जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त भंवरलाल और अपराध में सहयोग करने वाले अभियुक्त शंकरलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर कुल पांच लाख 52 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने प्रकरण में आरोपी बनाए गए दो अन्य को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि मामले में पीड़िता के चाचा ने 14 जनवरी 2017 को रेनवाल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी भतीजी 16 दिसंबर 2016 की शाम लापता हो गई थी. इसकी गुमशुदगी रिपोर्ट उसने पुलिस में दर्ज कराई थी. पुलिस ने 7 जनवरी को उसे खोज कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया था. घर आने के बाद भतीजी गुमसुम रहने लगी. जब घर की महिलाओं ने इसका कारण पूछा तो पीड़िता ने बताया कि भंवरलाल उसे बहला फुसलाकर ले गया था. इस दौरान शंकर और अन्य दो लोग भी साथ थे. वे उसे जीप में बैठकर फुलेरा, जयपुर और अहमदाबाद ले गए थे. इस दौरान अभियुक्तों ने उसका देह शोषण किया.
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि जुलाई 2015 में भंवरलाल उसे स्कूल के बाहर से अपने साथ सुनसान जगह ले गया था, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो क्लिप बना ली. इसके बाद भंवरलाल ने उसे ब्लैकमेल कर कई बार संबंध बनाए. घटना के दिन वह ट्यूशन पढ़ने जा रही थी. इस दौरान भंवरलाल अपने दोस्त के साथ आया और आसलपुर ले जाकर रात को होटल में दुष्कर्म किया. अगले दिन उसे जोबनेर ले गए और यहां भी उससे दो बार दुष्कर्म किया. वहीं बाद में अभियुक्त उसे बस से अहमदाबाद ले जाकर दुष्कर्म किया और उसे बेचने की कोशिश भी की गई. अभियुक्त भंवरलाल ने उसे मौलवी में 11 दिन तक रखा व रोजाना संबंध बनाए और बाद में उसे जयपुर ले आए. यहां एक परिचित को देखकर उसने परिजनों को सूचना दी थी. इसके बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई थी. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसका पीड़ित पक्ष से लेन देन का विवाद था, जिसके चलते उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है.