जयपुर. शाहपुरा शहर में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. मामला शाहपुरा के राजकीय अस्पताल का है. जहां सड़क हादसे में घायल एक वृद्ध अपने चार मासूम बच्चों के साथ पार्किंग में सर्द रात गुजारने पर मजबूर है. इलाज के लिए पैसे नहीं होने व देखरेख करने वाला कोई नहीं होने से वह अस्पताल की पार्किंग में पड़ा रहा. आखिरकार सोशल मीडिया पर मामला सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और घायल की सुध ली. जानकारी के अनुसार, यहां सरकारी अस्पताल परिसर में एक 55 वर्षीय घायल वृद्ध अपने चार मासूम पोतों के साथ कराहता रहा, लेकिन किसी को न तो उस वृद्ध का दर्द दिखाई दिया और न ही उन मासूमों की उम्मीदभरी याचना. हालांकि, अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने उनके लिए चाय पानी की जरूर व्यवस्था की. लेकिन वह नाकाफी थी.
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मामला सोशल मीडिया पर सामने आया तो प्रशासनिक अधिकारियों की मानवता जागी और उन्होंने घायल वृद्ध को उपचार के लिए जयपुर रैफर किया. जानकारी के अनुसार, पीड़ित शंकर लाल अपने चार मासूम पोतों के साथ भुरानपुरा गांव में रहकर जीवन यापन करता है. शंकर के बेटे की कुछ साल पूर्व मौत हो चुकी है तथा पुत्र वधू भी अपने चार मासूमों को छोड़कर किसी अन्य के साथ कहीं चली गई. इन चार मासूम बच्चों का एकमात्र सहारा शंकरलाल है. दो दिन पूर्व शंकरलाल अपने चारों पोतों को लेकर जीप से कहीं जा रहा था. रास्ते में हुए सड़क हादसे में शंकर लाल घायल हो गया. घायल शंकरलाल को शाहपुरा के राजकीय अस्पताल ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार कर जयपुर रैफर कर अपने दायित्वों की इतिश्री कर ली.
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घायल शंकरलाल के पास इलाज के लिए पैसे और देखरेख करने वाला नहीं होने से वह अपने मासूमों के साथ अस्पताल परिसर की पार्किंग में ही पड़ा रहा. वह अपने मासूमों के साथ सर्द रात गुजारता रहा. इस दौरान धरती के भगवान कहे जाने वाले यहां कार्यरत चिकित्सक व अन्य ग्रामीण यहां से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने उनकी खैर खबर लेने की जहमत नहीं उठाई. आखिरकार शनिवार को सोशल मीडिया पर मामला उजागर हुआ, तो प्रशासन हरकत में आया और नगरपालिका ईओ ऋषिदेव ओला मौके पर पहुंचे तथा घायल शंकरलाल की सुध ली. उन्होंने घायल को राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया. वहीं, मासूम बच्चों को रैन बसेरे में रूकवाकर उनके रिश्तेदारों को सूचित किया.