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Martyrs Wife Protest : खाचरियावास का मध्यस्थता से इनकार, कहा- मुख्यमंत्री ने Tweet किया, वही जानें - खाचरियावास का मध्यस्थता से इनकार

पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के (Martyrs Wife Protest) धरना-प्रदर्शन के मामले में मंत्री खाचरियावास ने मध्यस्थता से इनकार कर दिया है. खाचरियावास ने जयपुर में बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है, अब वही जानें.

khachariyawas on Martyrs Wives
वीरांगनाओं के साथ खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
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Published : Mar 9, 2023, 5:45 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 6:13 PM IST

खाचरिावास का बड़ा बयान...

जयपुर. राजस्थान में 28 फरवरी से पुलवामा शहीदों की तीनों वीरांगनाएं अपनी मांगों को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ अपने लिए सरकार से न्याय मांग रही हैं. इन वीरांगनाओं ने अपना नया ठिकाना पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास को बना रखा है. लेकिन गुरुवार को एक बार फिर जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अपनी मजबूरी जताते हुए कह दिया कि कैसे इस मामले में शहीद के बच्चों की जगह शहीदों के दूसरे परिजनों को नौकरी दे सकते हैं, अगर वह ऐसा करेंगे तो शहीदों के उन बच्चों का क्या होगा.

  • How can we justify giving job to any other relative by trampling upon the rights of the children of the martyr?

    What will happen to the children of the martyr when they grow up?

    Is it appropriate to trample upon their rights? pic.twitter.com/49Kio82KlX

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जैसे ही मुख्यमंत्री का ट्वीट सामने आया, वीरांगनाएं फिर से सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ मुख्यमंत्री आवास के लिए कुच करने लगीं. हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन इस मामले में मध्यस्थ बनाए गए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने आपको इस मामले से किनारे कर लिया है. खाचरियावास ने गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि देवर को नौकरी देने के लिए हम तैयार हो गए थे, लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री का ट्वीट आ गया और मुख्यमंत्री के ट्वीट आने के बाद किसी मंत्री के पास बोलने को कुछ रह नहीं जाता.

पढे़ं : जयपुर में वीरांगनाओं से खाकी की बदसलूकी पर गरमाया मामला, सरकार के बचाव में उतरे मंत्री प्रताप सिंह

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अब यह मामला मुख्यमंत्री के पास है. हम तो उसी दिन इस मामले को खत्म कर रहे थे. ऐसे में अब हमारे पास बोलने को कुछ बचा नहीं है. प्रताप सिंह ने कहा कि अब हम मंत्री के नाते ज्यादा से ज्यादा मुख्यमंत्री से इस बात की रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि वीरांगना के मामले को सुलझाएं. खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही हम दो दिन पहले वीरांगनाओं से वार्ता करने पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दिया तो हमारे पास कुछ नहीं बचा. वैसे भी मुख्यमंत्री हम मंत्रियों से पूछ कर तो ट्वीट करते नहीं हैं.

पढ़ें : Pulwama martyrs wife Protest : सीएम से मिलने निकलीं वीरांगनाओं को पुलिस ने रोका, मुंह में हरी घास लेकर लगाई गुहार

आपको बता दें कि दो दिन पहले इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर तीनों वीरांगनाओं से बात करने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मंत्री शकुंतला रावत पहुंची थीं. उन्होंने वीरांगनाओं की मांगों को मानने के लिए हां भी कर दिया था. लेकिन जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्वीट कर साफ कर दिया कि वीरांगना के देवर को नौकरी देने में कानूनी अड़चन है तो अब मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में मध्यस्थता करने से हाथ खींच लिए हैं.

खाचरिावास का बड़ा बयान...

जयपुर. राजस्थान में 28 फरवरी से पुलवामा शहीदों की तीनों वीरांगनाएं अपनी मांगों को लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ अपने लिए सरकार से न्याय मांग रही हैं. इन वीरांगनाओं ने अपना नया ठिकाना पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास को बना रखा है. लेकिन गुरुवार को एक बार फिर जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अपनी मजबूरी जताते हुए कह दिया कि कैसे इस मामले में शहीद के बच्चों की जगह शहीदों के दूसरे परिजनों को नौकरी दे सकते हैं, अगर वह ऐसा करेंगे तो शहीदों के उन बच्चों का क्या होगा.

  • How can we justify giving job to any other relative by trampling upon the rights of the children of the martyr?

    What will happen to the children of the martyr when they grow up?

    Is it appropriate to trample upon their rights? pic.twitter.com/49Kio82KlX

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जैसे ही मुख्यमंत्री का ट्वीट सामने आया, वीरांगनाएं फिर से सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ मुख्यमंत्री आवास के लिए कुच करने लगीं. हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन इस मामले में मध्यस्थ बनाए गए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने आपको इस मामले से किनारे कर लिया है. खाचरियावास ने गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि देवर को नौकरी देने के लिए हम तैयार हो गए थे, लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री का ट्वीट आ गया और मुख्यमंत्री के ट्वीट आने के बाद किसी मंत्री के पास बोलने को कुछ रह नहीं जाता.

पढे़ं : जयपुर में वीरांगनाओं से खाकी की बदसलूकी पर गरमाया मामला, सरकार के बचाव में उतरे मंत्री प्रताप सिंह

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अब यह मामला मुख्यमंत्री के पास है. हम तो उसी दिन इस मामले को खत्म कर रहे थे. ऐसे में अब हमारे पास बोलने को कुछ बचा नहीं है. प्रताप सिंह ने कहा कि अब हम मंत्री के नाते ज्यादा से ज्यादा मुख्यमंत्री से इस बात की रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि वीरांगना के मामले को सुलझाएं. खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही हम दो दिन पहले वीरांगनाओं से वार्ता करने पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दिया तो हमारे पास कुछ नहीं बचा. वैसे भी मुख्यमंत्री हम मंत्रियों से पूछ कर तो ट्वीट करते नहीं हैं.

पढ़ें : Pulwama martyrs wife Protest : सीएम से मिलने निकलीं वीरांगनाओं को पुलिस ने रोका, मुंह में हरी घास लेकर लगाई गुहार

आपको बता दें कि दो दिन पहले इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर तीनों वीरांगनाओं से बात करने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मंत्री शकुंतला रावत पहुंची थीं. उन्होंने वीरांगनाओं की मांगों को मानने के लिए हां भी कर दिया था. लेकिन जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्वीट कर साफ कर दिया कि वीरांगना के देवर को नौकरी देने में कानूनी अड़चन है तो अब मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले में मध्यस्थता करने से हाथ खींच लिए हैं.

Last Updated : Mar 9, 2023, 6:13 PM IST
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