जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ कई दिनों तक दुष्कर्म करने और बाद में पैदा हुई संतान को नहीं अपनाने वाले अभियुक्त भरत गुर्जर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त को शेष जीवन जेल में रखा जाए.
विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश माथुर ने अदालत को बताया कि रेनवाल मांजी निवासी 15 वर्षीय पीड़िता पशु चराने का काम करती थी. वहां अभियुक्त भी पशु चराने जाता था. अभियुक्त ने पीड़िता को बहला फुसला कर अवैध संबंध बना लिए. इसके बाद अभियुक्त आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करने लगा.
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जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. इस पर अभियुक्त ने डिलीवरी के बाद पीड़िता और उसकी संतान को अपनाने की बात कही. वहीं जुलाई 2014 में पीड़िता के संतान को जन्म देने के बाद अभियुक्त ने दोनों को अपनाने से इंकार कर दिया. इस पर पीड़िता के पिता की ओर से 29 सितंबर 2014 को रेनवाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.