जयपुर. इन दिनों जयपुर के बाजार नवरात्रि के पूजा-पाठ की सामग्री से लेकर गरबा डांडिया के लिए डिजाइनर परिधान और डांडिया स्टिक से सजे हुए हैं. यहां बड़ी चौपड़, पुरोहित जी का कटला, जोहरी बाजार, वैशाली नगर और मानसरोवर के बाजारों में गरबा स्टिक तेजी से बिक रही है, जो 60 रुपये से लेकर 350 रुपये तक उपलब्ध है. इसमें वेलवेट डांडिया, रजवाड़ी डांडिया, स्टोन डांडिया, पेंटेड डांडिया और मल्टी कलर डांडिया शामिल है. वहीं, बाजारों में महिलाओं और युवतियों की खासी भीड़ भी देखने को मिल रही है, जो गुजराती गरबा डांडिया परिधान को खरीदने के लिए उत्साह के साथ ट्रेंडिंग डिजाइनर लहंगा-चोली लेने पहुंच रही है. इसके साथ ही उनका ये क्रेज ज्वेलरी को लेकर भी देखने को मिल रहा है.
दुकानदार तरुण ने बताया कि बाजार में महिलाओं और युवतियों के लिए कम से कम 600 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक के कॉटन, एंब्रॉयडरी, फ्यूजन लुक मल्टी कलर, बंधेज, कांच का वर्क और लहरिया में लहंगा-चोली मौजूद है. उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ अष्टमी-नवमी पर ही बाजार में रौनक रहती थी, लेकिन अब पूरे नवरात्रि सीजन में महिलाओं और युवतियों पर गरबा-डांडिया का खुमार चढ़ा रहता है, जिससे बाजार में भी तेजी रहती है. यही नहीं, पुरुष वर्ग भी अब इसमें रूचि दिखा रहा है. यही वजह है कि उनके लिए कई तरह की जैकेट और अंगरखा बाजार में मौजूद है, जो 300 रुपये से 2000 रुपये तक बिक रहा है.
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वहीं, जयपुर में रहने वाले नव विवाहित नितिन ने बताया कि उनकी वाइफ ने गरबा-डांडिया में शामिल होने के लिए हाल ही में अपने लिए लहंगा-चोली खरीदा. उन्हीं ने बताया कि बाजार में पुरुषों के लिए भी जैकेट आई हुई है. उसी को खरीदने के लिए वो यहां तक पहुंचे, जिसे पहन कर वो अपनी वाइफ के साथ डांडिया-रास में शामिल होंगे. इससे न सिर्फ पारंपरिक परिधान पहनने का मौका मिलेगा, बल्कि फोटोग्राफी के लिए भी ये अच्छा है. वहीं, रेशमा ने बताया कि नवरात्रि पर गरबा-डांडिया में शामिल होने के लिए हर साल एक नया पारंपरिक परिधान जरूर खरीदती हैं और अब तो इसका क्रेज दूसरे फेस्टिवल सेलिब्रेट करने से भी ज्यादा हो गया है. बहरहाल, गरबा-डांडिया अब राजधानी में बसे गुजराती समाज तक सिमट कर नहीं रहा. दूसरे समाजों ने भी इसे अपने कलर में शामिल किया है. यही वजह है कि अब लोग पारंपरिक परिधान के साथ गरबा-डांडिया करने पहुंचते हैं और शारदीय नवरात्रि के पहले दिन से आखिरी दिन तक ये दौर जारी रहता है.