसीबी की रिमांड पर भेजा है. जबकि दलाल नारायण और अनिल को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा (जेल) भेजा गया है. सुशील गुर्जर जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर का पति है.
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एसीबी ने कंप्यूटर किया जब्त, कई राज खुलने की संभावना : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सुशील गुर्जर के दफ्तर से एक कंप्यूटर और कई दस्तावेज जब्त किए हैं. उनके कंप्यूटर की जांच में भ्रष्टाचार और घूसखोरी से जुड़े कई अहम सबूत हाथ लगने और इससे जुड़े कई राज खुलने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, एसीबी ने सुशील के साथ ही नारायण और अनिल की रिमांड अवधि भी बढ़ाने की मांग कोर्ट से की थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ सुशील गुर्जर की रिमांड अवधि एक दिन के लिए बढ़ाई है.
किसने क्या कहा ? : पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद एसीबी के एडिशनल एसपी राजेन्द्र नैन ने कहा कि उन्हें मामले में कुछ देर पहले ही अनुसंधान सौंपा गया है. ऐसे में आरोपियों का आमना-सामना करवाकर उनसे पूछताछ करनी है. सुशील के यहां से एक कंप्यूटर भी जब्त हुआ है, उसके बारे में भी पूछताछ करनी है। इसलिए आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए. जवाब में आरोपियों के अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि यह बडी हास्यास्पद स्थिति है कि तीन दिन से आरोपी एसीबी के पास हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ नहीं की है. इससे स्पष्ट है कि ये अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. यदि आईओ को आधा घंटे पहले केस का अनुसंधान मिला है तो यह रिमांड का आधार नहीं है.
वहीं, जब्त किए गए कंप्यूटर से साक्ष्य जुटाने में भी आरोपी की जरूरत नहीं है, क्योंकि कंप्यूटर एक्सपर्ट या एफएसएल के जरिए ही इसका पता चलेगा. अनुसंधान अधिकारी की ओर से बताए गए आधारों पर रिमांड की अवधि को नहीं बढ़ाया जा सकता. इसलिए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निलंबित मेयर के पति सुशील को एक दिन के पुलिस रिमांड पर और बाकी दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
सुशील गुर्जर के घर से मिले थे 41 लाख रुपए : एसीबी ने शुक्रवार रात को सुशील गुर्जर और दलाल नारायण व अनिल पर कार्रवाई करते हुए पट्टे जारी करने के बदले दो लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुशील गुर्जर के घर से एसीबी को 41,55,400 रुपए और नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपए मिले थे. जिन्हें गिनने के लिए नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी थी. इसके आलावा कुछ दस्तावेज भी एसीबी ने जब्त किए थे.