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देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग हुई तेज, जानिए किसने कहा बढ़ती जनसंख्या राष्ट्र की शांति के लिए घातक

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Published : Apr 28, 2023, 7:21 AM IST

Updated : Apr 28, 2023, 8:00 AM IST

देश में बढ़ती जनसंख्या को कम करने के लिए कानून की मांग तेज हो रही है. जनसंख्या समाधान फाउंडेशन ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की है कि वो देश में जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी को लागू करें. जनसंख्या कानून बनाने के लिए 23 सितंबर तक 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे (Two child policy for population control) जाएंगे.

Two child policy for population control
Two child policy for population control
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण बैराठी

जयपुर. भारत विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है. हाल ही में जारी हुए आंकड़ों में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत पहले पायदान पर पहुंच गया है. देश में अनियंत्रित रूप से बढ़ रही जनसंख्या को लेकर अब चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. यही वजह है कि अब जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी की मांग हो रही है. वहीं, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से कानून बनाने को लेकर पीएम मोदी को 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर सौंपे जाएंगे. फाउंडेशन का मानना है कि तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को नहीं रोका गया तो सामाजिक, आर्थिक, बेरोजगारी, प्रदूषण, स्वास्थ्य, आवास व भोजन से संबंधित समस्याएं विकराल हो जाएगी.

लागू हो टू चाइल्ड पॉलिसी - फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण बैराठी ने कहा कि भारत अब आबादी के मामले में विश्व में पहले पायदान पर पहुंच गया है. बढ़ती जनसंख्या पूरे देश के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत बड़ी समस्या है. ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि टू चाइल्ड पॉलिसी त्वरित प्रभाव से पूरे देश में एक साथ लागू की जाए. उन्होंने कहा कि असंतुलित तरीके से बढ़ रही जनसंख्या कई तरह के दुष्परिणाम को जन्म दे रही है. इसमें बेरोजगारी, संसाधनों की कमी, आपराधिक घटनाओं में वृद्धि, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मुश्किलें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश के बुद्धिजीवियों को पलायन करना यह सब बड़ी समस्या है और इसका मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या है.

बैराठी ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से हमारी मांग है कि पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को एक साथ लागू किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने यह मांग भी कि कानून में कड़े प्रावधान किए जाएं. जिसमें अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों के नियम को नहीं मानता है तो उनको सरकारी योजनाओं से बाहर कर दिया जाए. साथ ही सरकारी नौकरी से वंचित करने के अलावा सजा व अर्थ दंड तक के प्रावधान किए जाएं.

इसे भी पढ़ें - भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा का बयान, कहा- जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं हुआ तो देश में पैदा होगा असंतुलन

विश्व की 18 फीसदी आबादी भारत में - प्रदेश संगठन मंत्री अटल खंडेलवाल ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या पूरे विश्व की 18 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है. जबकि हमारे पास भूभाग 2.4 फीसदी है. इससे हम समझ सकते हैं कि हमारा देश किस तरह से बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में असंतुलित तरीके से आबादी बढ़ रही है. चाहे जम्मू-कश्मीर हो या फिर उत्तर प्रदेश या कर्नाटक. ऐसे में जरूरत है कि भारत सरकार इस बढ़ती जनसंख्या को गंभीरता से ले.

विश्व जनसंख्या दिवस पर धरना प्रदर्शन की तैयारी - उन्होंने कहा कि एक देश एक कानून तो फिर चाइल्ड पॉलिसी भी एक समान होनी चाहिए. खंडेलवाल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए 23 सितंबर तक 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे. अब तक करीब चार करोड़ लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं. राजस्थान के साथ ही देशभर में ये अभियान चलाया जा रहा है. लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे, ताकि कानून बनाने का दबाव बनाया जा सके. इसी तरह 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर फाउंडेशन की ओर से देशभर के जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा.

प्रदेश संगठन मंत्री खंडेलवाल ने आगे बताया कि प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. इधर, फाउंडेशन के संरक्षक पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि असीमित जनसंख्या के कारण धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है. यहि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर देश में गृह युद्ध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. इस दौरान उन्होंने कश्मीर, केरल, असम और पश्चिम बंगाल सरीखे राज्यों को उदाहरण के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा कि आज असम, उत्तर प्रदेश जैसी राज्य सरकारें इस पर नियंत्रण लगाने जा रही है, लेकिन हम चाहते हैं कि देश में एक साथ इस कानून को लागू किया जाए.

जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण बैराठी

जयपुर. भारत विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है. हाल ही में जारी हुए आंकड़ों में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत पहले पायदान पर पहुंच गया है. देश में अनियंत्रित रूप से बढ़ रही जनसंख्या को लेकर अब चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. यही वजह है कि अब जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी की मांग हो रही है. वहीं, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से कानून बनाने को लेकर पीएम मोदी को 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर सौंपे जाएंगे. फाउंडेशन का मानना है कि तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को नहीं रोका गया तो सामाजिक, आर्थिक, बेरोजगारी, प्रदूषण, स्वास्थ्य, आवास व भोजन से संबंधित समस्याएं विकराल हो जाएगी.

लागू हो टू चाइल्ड पॉलिसी - फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण बैराठी ने कहा कि भारत अब आबादी के मामले में विश्व में पहले पायदान पर पहुंच गया है. बढ़ती जनसंख्या पूरे देश के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत बड़ी समस्या है. ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि टू चाइल्ड पॉलिसी त्वरित प्रभाव से पूरे देश में एक साथ लागू की जाए. उन्होंने कहा कि असंतुलित तरीके से बढ़ रही जनसंख्या कई तरह के दुष्परिणाम को जन्म दे रही है. इसमें बेरोजगारी, संसाधनों की कमी, आपराधिक घटनाओं में वृद्धि, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मुश्किलें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश के बुद्धिजीवियों को पलायन करना यह सब बड़ी समस्या है और इसका मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या है.

बैराठी ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार से हमारी मांग है कि पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को एक साथ लागू किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने यह मांग भी कि कानून में कड़े प्रावधान किए जाएं. जिसमें अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों के नियम को नहीं मानता है तो उनको सरकारी योजनाओं से बाहर कर दिया जाए. साथ ही सरकारी नौकरी से वंचित करने के अलावा सजा व अर्थ दंड तक के प्रावधान किए जाएं.

इसे भी पढ़ें - भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा का बयान, कहा- जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं हुआ तो देश में पैदा होगा असंतुलन

विश्व की 18 फीसदी आबादी भारत में - प्रदेश संगठन मंत्री अटल खंडेलवाल ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या पूरे विश्व की 18 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है. जबकि हमारे पास भूभाग 2.4 फीसदी है. इससे हम समझ सकते हैं कि हमारा देश किस तरह से बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में असंतुलित तरीके से आबादी बढ़ रही है. चाहे जम्मू-कश्मीर हो या फिर उत्तर प्रदेश या कर्नाटक. ऐसे में जरूरत है कि भारत सरकार इस बढ़ती जनसंख्या को गंभीरता से ले.

विश्व जनसंख्या दिवस पर धरना प्रदर्शन की तैयारी - उन्होंने कहा कि एक देश एक कानून तो फिर चाइल्ड पॉलिसी भी एक समान होनी चाहिए. खंडेलवाल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए 23 सितंबर तक 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे. अब तक करीब चार करोड़ लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं. राजस्थान के साथ ही देशभर में ये अभियान चलाया जा रहा है. लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे, ताकि कानून बनाने का दबाव बनाया जा सके. इसी तरह 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर फाउंडेशन की ओर से देशभर के जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा.

प्रदेश संगठन मंत्री खंडेलवाल ने आगे बताया कि प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा. इधर, फाउंडेशन के संरक्षक पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि असीमित जनसंख्या के कारण धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है. यहि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर देश में गृह युद्ध जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. इस दौरान उन्होंने कश्मीर, केरल, असम और पश्चिम बंगाल सरीखे राज्यों को उदाहरण के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा कि आज असम, उत्तर प्रदेश जैसी राज्य सरकारें इस पर नियंत्रण लगाने जा रही है, लेकिन हम चाहते हैं कि देश में एक साथ इस कानून को लागू किया जाए.

Last Updated : Apr 28, 2023, 8:00 AM IST
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