जयपुर. राजधानी जयपुर के आसमान पर छाए काले बादल और रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के बाद अब लोगों में 25 मई से शुरू हो रहे नौतपा को लेकर चर्चाएं तेज हो चली हैं. लोग नौतपा के आधार पर मानसून को लेकर अपने-अपने कयास लगा रहे हैं. इस बीच ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री ने स्पष्ट किया है कि नौतपा में इक्का-दुक्का दिन छोड़कर गर्मी पड़ने की संभावना है. ऐसे में इस बार का मानसून अच्छा रहेगा.
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वर्षा की दृष्टि से अच्छा रहेगा संवतः सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है. इस साल नौतपा 25 मई यानी गुरुवार से शुरू हो रहा है. ज्योतिष आचार्य विनोद शास्त्री ने बताया कि इस बार आधे नौतपा के अंदर बारिश भी आ सकती है. इसलिए संवत अलग-अलग समय पर तेज वर्षा और खंड वर्षा की स्थिति बनेगी. संवत वर्षा की दृष्टि से अच्छा रहेगा. इस वर्ष का राजा बुद्ध और मंत्री शुक्र है, संवत्सर पिंगल नाम का है.
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जितना सूर्य तपता है उतना अच्छा होता है संवतः उन्होंने बताया कि नौतपा से अभिप्राय है कि जब रोहिणी नक्षत्र में सूर्य आए, उसके बाद 9 दिन तक सूर्य कितना तपता है. जितना सूर्य तपता है, उतना अच्छा संवत होता है. 25 तारीख को रात को 8:59 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आएगा. यहां से लेकर के 2 जून रात्रि तक 9 दिन होते हैं. ये 9 दिन 15-15 दिन के एक-एक पक्ष के रूप में होते हैं. उत्तरी भारत में वर्षा का कालखंड आषाढ़, सावन, भाद्रपद और आश्विन माना जाता है. यहां 25 तारीख को यदि बादल गरजते हैं. अंधड़ आता है, तो इसका मतलब है आषाढ़ के प्रथम पक्ष में अच्छी बारिश नहीं होगी. दूसरे दिन यदि सूर्य तपता है तो आषाढ़ के दूसरे पक्ष में बहुत अच्छी बारिश होगी.
मानसून के लिए महत्वपूर्ण होता है नौतपाः वहीं यदि अत्यधिक तपता है तो तेज बारिश आने की भी संभावना बनती है. और यदि आधे दिन बारिश आती है, आधे दिन सूर्य तपता है तो पक्ष के आधे दिन अच्छी बारिश के रहेगी और आधे दिन सूखा पड़ने की संभावना रहती है. कई बार नौतपा में ही अंधड़ के साथ ओले भी आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में उस पक्ष के कालखंड में बहुत ज्यादा अकाल पड़ने, टिड्डी दल आने, रोग, शोक का भय रहता है. इसलिए ये 9 दिन क्रमशः 15-15 दिन के पक्ष होते हैं और पूरे वर्षा काल का इसमें फलादेश दिया जाता है. इसलिए नौतपा को आने वाले मानसून के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.