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Rajasthan New Districts : नेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले- सत्ता वापसी का पैंतरा बन गया सीएम गहलोत के गले की फांस - ETV Bharat Rajasthan News

राजस्थान में नए जिलों के नाम को लेकर चल रहे विवाद के बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने अपने आवास पर सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्ता वापसी के लिए सीएम गहलोत ने घोषणा की, जो उनकी सरकार के लिए मुसीबत बन गया है.

Rajendra Rathore Targets CM Ashok Gehlot
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़
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Published : Jun 26, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Jun 26, 2023, 5:57 PM IST

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा

जयपुर. राजस्थान में नए जिलों के नाम को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. कई जगहों पर इसको लेकर धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं. दूसरी ओर इस घटनाक्रम पर बीजेपी भी गहलोत सरकार पर जुबानी हमला कर रही है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधायकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया और कहा कि सत्ता वापसी का जो पैंतरा सीएम गहलोत ने आजमाया था, अब वह उनकी सरकार की गले की फांस बन गया है.

गले की फांस बना, सत्ता वापसी का पैंतरा : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान वित्त विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट आए बिना प्रदेश में 19 जिलों और 3 संभाग के गठन की घोषणा ने प्रदेश में हिंसा का माहौल खड़ा कर दिया है. राठौड़ ने कहा कि सत्ता में वापस लौटने का जो पैंतरा आजमाया गया था वो आज सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. नए जिलों को लेकर प्रदेश में चल रहे आंदोलन हिंसक हो गए हैं. कांग्रेस सरकार चुनाव के चलते जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. यह घोषणा महज राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने का ढोंग है.

पढ़ें. जयपुर के लिए एक मंच पर आए भाजपा और कांग्रेस के नेता, बोले खाचरियावास-जिले को बंटने नहीं देंगे

दुर्भाग्य अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं : राठौड़ ने कहा कि नए जिलों की घोषणा को 3 माह से अधिक समय बीत चुका है. 1 अप्रैल 2023 को विधिवत रूप से नए जिले अस्तित्व में आ जाने चाहिए थे, लेकिन अभी तक सरकार ने कलेक्टर की बजाय महज विशेषाधिकारी लगाए हैं. दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार ने नए जिलों के लिए न तो अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी किया है और न ही जनता से कोई राय/सुझाव/आपत्तियां मांगी हैं. राठौड़ ने दावा किया कि प्रदेश में 19 जिलों और 3 संभागों के लिए गठन के लिए सरकार ने महज 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि इतने बजट की आवश्यकता तो अकेले एक नए जिले को होगी. सरकार के कार्यकाल में चुनाव आचार संहिता लगने में मात्र 3 माह बचे हैं और सरकार की ओर से नियुक्त ओएसडी सीमांकन के कार्य से कोसों दूर हैं.

हजारों लोग आंदोलित : राठौड़ ने कहा कि सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर हजारों लोग आंदोलनरत हैं, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. लाठीचार्ज में 24 लोग घायल हो गए हैं. सुजानगढ़, भीनमाल, सूरतगढ़, भिवाड़ी, लाडनूं, देवली और अनूपगढ़ को अलग जिला बनाने साथ ही घोषित जिलों डीडवाना-कुचामन, बहरोड-कोटपूतली में जिला मुख्यालयों के चयन और जयपुर और जोधपुर को एक जिले से दो भागों में विभक्त नहीं करने को लेकर जगह-जगह आंदोलन चल रहे हैं.

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जिन जिलों की घोषणा की थी, उसमें जयपुर और जोधपुर को दो अलग अलग जिलों में बांटने को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बरकरार है. इसी प्रकार कुचामन और डीडवाना जिला की दूरी महज 45 किमी है. कोटपूतली-बहरोड में से जिला हेडक्वार्टर कौन रहेगा, इसको लेकर भी असमंजस की स्थिति है. आरोप है कि मुख्यमंत्री ने समर्थित दोनों निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए दूदू और गंगापुर सिटी को सीधा जिला बना दिया. सरकार और कांग्रेस का अंदरूनी अंतर्द्वंद्व भी अब नए जिलों के आंदोलन में सड़कों पर देखा जा सकता है.

