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जयपुर नगर निगम राजीव गांधी आवास योजना के कार्य के लिए फर्म को करेगा भुगतान - जयपुर

जयपुर नगर निगम राजीव गांधी आवास योजना के तहत फ्लैट निर्माण करने वाली संस्था को भुगतान करने वाली है. वहीं योजना के तीनों फेज का निर्माण कार्य अब तक अधूरा है.

जयपुर नगर निगम राजीव गांधी आवास योजना के कार्य के लिए फर्म को करेगा भुगतान
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Published : May 25, 2019, 6:14 PM IST

जयपुर. राजीव आवास योजना के तहत कच्ची बस्ती को बसाने के लिए भट्टा बस्ती में बन रही आवास योजना 6 साल में भी पूरी नहीं हो पाई है. अब नगर निगम साधारण सभा की स्वीकृति के बिना ही आवास बना रही फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के साथ, उसका भुगतान करने की तैयारी कर रहा है. जबकि योजना के तीनों फेज का काम ही अभी अधूरा है.

जयपुर नगर निगम राजीव गांधी आवास योजना के कार्य के लिए फर्म को करेगा भुगतान

कच्ची बस्ती में रहने वाले लोगों को सर पर छत देने की सोच के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजीव आवास योजना की शुरुआत की थी. उस दौरान नगर निगम की ओर से 2212 डुप्लेक्स आवास बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन बीते 6 सालों में ये आवास केवल एक ढांचे के रूप में ही खड़े हो पाए हैं. आलम ये है कि धीरे-धीरे ये आवास खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. हालांकि ये काम 3 फेस में पूरा होना था, लेकिन काम अभी भी अधूरा है.

वहीं नगर निगम उपमहापौर ने स्वीकृति के बिना ही आवास बनाने वाली फर्म का कार्यकाल बढ़ाने और भुगतान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मामले में नगर निगम की साधारण सभा की स्वीकृति नहीं ली गई है. जबकि मई 2016 में ईसी की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि आवास बना रही फर्म के कागजातों की जांच की जाएगी. अनियमितता पाए जाने पर उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जाएगी.

बताया जा रहा है कि नगर निगम में अब उसी फर्म को फिर से चौथे फेज का काम सौंपने की तैयारी में है. मेयर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिसने काम किया है उसे भुगतान करना जरूरी है. हालांकि, नियमानुसार फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रस्ताव नगर निगम की साधारण सभा में जाना जरूरी है. बताया जा रहा है कि कार्यकाल बढ़ाने के बाद बोर्ड से ये प्रस्ताव पास कराने की चर्चा है. वहीं इससे पहले फर्म का भुगतान रोकने का आवश्यकता है. जिसने 3 फेज में भी राजीव आवास बनाने का काम पूरा नहीं किया है. साथ ही पूर्व कमिश्नर की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब ढूंढना भी जरूरी है.

जयपुर. राजीव आवास योजना के तहत कच्ची बस्ती को बसाने के लिए भट्टा बस्ती में बन रही आवास योजना 6 साल में भी पूरी नहीं हो पाई है. अब नगर निगम साधारण सभा की स्वीकृति के बिना ही आवास बना रही फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के साथ, उसका भुगतान करने की तैयारी कर रहा है. जबकि योजना के तीनों फेज का काम ही अभी अधूरा है.

जयपुर नगर निगम राजीव गांधी आवास योजना के कार्य के लिए फर्म को करेगा भुगतान

कच्ची बस्ती में रहने वाले लोगों को सर पर छत देने की सोच के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजीव आवास योजना की शुरुआत की थी. उस दौरान नगर निगम की ओर से 2212 डुप्लेक्स आवास बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन बीते 6 सालों में ये आवास केवल एक ढांचे के रूप में ही खड़े हो पाए हैं. आलम ये है कि धीरे-धीरे ये आवास खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. हालांकि ये काम 3 फेस में पूरा होना था, लेकिन काम अभी भी अधूरा है.

वहीं नगर निगम उपमहापौर ने स्वीकृति के बिना ही आवास बनाने वाली फर्म का कार्यकाल बढ़ाने और भुगतान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मामले में नगर निगम की साधारण सभा की स्वीकृति नहीं ली गई है. जबकि मई 2016 में ईसी की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि आवास बना रही फर्म के कागजातों की जांच की जाएगी. अनियमितता पाए जाने पर उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जाएगी.

बताया जा रहा है कि नगर निगम में अब उसी फर्म को फिर से चौथे फेज का काम सौंपने की तैयारी में है. मेयर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिसने काम किया है उसे भुगतान करना जरूरी है. हालांकि, नियमानुसार फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रस्ताव नगर निगम की साधारण सभा में जाना जरूरी है. बताया जा रहा है कि कार्यकाल बढ़ाने के बाद बोर्ड से ये प्रस्ताव पास कराने की चर्चा है. वहीं इससे पहले फर्म का भुगतान रोकने का आवश्यकता है. जिसने 3 फेज में भी राजीव आवास बनाने का काम पूरा नहीं किया है. साथ ही पूर्व कमिश्नर की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब ढूंढना भी जरूरी है.

Intro:राजीव आवास योजना के तहत कच्ची बस्ती को बसाने के लिए भट्टा बस्ती में बन रही आवास योजना 6 साल में भी पूरी नहीं हो पाई। अब नगर निगम साधारण सभा की स्वीकृति के बिना ही आवास बना रही फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के साथ, उसका भुगतान करने की तैयारी कर रहा है। जबकि योजना के तीनों फेज का काम ही अभी अधूरा है। और चौथे फेज का काम कागजों में ही दौड़ रहा है।


Body:गरीब और कच्ची बस्ती में रहने वाले लोगों को सर पर छत, और सीमेंट की दीवारों के बीच उपयुक्त आवास देने की सोच के साथ, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजीव आवास योजना की शुरुआत की थी। उस दौरान नगर निगम की ओर से 2212 डुप्लेक्स आवास बनाने की योजना तैयार की गई थी। लेकिन बीते 6 सालों में ये आवास केवल एक ढांचे के रूप में ही खड़े हो पाए हैं। आलम ये है कि धीरे-धीरे ये आवास खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। हालांकि ये काम 3 फेस में पूरा होना था, लेकिन काम अभी भी अधूरा है। इस पर नगर निगम उपमहापौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम साधारण सभा की स्वीकृति के बिना ही आवास बना रही फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के साथ उसका भुगतान किया जा रहा है। जबकि मई 2016 में ईसी की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि आवास बना रही फर्म के कागजातों की जांच की जाए। और अनियमितता पाए जाने पर उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जाए।
बाईट - मनोज भारद्वाज, उपमहापौर

बताया जा रहा है कि नगर निगम में अब उसी फर्म को चौथे फेज का काम सौंपने की तैयारी है। जिसके लिए फ़ाइल पहले से दौड़ रही है। उधर, मेयर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिस ने काम किया है उसे भुगतान करना जरूरी है।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:हालांकि, नियमानुसार फर्म का कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रस्ताव नगर निगम की साधारण सभा में जाना जरूरी है। बताया जा रहा है कि कार्यकाल बढ़ाने के बाद बोर्ड से ये प्रस्ताव पास कराने की चर्चा है। लेकिन इन सबसे पहले जरूरी है इस फर्म का भुगतान रोका जाए। जिसने 3 फेज में भी राजीव आवास बनाने का काम पूरा नहीं किया। साथ ही जरूरी है पूर्व कमिश्नर की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब ढूंढना।
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