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Tharoor in JLF 2023: टॉक शो में थरूर ने कसा तंज, बोले- ब्राउन हिंदू पीएम अब चुनेंगे बिशप

JLF 2023 यानी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर पहुंचे. बेबाक और बिंदास अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले थरूर ने ब्रिटिश पीएम को लेकर बड़ा बयान दिया. यूके की सोच और बदलते माहौल पर तंज भी कसा.

Tharoor in JLF 2023
Tharoor in JLF 2023
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Published : Jan 19, 2023, 4:54 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 8:43 PM IST

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे शशि थरूर.

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में लिगेसी ऑफ वायलेंस पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वर्तमान हालात पर अपनी राय रखी. कई अहम इश्यू पर विचार रखे. स्वाधीनता के लिए लड़ी लड़ाई का जिक्र किया (Tharoor Speaks on Brown Man). कहने से नहीं चूके कि ब्रिटेन में भले ही एक ब्राउन मैन प्रधानमंत्री बना हो, लेकिन अभी भी वहां नस्लभेद खत्म नहीं हुआ है. कटाक्ष किया कि अब एक इंडियन ओरिजन व्यक्ति बिशप को नॉमिनेट करेगा जो खुद क्रिश्चियन नहीं, हिंदू है.

माफिया राज ब्रिटिश देन- लिगेसी ऑफ वायलेंस विषय पर शशि थरूर ने चर्चा की. कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों ने भारत में माफिया राज शुरू कर दिया था. उस वक्त अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे कांड को अंजाम दिया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. अब ब्रिटेन के राजनीतिज्ञों को भी ये समझ आ गया है कि वर्तमान हालात में कोई ब्राउन मैन ही उन्हें आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकता है. यही कारण है कि ऋषि वहां प्रधानमंत्री बन गए.

उद्घाटन सत्र में अब्दुल रजाक- इससे पहले उद्घाटन सत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुल रजाक गुरनाह ने लेखनी को अहम टूल माना. उन्होंने कहा उपेक्षा करने की हम पर रोक है, लेकिन तरीके से काम करने के लिए रोक नहीं होनी चाहिए. इसी क्रम में महानता और वीरता भी आती है. प्रतिरोध करने का एक तरीका लिखना भी है, ऐसे में हमें लिखते रहना चाहिए. व्याकुलता में भी रोक होनी चाहिए. रोजमर्रा के जो काम, जिन्हें हम भूलते जाते है. हमें ये देखना चाहिए जो जरूरी है, वहीं हमें जीवित रखे हुए है, इसलिए लेखन जारी रहना चाहिए.कई बार ऐसी भी चीजें होती है, जिनसे हम विचलित होते हैं और कई बार उनसे आकर्षण होता है लेकिन यह भी एक तरीके का प्रतिरोध है.

पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज : पर्यटन मंत्री ने की शुरुआत, साहित्य महाकुंभ में दिख रहे देश-दुनिया के रंग

5 दिवसीय JLF का आगाज- साहित्य के महाकुंभ नाम से पहचाना जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF 2023) का आज सुमधुर आगाज हुआ. कर्नाटक की गायिका सुषमा सोम की प्रस्तुति ने सबको मोहित कर दिया. पहले दिन राइट टू सेक्स, भीमराव अंबेडकर लाइफ एंड टाइम्स, खाकी फाइल्स जैसे प्रमुख मुद्दों पर नामचीन शख्सियत राय रख रहे हैं. इसके साथ ही कई किताबों का विमोचन भी होना है. फेस्टिवल इस बार ग्रीन कॉन्सेप्ट पर आयोजित किया गया है. इसमें किसी तरह के इनविटेशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सिर्फ अपना बारकोड दिखाकर फेस्टिवल में लोग शामिल हो रहे हैं.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे शशि थरूर.

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में लिगेसी ऑफ वायलेंस पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वर्तमान हालात पर अपनी राय रखी. कई अहम इश्यू पर विचार रखे. स्वाधीनता के लिए लड़ी लड़ाई का जिक्र किया (Tharoor Speaks on Brown Man). कहने से नहीं चूके कि ब्रिटेन में भले ही एक ब्राउन मैन प्रधानमंत्री बना हो, लेकिन अभी भी वहां नस्लभेद खत्म नहीं हुआ है. कटाक्ष किया कि अब एक इंडियन ओरिजन व्यक्ति बिशप को नॉमिनेट करेगा जो खुद क्रिश्चियन नहीं, हिंदू है.

माफिया राज ब्रिटिश देन- लिगेसी ऑफ वायलेंस विषय पर शशि थरूर ने चर्चा की. कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान अंग्रेजों ने भारत में माफिया राज शुरू कर दिया था. उस वक्त अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे कांड को अंजाम दिया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. अब ब्रिटेन के राजनीतिज्ञों को भी ये समझ आ गया है कि वर्तमान हालात में कोई ब्राउन मैन ही उन्हें आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकता है. यही कारण है कि ऋषि वहां प्रधानमंत्री बन गए.

उद्घाटन सत्र में अब्दुल रजाक- इससे पहले उद्घाटन सत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुल रजाक गुरनाह ने लेखनी को अहम टूल माना. उन्होंने कहा उपेक्षा करने की हम पर रोक है, लेकिन तरीके से काम करने के लिए रोक नहीं होनी चाहिए. इसी क्रम में महानता और वीरता भी आती है. प्रतिरोध करने का एक तरीका लिखना भी है, ऐसे में हमें लिखते रहना चाहिए. व्याकुलता में भी रोक होनी चाहिए. रोजमर्रा के जो काम, जिन्हें हम भूलते जाते है. हमें ये देखना चाहिए जो जरूरी है, वहीं हमें जीवित रखे हुए है, इसलिए लेखन जारी रहना चाहिए.कई बार ऐसी भी चीजें होती है, जिनसे हम विचलित होते हैं और कई बार उनसे आकर्षण होता है लेकिन यह भी एक तरीके का प्रतिरोध है.

पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज : पर्यटन मंत्री ने की शुरुआत, साहित्य महाकुंभ में दिख रहे देश-दुनिया के रंग

5 दिवसीय JLF का आगाज- साहित्य के महाकुंभ नाम से पहचाना जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF 2023) का आज सुमधुर आगाज हुआ. कर्नाटक की गायिका सुषमा सोम की प्रस्तुति ने सबको मोहित कर दिया. पहले दिन राइट टू सेक्स, भीमराव अंबेडकर लाइफ एंड टाइम्स, खाकी फाइल्स जैसे प्रमुख मुद्दों पर नामचीन शख्सियत राय रख रहे हैं. इसके साथ ही कई किताबों का विमोचन भी होना है. फेस्टिवल इस बार ग्रीन कॉन्सेप्ट पर आयोजित किया गया है. इसमें किसी तरह के इनविटेशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सिर्फ अपना बारकोड दिखाकर फेस्टिवल में लोग शामिल हो रहे हैं.

Last Updated : Jan 19, 2023, 8:43 PM IST
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