पढ़ें. Rajasthan New District: सीएम गहलोत बोले-जनभावना का सम्मान होगा, जयपुर शहर और ग्रामीण हो सकते हैं नए जिले

सदन से सरकार भागती रही : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि निश्चित तौर पर इस सरकार का यह आखिरी सत्र आएगा. दुर्भाग्य इस बात का है कि इस सरकार ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया. अगर सत्रावसान होता तो 21 दिन का नोटिस देना पड़ता, सरकार सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रही है. सदन से सरकार हमेशा भागती रही है. अगर सत्र प्रारंभ होगा तो मुद्दों के आधार पर सरकार को घेरेंगे. सरकार की योजनाओं का पोल खोलने का काम बीजेपी करेगी. खासतौर से कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर विपक्ष अपनी भूमिका पूर्ण तरीके से निभाएगा.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election: एमएलए वेद सोलंकी बोले-मिलकर लड़ेंगे चुनाव, कांग्रेस की सरकार बनाएंगे

यहां हुआ आंदोलन : जयपुर के आसपास दो जगहों पर पुलिस और आम जनता के बीच पथराव भी हुआ. बता दें कि सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन रविवार को उग्र हो गया था, पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर लाठी भाटा जंग हुई. बढ़ते आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान 25 से ज्यादा प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने इस पूरे मामले में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों में भी नए जिलों के नाम को लेकर विवाद हो रहा है. इन्हीं विवादों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को अपने आवास पर बुलाकर आश्वस्त किया कि जिलों के नाम में जन भावना का ख्याल रखा जाए.

श्रीकृष्ण बोर्ड के गठन के गरमाई सियासत : वहीं, प्रदेश में श्रीकृष्ण बोर्ड का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यादव समाज की मांग पर इस बोर्ड का गठन किया. इस पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि ये फैसले न नियम, न कानून और न ही भौगोलिक क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं. ये घोषणाएं सिर्फ राजनीतिक सियासत के आधार पर की जा रही हैं. सिर्फ लोगों को खुश करने के लिए इनका गठन किया जा रहा है.

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा

जयपुर. राजस्थान में नए जिलों के नाम को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. कई जगहों पर इसको लेकर धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं. दूसरी ओर इस घटनाक्रम पर बीजेपी भी गहलोत सरकार पर जुबानी हमला कर रही है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधायकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया और कहा कि सत्ता वापसी का जो पैंतरा सीएम गहलोत ने आजमाया था, अब वह उनकी सरकार की गले की फांस बन गया है.

गले की फांस बना, सत्ता वापसी का पैंतरा : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान वित्त विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट आए बिना प्रदेश में 19 जिलों और 3 संभाग के गठन की घोषणा ने प्रदेश में हिंसा का माहौल खड़ा कर दिया है. राठौड़ ने कहा कि सत्ता में वापस लौटने का जो पैंतरा आजमाया गया था वो आज सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. नए जिलों को लेकर प्रदेश में चल रहे आंदोलन हिंसक हो गए हैं. कांग्रेस सरकार चुनाव के चलते जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. यह घोषणा महज राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने का ढोंग है.

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दुर्भाग्य अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं : राठौड़ ने कहा कि नए जिलों की घोषणा को 3 माह से अधिक समय बीत चुका है. 1 अप्रैल 2023 को विधिवत रूप से नए जिले अस्तित्व में आ जाने चाहिए थे, लेकिन अभी तक सरकार ने कलेक्टर की बजाय महज विशेषाधिकारी लगाए हैं. दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार ने नए जिलों के लिए न तो अभी तक कोई नोटिफिकेशन जारी किया है और न ही जनता से कोई राय/सुझाव/आपत्तियां मांगी हैं. राठौड़ ने दावा किया कि प्रदेश में 19 जिलों और 3 संभागों के लिए गठन के लिए सरकार ने महज 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जबकि इतने बजट की आवश्यकता तो अकेले एक नए जिले को होगी. सरकार के कार्यकाल में चुनाव आचार संहिता लगने में मात्र 3 माह बचे हैं और सरकार की ओर से नियुक्त ओएसडी सीमांकन के कार्य से कोसों दूर हैं.

हजारों लोग आंदोलित : राठौड़ ने कहा कि सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर हजारों लोग आंदोलनरत हैं, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. लाठीचार्ज में 24 लोग घायल हो गए हैं. सुजानगढ़, भीनमाल, सूरतगढ़, भिवाड़ी, लाडनूं, देवली और अनूपगढ़ को अलग जिला बनाने साथ ही घोषित जिलों डीडवाना-कुचामन, बहरोड-कोटपूतली में जिला मुख्यालयों के चयन और जयपुर और जोधपुर को एक जिले से दो भागों में विभक्त नहीं करने को लेकर जगह-जगह आंदोलन चल रहे हैं.

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जिन जिलों की घोषणा की थी, उसमें जयपुर और जोधपुर को दो अलग अलग जिलों में बांटने को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बरकरार है. इसी प्रकार कुचामन और डीडवाना जिला की दूरी महज 45 किमी है. कोटपूतली-बहरोड में से जिला हेडक्वार्टर कौन रहेगा, इसको लेकर भी असमंजस की स्थिति है. आरोप है कि मुख्यमंत्री ने समर्थित दोनों निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए दूदू और गंगापुर सिटी को सीधा जिला बना दिया. सरकार और कांग्रेस का अंदरूनी अंतर्द्वंद्व भी अब नए जिलों के आंदोलन में सड़कों पर देखा जा सकता है.

पढ़ें. Rajasthan New District: सीएम गहलोत बोले-जनभावना का सम्मान होगा, जयपुर शहर और ग्रामीण हो सकते हैं नए जिले

सदन से सरकार भागती रही : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि निश्चित तौर पर इस सरकार का यह आखिरी सत्र आएगा. दुर्भाग्य इस बात का है कि इस सरकार ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किया. अगर सत्रावसान होता तो 21 दिन का नोटिस देना पड़ता, सरकार सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रही है. सदन से सरकार हमेशा भागती रही है. अगर सत्र प्रारंभ होगा तो मुद्दों के आधार पर सरकार को घेरेंगे. सरकार की योजनाओं का पोल खोलने का काम बीजेपी करेगी. खासतौर से कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर विपक्ष अपनी भूमिका पूर्ण तरीके से निभाएगा.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election: एमएलए वेद सोलंकी बोले-मिलकर लड़ेंगे चुनाव, कांग्रेस की सरकार बनाएंगे

यहां हुआ आंदोलन : जयपुर के आसपास दो जगहों पर पुलिस और आम जनता के बीच पथराव भी हुआ. बता दें कि सांभर-फुलेरा को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन रविवार को उग्र हो गया था, पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर लाठी भाटा जंग हुई. बढ़ते आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान 25 से ज्यादा प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने इस पूरे मामले में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों में भी नए जिलों के नाम को लेकर विवाद हो रहा है. इन्हीं विवादों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को अपने आवास पर बुलाकर आश्वस्त किया कि जिलों के नाम में जन भावना का ख्याल रखा जाए.

श्रीकृष्ण बोर्ड के गठन के गरमाई सियासत : वहीं, प्रदेश में श्रीकृष्ण बोर्ड का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यादव समाज की मांग पर इस बोर्ड का गठन किया. इस पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि ये फैसले न नियम, न कानून और न ही भौगोलिक क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं. ये घोषणाएं सिर्फ राजनीतिक सियासत के आधार पर की जा रही हैं. सिर्फ लोगों को खुश करने के लिए इनका गठन किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 26, 2023, 5:57 PM IST
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