जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने 20,930 लाख रुपए के सिंडिकेट बैंक घोटाले के मामले में आरोपी अनूप बरतरिया और भारत सहित डेढ़ दर्जन आरोपियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है. अदालत ने भारतीय दंड संहिता और पीसी एक्ट की विभिन्न धाराओं में प्रसंज्ञान लेते हुए आरोपियों को तलब किया है. आरोपियों में भारत, पवित्र कोठारी, अनूप बरतरिया, आदर्श मनचंदा, महेश गुप्ता, कमल शर्मा, महेंद्र मेघवाल, रवि प्रकाश शर्मा, प्रगति शर्मा, दिलीप कुमावत, कमल अत्री, सतीश खंडेलवाल, गौरव धनवाल, विक्रम जैन, दौलत राज कोठारी, मैसर्स जेएलएन मेटल हाउस, मैसर्स रिद्धिमा इन्फ्राटेक और समृद्धि सिद्धि बिल्डर्स शामिल हैं.
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118 लोन खातों में हुई थी गड़बड़ीः अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों की अदालत में उपस्थिति के बाद ही उन्हें जमानत देने और बांड को लेकर आदेश दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार सिंडिकेट बैंक के डीजीएम ने सीबीआई में रिपोर्ट दी थी. जिसमें कहा गया था कि बैंक की एमआई रोड, मालवीय नगर और उदयपुर शाखा से दिए गए लोन में फर्जीवाड़ा किया गया था. 118 लोन खातों में गडबड़ी कर 20,960 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई थी. लोन लेने वाले अधिकतर लोग उदयपुर के थे, लेकिन उन्हें जयपुर की एमआई रोड से लोन दिया गया.
जाली दस्तावेजों के आधार पर की गई थी धोखाधड़ीः यह लोन वर्ल्ड ट्रेड पार्क में व्यावसायिक स्थान खरीदने, ओडी लिमिट्स और विदेशी साख पत्र खरीदने के लिए दिया गया था. उसी दौरान जाली दस्तावेजों, बिलों और प्रमाण पत्रों के आधार पर बैंक से धोखाधड़ी की गई. जिससे बैंक को करीब 210 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए CBI ने विशेष न्यायालय में 7 अप्रैल, 2021 को आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था. जबकि विनीत जैन, पियूष जैन, शंकर लाल खंडेलवाल, देशराज मीणा, एके तिवाड़ी, संतोष गुप्ता, प्रिया कोठारी सहित अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई.