जयपुर. राजस्थान से संगठित अपराध और अपराधियों के खात्मे के लिए राजस्थान पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही वांछित कुख्यात गैंगस्टर्स को भी निशाने पर लेने में जुटी हुई है. राजस्थान में सक्रिय लॉरेंस विश्नोई गैंग के लोकल नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस हर स्तर पर प्रयास कर रही है. साथ ही विदेश में बैठे गुर्गों पर भी पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में है. इसके लिए लॉरेंस के सबसे खास गुर्गे विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़ को राजस्थान पुलिस पूछताछ के लिए लाने की तैयारी में है.
मूसेवाला की हत्या की प्लानिंग में शामिल : विक्रम बराड़ को जुलाई में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) ने गिरफ्तार किया था. अब राजस्थान पुलिस के अधिकारी उससे पूछताछ के लिए एनआईए के अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं और उसे लाने की कवायद की जा रही है. उम्मीद है कि बराड़ से पूछताछ में लॉरेंस गैंग के कई राज सामने आ सकते हैं. खास तौर पर हथियारों की तस्करी के नेटवर्क को लेकर पुलिस को काफी जानकारी मिल सकती है. विक्रम बराड़ जाने-माने पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में भी आरोपी है. जांच में सामने आया था कि वह इस हत्या की प्लानिंग में शामिल था.
छोटे से गांव से दुबई तक का सफर : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में पीलीबंगा के पास एक छोटा सा गांव है डिंगा, विक्रम बराड़ मूलतः यहीं का रहने वाला है. उसके पिता जगराज गांव में रामदेवजी के मंदिर के पुजारी हैं. साल 2013 में वह पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ गया था. इस दौरान उसकी लॉरेंस विश्नोई से दोस्ती हुई और वह स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) से जुड़ गया. पहली बार उसे 2015 में पंजाब पुलिस ने लॉरेंस के साथ एक मामले में पकड़ा था. बाद में वह भी लॉरेंस की गैंग से जुड़ गया, जहां उसके खिलाफ संगीन धाराओं में 10 मुकदमें दर्ज हुए. इसके बाद वह 2020 में दुबई भाग गया.
लॉरेंस के इशारे पर चला रहा था गैंग : जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई के इशारे पर विक्रम बराड़ दुबई में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा था. साल 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पड़ताल में लॉरेंस गैंग का अंतरराष्ट्रीय बदमाशों के साथ गठजोड़ सामने आया है. यह भी पता चला कि विक्रम लड़कों को गैंग में भर्ती करता है. बाद में इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई. पिछले साल अगस्त में विक्रम बराड़ और लॉरेंस के साथ ही 16 गैंगस्टर्स पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
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लॉरेंस का संदेश बाकी बदमाशों तक पहुंचाता : एनआईए ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की तो खुलासा हुआ कि दुबई में छिपा विक्रम बराड़ और यूएसए में छिपा दरमान सिंह गैंग के लिए रुपए और हथियार जुटाने का काम कर रहा थे. वो लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ का संदेश गैंग से जुड़े बाकी लोगों तक पहुंचाते थे. हवाला की रकम को ठिकाने लगाने का काम भी वही करते थे. इतना ही नहीं अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त और सप्लाई भी वही मैनेज कर रहे थे. विक्रम कॉलेज के दिनों से ही लॉरेंस का खास दोस्त था, इसलिए वह उसके सबसे विश्वासपात्र लोगों में से एक है और गैंग के कई अहम काम उसके जिम्मे थे.
"गैंगस्टर्स और संगठित माफिया को हमारा साफ संदेश है कि इस तरह की गतिविधि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है. जो गैंगस्टर्स विदेश में छुपकर बैठे हैं, उनके लिए सीबीआई की प्रत्यर्पण शाखा से राजस्थान पुलिस के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं. यहां उनके लोकल नेटवर्क और बदमाशों को ध्वस्त किया जा चुका है. एनआईए का अनुसंधान पूरा होने के बाद राजस्थान पुलिस भी विक्रम बराड़ से पूछताछ करेगी." - उमेश मिश्रा, डीजीपी
दुबई से होते थे ज्यादातर थ्रेट कॉल्स : एनआईए की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि विक्रम बराड़ ने दुबई में एक हाईटेक कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम बना रखा था. लॉरेंस गैंग की ओर से थ्रेट कॉल इसी के जरिए किए जाते थे. यहां से दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे गैंग के बदमाशों को भी कॉलिंग लाइन दी जाती थी. इसी के चलते थ्रेट कॉल्स, टारगेट किलिंग और टेरर फंडिंग के मामलों में भी विक्रम बराड़ को आरोपी माना गया है.
राजस्थान पुलिस को भी थी तलाश : पिछले महीने एनआईए के हत्थे चढ़े लॉरेंस विश्नोई गैंग के खास राजदार विक्रम बराड़ की राजस्थान पुलिस को भी तलाश थी. वह थ्रेट कॉल, रंगदारी और फिरौती के मामलों में वांछित है. ऐसे में अब उसके एनआईए की गिरफ्त में आने के बाद राजस्थान पुलिस उसे यहां लाकर पूछताछ की कवायद में जुटी है. पुलिस का मानना है कि अवैध हथियारों की तस्करी और सप्लाई के नेटवर्क के बारे में उससे कई अहम सुराग हाथ लग सकते हैं.