जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज गुरुवार को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने अपने विभाग की अनुदान की मांगों पर 1 घण्टे से ज्यादा समय तक अपनी बात रखी. इस पर विपक्ष की ओर से मंत्री रमेश मीणा द्वारा पढ़कर विधानसभा में बोलने पर मजाक उड़ाया गया. इस पर मीणा ने उपनेता प्रतिपक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ दिए. इस कहा-सुनी में सदन का माहौल बहुत गरमा गया. परिणाम स्वरूप विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
सभापति राजेंद्र पारीक ने भी मीणा को टोकाः दरअसल हुआ ये कि जब मीणा अपनी बात रख रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष ने राठौड़ ने खड़े होकर कहा कि सदन में मंत्री का पढ़कर बोलना सही नहीं होता. उसके बाद भी जब रमेश मीणा अपनी बात रखते गए तो सभापति राजेंद्र पारीक ने भी मंत्री रमेश मीणा से अपने भाषण को टेबल करने और अनुदान मांगों को 5 मिनट में पास कराने की बात कही. इससे मंत्री रमेश मीणा नाराज हो गए और उन्होंने सभापति से कह दिया कि 5 मिनट में नहीं होगा, मुझे जो कहना है वह मैं बोलूंगा ही. जब सभापति को रमेश मीणा ने यह कहा तो राजेंद्र राठौड़ फिर खड़े हुए और उन्होंने कहा कि मंत्री आसन को भी यह कह रहे हैं कि मुझे जो मर्जी है वह बोलूंगा. यह सदन की स्थापित परंपरा नहीं है और न तो यह व्यवस्था है कि कोई पढ़कर बोले, अगर यह चाहते हैं कि हम चले जाएं तो हम चले जाते हैं.
एसटी का मंत्री हूं इसलिए बोलने नहीं दे रहेः मौके की नजाकत को देखते हुए मीणा ने कहा कि मैं एसटी का मंत्री हूं तो क्या हमें अधिकार नहीं अपनी बात रखने का. जब राजेंद्र राठौड़ ने बहिर्गमन करने की चेतावनी दी तो रमेश मीणा और नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि आप खुद जब बोलते हैं या सदन के विधायकों का समय भी आप खा जाते हैं तो वह अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि मैं एसटी का विधायक हूं, एसटी का मंत्री हूं इसीलिए क्या आपको मुझे सुनने में परेशानी हो रही है? मैं आदिवासी इलाके से आता हूं और अपनी बात को पूरा करना चाहता हूं, तो आप उसको दूसरे रूप में पेश करके मुझे बैठाना चाहते हो. क्या हमें अधिकार नहीं है सदन में अपनी बात कहने का.
आपने मंत्री रहते पैसे कमाए संपत्ति अर्जित कीः मीणा यहीं नहीं रुके उन्होंने राजेंद्र राठौर पर हमला करना जारी रखा. वह बोले कि आपने मंत्री रहते पैसे कमाए संपत्ति जमा की यह कोई काम नहीं आएगी. मंत्री रमेश मीणा इसके बाद भी नहीं रुके उन्होंने कहा कि हमने जो काम किया है वह ईमानदारी से किया.आपको एक साल ईमानदारी से काम करना पड़े तो पता लग जाएगा की ईमानदारी क्या होती है और ईमानदार आदमी के जमीर में कितनी ताकत होती है. यही नहीं उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर मंत्री रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि यह मुट्ठी बंद करके सब दुनिया में आए हैं और मुट्ठी खोलकर जाना पड़ेगा.
विपक्ष भाजपा ने किया वॉकआउटः मंत्री रमेश मीणा ने जब उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो राजेंद्र राठौड़ इस पर नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि हर बात की सीमा होती है, इतनी देर से हम प्रार्थना कर रहे हैं और यह 52 पेज का प्रगति प्रतिवेदन पढ़ रहे हैं.अब यह हमारे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं.अगर इन्हें मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने हैं तो यह पहले नोटिस दें और फिर उस पर बहस कर लें. इस पर मंत्री रमेश मीणा ने भी कहा की जब आप मंत्री थे मैंने उस समय भी नोटिस दिया था.इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा जहां आसन का सम्मान नहीं वहां हमें बैठना पसंद नहीं, इतना कहकर भाजपा के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए.