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जयपुरः रेनवाल के रैनबसेरा पर लगे ताले, कड़ाके की ठंड में ठिठुरनें पर मजबूर हैं बेसहारा लोग

जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे में रैनबसेरा के अभाव में असहाय और गरीब लोग ठंड से ठिठूरनें पर मजबूर है. नगरपालिका परिसर में बनाया गया अस्थाई रैनबसेरा का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है. दो वर्ष पहले बस स्टेंड पर रैनबसेरा का लिया गया प्रस्ताव ठंडे बस्तें में चला गया है.

Lack of Ranbasera is forced to chill, jaipur news, जयपुर न्यूज
रैनबसेरा के अभाव में ठिठुरनें पर मजबूर है लो
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Published : Dec 15, 2019, 9:23 PM IST

रेनवाल (जयपुर) इन दिनों ठंड से जहां उत्तर भारत ठिठूर रहा है, ऐसे में प्रदेश के बेसहारा और असहाय लोगों के लिए सरकार कितनी तैयारी में है. बता दें कि जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे में गरीब लोग ठंड में ठिठूरनें पर मजबूर है. नगरपालिका द्वारा परिसर में बनाया गया अस्थाई रैनबसेरा का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.

रैनबसेरा के अभाव में ठिठुरनें पर मजबूर है लो

हांलाकि नगरपालिका परिसर में स्थित सामुदायिक भवन में अस्थाई रैनबसेरा प्रति वर्ष बनाया जाता है. जहां एक तो दिन भर पालिका कर्मचारी कार्य करते है, वहीं शहर के आखरी छोर पर होने से वहां तक रहने वाले पहुंच ही नहीं पाते और प्रचार प्रसार के अभाव में रैनबसेरा का पता नहीं चल पाता. इस कारण रैनबसेरा का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

पढ़ेंः जयपुर के रेनवाल में ओलावृष्टि से फसल हुई बर्बाद, अधिकारियों ने लिया जायजा

करीब दो वर्ष पहले नगरपालिका बोर्ड बैठक में बस स्टेंड पर आधुनिक रैनबसेरा बनानें का सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन रविवार तक इस पर अमल ही नहीं हुआ. वहीं जागरूक लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में ठंड से ठिठरते लोगों के लिए बस स्टेंड या रेल्वे स्टेशन के नजदीक सुविधा युक्त रैनबसेरा होना चाहिए, जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोग हो सके.

रेनवाल (जयपुर) इन दिनों ठंड से जहां उत्तर भारत ठिठूर रहा है, ऐसे में प्रदेश के बेसहारा और असहाय लोगों के लिए सरकार कितनी तैयारी में है. बता दें कि जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे में गरीब लोग ठंड में ठिठूरनें पर मजबूर है. नगरपालिका द्वारा परिसर में बनाया गया अस्थाई रैनबसेरा का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है.

रैनबसेरा के अभाव में ठिठुरनें पर मजबूर है लो

हांलाकि नगरपालिका परिसर में स्थित सामुदायिक भवन में अस्थाई रैनबसेरा प्रति वर्ष बनाया जाता है. जहां एक तो दिन भर पालिका कर्मचारी कार्य करते है, वहीं शहर के आखरी छोर पर होने से वहां तक रहने वाले पहुंच ही नहीं पाते और प्रचार प्रसार के अभाव में रैनबसेरा का पता नहीं चल पाता. इस कारण रैनबसेरा का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

पढ़ेंः जयपुर के रेनवाल में ओलावृष्टि से फसल हुई बर्बाद, अधिकारियों ने लिया जायजा

करीब दो वर्ष पहले नगरपालिका बोर्ड बैठक में बस स्टेंड पर आधुनिक रैनबसेरा बनानें का सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन रविवार तक इस पर अमल ही नहीं हुआ. वहीं जागरूक लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में ठंड से ठिठरते लोगों के लिए बस स्टेंड या रेल्वे स्टेशन के नजदीक सुविधा युक्त रैनबसेरा होना चाहिए, जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोग हो सके.

Intro:जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे में रैनबसेरा के अभाव में असहाय व गरीब लोग ठंड से ठिठरनें पर मजबूर है। नगरपालिका परिसर में बनाया गया अस्थाई रैनबसेरा का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। दो वर्ष पहले बस स्टेंड पर रैनबसेरा का लिया गया प्रस्ताव ठंडे बस्तें में चला गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर शहराे, नगर में रैनबसेरा बनाए गए है, जहां गरीब, असहाय लोग रात के समय रहकर सर्दी से बचाव कर सकते है। Body:लेकिन शहर में अब तक स्थाई रैनबसेरा नहीं बन पाया है। हांलाकि नगरपालिका परिसर में स्थित सामुदायिक भवन में अस्थाई रैनबसेरा प्रति वर्ष बनाया जाता है। जहां एक तो दिन भर पालिका कर्मचारी कार्य करते है, वहीं शहर के आखरी छोर पर होने से वहां तक रहने वाले पहंुच ही नहीं पाते तथा प्रचार प्रसार के अभाव में रैनबसेरा का पता नही चल पाता। इस कारण रैनबसेरा का उपयोग नहीं हो पा रहा है। Conclusion:। करीब दो वर्ष पहले नगरपालिका बोर्ड बैठक में बस स्टेंड पर आधुनिक रैनबसेरा बनानें का सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन आज तक इस पर अमल ही नहीं हुआ। जागरूक लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में ठंड से ठिठरते लोगों के लिए बस स्टेंड या रेल्वे स्टेशन के नजदीक सुविधा युक्त रैनबसेरा होना चाहिए। जिससे वास्तव में जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोग हो सके।
विजूयल व बाईट -
बाईट- असहाय व गरीब लोग।
विजूयल- —ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत, रेनवाल(जयपुर) की रिपोर्ट।


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