जयपुर. निजी स्कूल संचालकों का धरना और अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा. स्कूल फीस भुगतान को लेकर दो महिला स्कूल संचालक आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं. गुरुवार को तीसरे दिन भी महिलाओं का अनशन जारी रहा. महिलाओं ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, उनका आमरण अनशन जारी रहेगा. बता दें कि लॉकडाउन में स्कूल फीस माफ कराने को लेकर अभिभावक लगातार आंदोलन कर रहे हैं, वहीं अब फीस भुगतान को लेकर निजी स्कूल संचालक भी आंदोलन पर उतर आया है. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले स्कूल संचालक आंदोलन कर रहे हैं. धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन को 3 दिन हो चुके हैं.
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महिला स्कूल संचालक हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा आमरण अनशन पर बैठी है. गुरुवार को भी शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में स्कूल संचालक जमा हुए और फीस भुगतान की मांग की. उनका कहना है या तो उनकी फीस का भुगतान किया जाए या सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की जाए. उनका कहना है कि प्रदेश में 50000 स्कूल हैं इनमें 11 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं. फीस भुगतान नहीं होने के कारण इन 11 लाख कर्मचारियों पर आर्थिक संकट आ गया है. कई निजी स्कूल संचालक आत्महत्या तक कर चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही.
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फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की प्रवक्ता सीमा शर्मा ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर हम राज्यपाल से भी मिल चुके हैं. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है. सरकार यदि हमारी मांग नहीं मानती है तो स्कूल संचालक और उग्र आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि फीस नहीं मिलने से हम दिवाली नहीं मना पा रहे. शिक्षा मंत्री के बयान के कारण स्कूल संचालक पिछले साल की बकाया फीस भी नहीं ले पा रहे.
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हेमलता शर्मा ने कहा कि जब सरकार गुर्जर आंदोलन के प्रतिनिधियों से बात करके उनकी मांगें पूरी कर सकती हैं, तो निजी शिक्षकों और निजी विद्यालयों की मांगों को भी मान उनके साथ न्याय करना चाहिए.