जयपुर. भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी ने विधानसभा में बिजली विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने 12 घंटे बिजली देने का वादा किया था, लेकिन 6 घंटे भी बिजली पूरी तरह नहीं आ पा रही है. उसमें भी 10 से 15 बार ट्रिपिंग हो रही है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
महेश्वरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के 1 साल का 10 हजार रुपये के बिजली के बिल माफ किए थे, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार में उन्हें बिजली का पैसा चुकाना पड़ रहा है. सरकार यह पैसा सब्सिडी के रूप में उनके अकाउंट में डालेगी. उन्होंने कहा कि कई किसानों के खेतों का बंटवारा नहीं हुआ है, इसके कारण उनका बैंक में खाता खुलना मुश्किल होता है और उनको परेशानी का सामना करना पड़ेगा. किरण महेश्वरी कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस सरकार किसान का बिल माफ नहीं करना चाहती और दूसरी तरफ वह कहती है कि हम उनका बिल माफ करना चाहते हैं.
किरण माहेश्वरी ने कहा कि जनता दल योजना में गांव के किसानों का बिल बहुत आता है और उनको भुगतान करने में उनको परेशानी होती है. उन्होंने मांग रखी कि जिस तरह से घरेलू और कमर्शियल बिजली के दाम तय होते हैं उसी तरह से गांव में पानी की समय चलाई जाने वाली बिजली के दाम भी तय होने चाहिए. यह दाम घरलू और कमर्शियल दर से कम होने चाहिए ताकि गांव का व्यक्ति आराम से बिजली का बिल चुका सके.
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इंडस्ट्रियल से सोलर प्लांट से 3 रुपये 93 पैसे की दर से बिजली ली जाती है और वह खपत करता है तो उस बिजली की दर 6 रुपये हो जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार हर महीने सोलर प्लांट से मिलने वाली बिजली का हिसाब रख रही है, जबकि उन्हें यह काम 1 साल से यह हिसाब करना चाहिए. भाजपा विधायक ने कहा कि जब सोलर प्लांट से सर्दी और बरसात में बिजली का उत्पादन कम होता है. तब उसे बिजली कंज्यूम करना पड़ेगा तो उसे बिजली 6 रुपये में लेनी पड़ेगी. इसके कारण इंडस्ट्रियलिस्ट अब सोलर प्लांट लगाने में हिचकिचा रहे हैं. वहीं, सरकार बिजली को लेकर कोई नवाचार नहीं कर रही है.