जयपुर. सांभर में बर्ड फ्लू (Bird Flu in Sambhar) की दस्तक के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. इस संबंध में सब डिवीजन स्तर पर बैठक के बाद बुधवार को जिला स्तर पर अलग-अलग विभागों की एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कलेक्टर (District Collector) अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सामने आया कि सांभर में बर्ड फ्लू से मरे पक्षियों में सबसे अधिक संख्या कौओं (Crows death) की है. उनकी मौत नगरपालिका के डंपिंग यार्ड के आसपास ही हुई है. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि डंपिंग यार्ड में आने वाले मृत पशुओं को गड्ढा खोदकर दबाया जाए, ताकि पक्षियों की मौत न हो.
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बुधवार को वन विभाग, पशुपालन विभाग, स्थानीय निकाय विभाग पंचायती राज, जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) के अधिकारियों ने बताया कि सांभर में बर्ड फ्लू (Bird Flu) से मरे पक्षियों में सबसे अधिक हुए कौए मरे हैं. जांच में सामने आया है कि नगरपालिका के डंपिंग यार्ड के आस-पास ही इन कौओं की मौत हुई है.
दरअसल, सांभर (Jaipur Sambhar Lake) में नगरपालिका का एक डंपिंग यार्ड बना हुआ है और ग्रामीण यहां मृत पशुओं को खुले में छोड़ कर चले जाते हैं. कौए इन मृत पशुओं को भी खाते हैं, जिसके कारण उनकी बर्ड फ्लू से मौत हो रही है. कलेक्टर ने नगरपालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अब यदि कोई भी मृत पशु आता है तो उसे गड्ढा खोदकर उचित तरीके से डिस्पोज किया जाए.
नेहरा ने बताया कि भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (National Institute of High Security Animal Diseases) की रिपोर्ट में कौओं की मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि हुई है, लेकिन अन्य पक्षियों में इसकी पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि आस-पास स्थित पोल्ट्री फार्म के संचालकों को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं और उनके एक ग्रुप गठित किया गया है जो पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल, मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है.
पशुपालन विभाग की रैपिड एक्शन टीम भी बना दी गई है. इस दौरान काम करने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मेडिकल टीम स्क्रीनिंग करेगी ताकि लोगों में बर्ड फ्लू न फैले. यदि किसी भी कर्मचारी में आईएलआई के लक्षण दिखाई देंगे तो उन्हें तुरंत दवाई दी जाएगी. जिला कलेक्टर ने कहा कि सांभर झील के आसपास होने वाली साइटिंग और शूटिंग के लिए आने वाले लोगों का पक्षियों से कोई संपर्क नहीं होता है. फिलहाल, इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है. यदि भविष्य में पशुपालन विभाग और मेडिकल विभाग इस तरह का कोई सुझाव देगा तो इसके बारे में सोचा जाएगा.
बैठक में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मृत पशुओं को नमक या चुने के साथ डिस्पोज करें. यदि डंपिंग यार्ड पर कोई नेट लगा दिया जाए तो ठीक रहेगा. इसके अलावा थोड़ी थोड़ी देर बाद घंटी बजाने की भी व्यवस्था की जा सकती है, ताकि पक्षी वहां नहीं आएं. चिकित्सा विभाग ने कहा कि आस-पास जितने भी पोल्ट्री फार्म हैं उन्हें निर्देश दिया जाए कि वह जो भी मुर्गियां सप्लाई करेंगे उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा, ताकि मुर्गियों में बर्ड फ्लू (Bird Flu in Chikens) फैले तो उन्हें आसानी से चिन्हित किया जा सके. विभाग इसकी भी निगरानी करेगा कि कोई भी ग्रामीण सांभर झील में मृत पशु न डालें.
पोल्ट्री व्यवसाइयों के लिए निर्देश
एक दिन पहले पशुपालन विभाग की सचिव आरुषि मलिक (Aarushi Malik, Secretary, Department of Animal Husbandry) ने कहा था कि अभी सांभर में जितने पक्षियों की मौत (death of birds) हुई है, उनमें ज्यादातर कौए हैं. फिलहाल मुर्गियों में इस रोग के मामले सामने नहीं आए हैं. लेकिन पोल्ट्री व्यवसाय (poultry business) से जुड़े लोगों को खास हिदायत दी गई है.