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बीकानेर के करणी माता मंदिर, मोठ, रोहिड़ा, तीरंदाजी और बीकानेरी नमकीन पंच गौरव के रूप में चिह्नित - PANCH GAURAV

बीकानेर में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम के तहत स्थानीय उत्पाद, खेल, पर्यटन स्थल और वनस्पति प्रजातियों का संरक्षण व विकास होगा.

बीकानेर में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम
बीकानेर में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2025, 8:02 AM IST

बीकानेर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर बीकानेर जिले में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इस कार्यक्रम के तहत एक जिला-एक उत्पाद, एक जिला-एक उपज, एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति, एक जिला-एक खेल और एक जिला-एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया गया है. बीकानेर जिले में मोठ को एक उपज, रोहिड़ा को एक प्रजाति, बीकानेरी नमकीन को एक उत्पाद, करणी माता मंदिर को एक पर्यटन स्थल तथा तीरंदाजी को एक खेल के रूप में चिन्हित किया गया है.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, स्थानीय उत्पादों और कला का संरक्षण, और आर्थिक वृद्धि करना है. इसके माध्यम से उत्पादों की गुणवत्ता और विपणन क्षमता में सुधार, निर्यात को बढ़ावा, और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे. इससे जिला स्तर पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और पारिस्थितिकी के संरक्षण में मदद मिलेगी.

इसे भी पढ़ें- केंद्रीय बजट 2025 की घोषणाओं पर बीकानेर की महिलाओं ने दी ये प्रतिक्रिया

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल किए गए हैं. जिला कलक्टर द्वारा राजस्थान लेखा सेवा के अधिकारी को सदस्य और उप निदेशक आर्थिकी एवं सांख्यिकी को सदस्य सचिव बनाया गया है. इसके अलावा, पंच गौरव के तहत चिन्हित क्षेत्रों का विकास करने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. इसमें उपज और वनस्पति प्रजातियों के संग्रहण, भंडारण, पैकेजिंग, प्रसंस्करण सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा. नई प्रौद्योगिकियों और कृषि तकनीक को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की जीआई टैगिंग और ब्रांड बिल्डिंग पर काम किया जाएगा. स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

कौशल विकास की उम्मीद : इसके साथ ही, उत्पादों के लिए पारंपरिक शिल्प और हस्तशिल्प क्लस्टर बनाए जाएंगे, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर इनका प्रचार-प्रसार हो सके. छोटे उद्योगों को प्रशिक्षण, डिजिटल मार्केटिंग और प्रदर्शनी के जरिए मदद मिलेगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, फिल्म समारोह, संगीत और खानपान जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. खेल के क्षेत्र में, बीकानेर को तीरंदाजी को खेल के रूप में चुना गया है, इसके लिए खिलाड़ियों को आवश्यक प्रशिक्षण और उपकरण दिए जाएंगे. स्टेडियम और ट्रेनिंग सेंटर को उन्नत किया जाएगा. खेलों से संबंधित जानकारी ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर उपलब्ध करवाई जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत बीकानेर जिले के विभिन्न पहलुओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की उम्मीद है, जो स्थानीय लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बनाएगा.

बीकानेर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर बीकानेर जिले में ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इस कार्यक्रम के तहत एक जिला-एक उत्पाद, एक जिला-एक उपज, एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति, एक जिला-एक खेल और एक जिला-एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया गया है. बीकानेर जिले में मोठ को एक उपज, रोहिड़ा को एक प्रजाति, बीकानेरी नमकीन को एक उत्पाद, करणी माता मंदिर को एक पर्यटन स्थल तथा तीरंदाजी को एक खेल के रूप में चिन्हित किया गया है.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले की सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, स्थानीय उत्पादों और कला का संरक्षण, और आर्थिक वृद्धि करना है. इसके माध्यम से उत्पादों की गुणवत्ता और विपणन क्षमता में सुधार, निर्यात को बढ़ावा, और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे. इससे जिला स्तर पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और पारिस्थितिकी के संरक्षण में मदद मिलेगी.

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कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल किए गए हैं. जिला कलक्टर द्वारा राजस्थान लेखा सेवा के अधिकारी को सदस्य और उप निदेशक आर्थिकी एवं सांख्यिकी को सदस्य सचिव बनाया गया है. इसके अलावा, पंच गौरव के तहत चिन्हित क्षेत्रों का विकास करने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. इसमें उपज और वनस्पति प्रजातियों के संग्रहण, भंडारण, पैकेजिंग, प्रसंस्करण सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा. नई प्रौद्योगिकियों और कृषि तकनीक को बढ़ावा देने के लिए उत्पादों की जीआई टैगिंग और ब्रांड बिल्डिंग पर काम किया जाएगा. स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

कौशल विकास की उम्मीद : इसके साथ ही, उत्पादों के लिए पारंपरिक शिल्प और हस्तशिल्प क्लस्टर बनाए जाएंगे, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर इनका प्रचार-प्रसार हो सके. छोटे उद्योगों को प्रशिक्षण, डिजिटल मार्केटिंग और प्रदर्शनी के जरिए मदद मिलेगी. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, फिल्म समारोह, संगीत और खानपान जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. खेल के क्षेत्र में, बीकानेर को तीरंदाजी को खेल के रूप में चुना गया है, इसके लिए खिलाड़ियों को आवश्यक प्रशिक्षण और उपकरण दिए जाएंगे. स्टेडियम और ट्रेनिंग सेंटर को उन्नत किया जाएगा. खेलों से संबंधित जानकारी ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर उपलब्ध करवाई जाएगी. इस कार्यक्रम के तहत बीकानेर जिले के विभिन्न पहलुओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की उम्मीद है, जो स्थानीय लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बनाएगा.

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