जयपुर. भीलवाड़ा के कोटड़ी गांव में नाबालिग लड़की से रेप कर भट्टी में जलाने के मामले में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. जहां इस मामले में भाजपा कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है. वहीं, भाजपा नेताओं पर कांग्रेस पीड़ित परिवार की पहचान उजागर करने का आरोप लगा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने पीड़ित परिवार की पहचान उजागर की है.
उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष व महिला सांसदों से इस्तीफा भी मांगा है. लोकेश शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि राजस्थान सरकार कोटड़ी मामले को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में पुलिस को जल्द से जल्द चालान पेश करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता चुनावी साल में राजनीतिक रंग देने के लिए कोटड़ी में पीड़ित परिवार से मिलने का नाटक कर रहे हैं.
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वाहवाही लूटने के लिए बनाया प्रतिनिधि मंडल - लोकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि सीपी जोशी और भाजपा ने पीड़िता के पिता की पहचान उजागर करने का काम किया है. प्रदेशाध्यक्ष और लोकसभा सांसद सीपी जोशी पर उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़ित परिवार की पहचान उजागर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में वाहवाही लूटने के लिए भाजपा ने एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया था. प्रतिनिधि मडल रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा. इसमें भाजपा की महिला सांसद और राष्ट्रीय संगठन की पदाधिकारी शामिल थीं. इन्होंने पीड़ित परिवार की फोटो बीजेपी मीडिया राजस्थान के नाम से बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में भी साझा की. लोकेश शर्मा ने कहा कि भाजपा की महिला सांसदों और प्रदेशाध्यक्ष को इस लापरवाही के लिए इस्तीफा देना चाहिए.
पीएम मोदी से भी की दखल देने की मांग - लोकेश शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद महिलाओं-बेटियों की इज्जत और आत्मसम्मान की रक्षा की बात करते हैं. उन्हें इस मामले में तुरंत पार्टी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, लोकेश शर्मा ने कहा कि पीड़ित परिवार पर पहले ही दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. इसके बावजूद भाजपा अपने राजनीतिक हित साधने के लिए पीड़ित परिजनों की पहचान उजागर कर रही है, जिससे पीड़ित परिवार को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन्स के अनुसार किसी भी परिस्थिति में दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती.