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मकर संक्रांति पर सजे बाजार, पंतगों के साथ-साथ तिल-गुड़ की महक फैली बाजार में

जयपुर के रेनवाल में मकर संक्रांति से पहले बाजार सज चुके हैं. बता दें कि इस पर्व पर पतंगबाजी के साथ-साथ दान-पुण्य का भी महत्व है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
मकर सक्रांन्ति पर्व को लेकर उत्साह पंतगों की बढ़ी कीमतो से पंतगबाजों का उत्साह कम
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Published : Jan 12, 2020, 7:59 PM IST

रेनवाल (जयपुर). साल 2020 का सबसे पहला पर्व मकर संक्रांति की खुशियां बांटनें के लिए लोग पूरी तरह से तैयार हैं. बाजार मलमास खत्म होने और त्योहारी सीजन का स्वागत करने का तैयार है. धार्मिक लिहाज से अहम मकर संक्रांति पतंगबाजी के लिए भी मशहूर हैं. मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही मूंगफली की खुशबू से शहर के बाजार महक रहे हैं. वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकाने सज गई है.

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मकर संक्रांति के दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा गायों को चारा, बांट, गुड़ खिलाकर पुण्य कमाया जाता है. इस दिन बच्चे, युवा पतंग उडाकर परंपरा को आगे बढ़ाते हैं. इस बार मकर संक्रांति 14 और 15 जनवरी को मनाई जाएगी.

पतंगों की सजी दुकानें, मंदी का दिख रहा है असर

मकर संक्रांति पर्व को लेकर शहर में पतंगों की दुकानों पर भीड़ तो नजर आने लगी है. लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले कम है. दुकानदारों का कहना है कि इस बार पतंगों पर महंगाई का असर ज्यादा देखा जा रहा है. गत वर्ष के मुकाबले ग्राहकी आधी भी नहीं है.

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इस बार मांझे की प्रति गट्टे कीमतों में 30 से लेकर 150 रुपए का इजाफा हुआ है. प्रति 20 पंतगों के बंडल में भी 5 रुपए से लेकर 50 रुपए की तेजी है, लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति पर्व के पहले दो दिन खरीददारों की भारी भीड़ रहेगी. शहर के कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित शहर में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगों की दुकानें सज गई है. बच्चे जहां कॉर्टून कैरेक्टर की पंतगें ज्यादा पसंद कर रहे हैं, तो युवाओं में विराट कोहली और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की फोटो वाली पंतगों को खूब खरीद रहे हैं.

रेनवाल (जयपुर). साल 2020 का सबसे पहला पर्व मकर संक्रांति की खुशियां बांटनें के लिए लोग पूरी तरह से तैयार हैं. बाजार मलमास खत्म होने और त्योहारी सीजन का स्वागत करने का तैयार है. धार्मिक लिहाज से अहम मकर संक्रांति पतंगबाजी के लिए भी मशहूर हैं. मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही मूंगफली की खुशबू से शहर के बाजार महक रहे हैं. वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकाने सज गई है.

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मकर संक्रांति के दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा गायों को चारा, बांट, गुड़ खिलाकर पुण्य कमाया जाता है. इस दिन बच्चे, युवा पतंग उडाकर परंपरा को आगे बढ़ाते हैं. इस बार मकर संक्रांति 14 और 15 जनवरी को मनाई जाएगी.

पतंगों की सजी दुकानें, मंदी का दिख रहा है असर

मकर संक्रांति पर्व को लेकर शहर में पतंगों की दुकानों पर भीड़ तो नजर आने लगी है. लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले कम है. दुकानदारों का कहना है कि इस बार पतंगों पर महंगाई का असर ज्यादा देखा जा रहा है. गत वर्ष के मुकाबले ग्राहकी आधी भी नहीं है.

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इस बार मांझे की प्रति गट्टे कीमतों में 30 से लेकर 150 रुपए का इजाफा हुआ है. प्रति 20 पंतगों के बंडल में भी 5 रुपए से लेकर 50 रुपए की तेजी है, लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति पर्व के पहले दो दिन खरीददारों की भारी भीड़ रहेगी. शहर के कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित शहर में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगों की दुकानें सज गई है. बच्चे जहां कॉर्टून कैरेक्टर की पंतगें ज्यादा पसंद कर रहे हैं, तो युवाओं में विराट कोहली और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की फोटो वाली पंतगों को खूब खरीद रहे हैं.

Intro:जयपुर जिले के रेनवाल, जाेबनेर, सांभर, फुलेरा सहित क्षेत्र में सlाल 2020 का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांन्ति की खुशियां बांटनें के लिए लोग पूरी तरह से तैयार है। बाजार मलमास खत्म होने और त्यौहारी सीजन का स्वागत करने का तैयार है. धार्मिक लिहाज से अहम मकर संक्रांति पतंगबाजी के लिए भी महशहुर हैं. मकर सक्रांन्ति की उमंग में जहां तिल-गुड की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही रेवड़ी व गजक एवं मूंगफली की खुशबू से शहर के बाजार महक रहे है। वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकाने सज गई है। Body:। जिंदादिली के दर्शानें का यह त्योंहार प्रेम और सोहार्द की प्रतीक माना गया है। इन दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त करते है। इसके अलावा गायों का चारा, बांट, गुड खिलाकर पुण्य कमाया जाता है। इस दिन बच्चे युवा यहां तक महिलाएं भी पतंग उडाकर परंपरा काे अागे बढ़ाते है। इस बार मकर संक्रांति 14 व 15 जनवरी को मनाई जाएगी। Conclusion:पतंगों की सजी दुकानें, मंदी का दिख रहा है असर-
मकर सकांन्ति पर्व को लेकर इस वर्ष लोगों में जो उत्साह है, लेकिन आर्थिक मंदी से पाकेट में केश की कमी पर्व को फीखा कर सकता है फिर भी मकर सक्रांन्ति पर्व को लेकर शहर में पतंगो की दुकानों पर भीड़ तो नजर आने लगी है लेकिन गत वर्ष के मुकाबले कम। दुकानदारों का कहना है कि इस बार पतंगो पर महंगाई का असार ज्यादस देखा जा रहे है गत वर्ष के मुकाबले ग्राहकी आधी भी नही है। इस बार मांझे की प्रति गट्टे कीमतों में 30 से लेकर 150 रुपए का इजाफा हुआ है। प्रति 20 पंतगों के बंडल में भी 5 रुपए से लेकर 50 रुपए की तेजी है। लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति पर्व के पहले दो दिन खरीददारों की भारी भीड़ रहेगी। शहर के कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित शहर में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगो की दुकानें सज गई है। बच्चे जहा कॉर्टून करेक्ट की पंतगें ज्यादा पसंद कर रहे है तो युवाओं में वीराट कोहली व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी की फोटो वाली पंतगों को खूब खरीद रहे है।
विजूयल व बाईट -
बाईट-1- दुकानदार।

विजूयल—ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत रेनवाल (जयपुर) की रिपोर्ट।
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