जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण में प्रचार का शोर थमने में कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने प्रदेश की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की .
पत्रकारों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने जो जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, उसकी गूंज न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में सुनाई दे रही है. जो लोग आज दुनिया में वेलफेयर और कल्याणकारी योजनाओं को लेकर बहस कर रहे हैं उनके बीच राजस्थान एक मॉडल के रूप में उभरा है.
मंत्री का बेटा विदेश पढ़े तो गरीब अंग्रेजी क्यों नहीं: राजस्थान की अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का जिक्र करते हुए कन्हैया बोले, कुछ लोग कहते हैं कि अंग्रेजी पढ़ने की क्या जरूरत है. मंत्री का बेटा पढ़ने के लिए ऑक्सफोर्ड- कैम्ब्रिज जाएगा तो क्या इस देश के दलितों, आदिवासियों, गरीबों और किसानों के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी बोलना भी नहीं आता है तो भी गृह मंत्री ने अपने बेटे को बीसीसीआई का सचिव बना दिया, लेकिन हर कोई तो देश का गृह मंत्री नहीं है कि उसका बेटा बीसीसीआई का सचिव बन जाए.
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पीएम भी करने लगे योजनाओं की बात: कन्हैया कुमार ने कहा कि पीएम मोदी राजस्थान में प्रचार के दौरान अब योजनाओं की बात कर रहे हैं. हालांकि, उनका फेवरेट सब्जेक्ट यह नहीं बल्कि विभाजन, नफरत और जाति-धर्म की बात है. दंगे की बात है, लेकिन वो भी योजनाओं की बात करने लगे. आप देखिए उनको किस तरह से अपना मैदान छोड़ना पड़ा. वो किसी भी चुनाव में जाते थे तो नफरत और विभाजन की बात करते थे. यहां आकर वो भी कह रहे हैं कि हम 450 रुपए में गैस सिलेंडर देंगे. ये जनता की बहुत बड़ी जीत है. कन्हैया कुमार ने भाजपा से सवाल पूछा कि हमने पुरानी पेंशन योजना का लाभ देना शुरू कर दिया है. आप इसे लागू करेंगे कि नहीं.
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जातिगत जनगणना पर कही बड़ी बात: जातिगत जनगणना से समाज का बंटवारा होने के सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा, देश के भीतर लोगों की क्या स्थिति है. उसकी जानकारी जुटाना सरकार की जिम्मेदारी है. गिनने में क्या परेशानी है, इसे हम बंटवारा क्यों कह रहे हैं. यह तो एक्स-रे है कि देश के अंदर सभी जातियों की क्या स्थिति है?. हम यह नहीं कह रहे हैं कि गिनने के बाद किसी का छीनकर किसी और को दे देंगे. उन्होंने आगे कहा, यह किसी के खिलाफ नहीं बल्कि हम सबके पक्ष में है.