जयपुर. राजधानी में पिछले 11 दिन से धरना दे रही वीरांगनाएं धरना स्थल से गायब हैं. सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने तीनों वीरांगनाओं के साथ उनके परिजनों और कार्यकर्ताओं को मध्यरात्रि 3 बजे धरना स्थल से हटा दिया.
पायलट के बंगले के बाहर चल रहा था धरना: बता दें कि पिछले 3 दिन से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा तीनों वीरांगनाओं के साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठे थे. गुरुवार को सांसद किरोड़ी लाल मीणा तीनों वीरांगनाओं के साथ एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया था. इस दौरान भारी हंगामा हुआ था. सांसद किरोडी लाल मीणा की ओर से सरकार पर बनाए जा रहे दबाव के बीच सरकार ने रणनीति के तहत सिविल लाइंस से धरना दे रही वीरांगनाओं को मध्यरात्रि हटा दिया है. हालांकि, सांसद किरोड़ी लाल मीणा इससे पहले 28 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे थे, लेकिन 6 मार्च को सचिन पायलट के बंगले पर वीरांगनाओं के साथ पहुंच गए थे.
सिविल लाइन सील: दरअसल, वीरांगनाओं के धरने के बीच पुलिस ने सिविल लाइंस सीएम हाउस की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है. चारों तरफ के रास्तों पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं. किसी भी अनजान व्यक्ति को सीएम हाउस की तरफ जाने की अनुमति नहीं है. स्थानीय लोगों के अलावा किसी को भी बिना कारण पुलिस सीएम हाउस के आसपास नहीं जाने दे रही है. बताया जा रहा है कि देर रात किरोड़ी लाल मीणा और वीरांगनाओं को धरना स्थल से उठाने के बाद पुलिस ने अब यह रणनीति अपनाई है.
पुलिस का दावा गिरफ्तार नहीं किया: पुलवामा अटैक में शहीद की वीरांगनाओं को धरना स्थल से हटाने पर पुलिस ने अपना तर्क दिया है. डीसीपी योगेश गोयल ने फोन पर जानकारी दी कि वीरांगनाओं को तबीयत खराब हो गई थी, उपचार के लिए अस्पतालों में भेजा है. गोयल ने कहा कि तीनों वीरांगनाओं मंजू लांबा, मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी मेडिकल जांच के दौरान तबीयत ही नासाज आई. ऐसे में उन्हें उनके जिले के संबंधित अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया गया है.
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किरोड़ी समर्थकों को लिया हिरासत में : वहीं, वीरांगनाओं के साथ धरना स्थल पर बैठे समर्थकों को हिरासत में लिया गया है. हिरासत में दिए गए समर्थकों को जयपुर से बाहर महिंद्रा सेज थाने पर ले जाया गया है. वहीं, समर्थकों की हिरासत की सूचना के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी सेज थाने पहुंचे. अब वह थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. मीणा के धरने को देखते हुए थाने के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
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ये मांग है वीरांगनाओं की: धरने पर बैठी पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू और जीतराम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी की मांग है कि कॉलेज और स्कूल का नाम उनके शहीद पति के नाम से हो साथ ही उनकी मांग है कि आश्रितों को मिलने वाली नौकरी उनके देवर को दी जाए. वहीं, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए और एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें. स्कूल, कॉलेज और सड़क के नामकरण को लेकर सरकार तैयार है, लेकिन सांगोद चौराहे पर पहले से ही दो शहीदों की मूर्ति लगी हुई है, ऐसे में सरकार के सामने चुनौती है की कैसे एक स्थान पर तीन मूर्ति लगाई जाये. वहीं, मंजू और सुंदरी देवी की देवर को नौकरी देने की मांग पर भी सरकार का तर्क है कि आश्रितों की नौकरी में पत्नी या बेटे बेटी को ही नौकरी दी जा सकती है. इनका हक मार कर किसी रिश्तेदार को नौकरी देना संभव नहीं है .